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अंतरराष्ट्रीय प्रवासन और विकास पर बैठक को संबोधित करतीं महासभा अध्यक्ष मारिया फ़र्नान्डा एस्पिनोसा.
UN Photo/Loey Filipe

'प्रवासन और टिकाऊ विकास में निकट संबंध'

संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष मारिया फ़र्नान्डा एस्पिनोसा ने कहा है कि प्रवासन और टिकाऊ विकास के मुद्दे गहराई तक आपस में जुड़े हुए हैं.. ऐसे में टिकाऊ विकास लक्ष्यों से जुड़ा संयुक्त राष्ट्र का 2030 एजेंडा तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक उसमें व्यापक रूप से प्रवासियों को सम्मिलित न किया जाए. 

राजनीतिक मामलों की सहायक महासचिव रोज़मैरी डिकार्लो (फ़ाइल).
UN Photo/Eskinder Debebe

यूएन और अफ़्रीकी संघ की साझेदारी शांति प्रयासों की 'आधारशिला'

संयुक्त राष्ट्र और अफ़्रीकी संघ के बीच रणनीतिक साझेदारी अफ़्रीका में शांति और सुरक्षा के लिए हो रही प्रयासों की आधारशिला बन गई है.  राजनीतिक मामलों के लिए यूएन की सहायक महासचिव रोज़मैरी डिकार्लो ने सुरक्षा परिषद में चर्चा के दौरान कहा कि अफ़्रीकी महाद्वीप पर बंदूकों को शांत करने की दिशा में प्रयास परिणाम दिखाने लगे हैं.   

यमन में मानवीय राहत के लिए उच्चस्तरीय सम्मेलन के सिलसिले में पत्रकारों से बातचीत करते संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश.
UN Photo/Jean-Marc Ferré

यमन में मानवीय मदद के लिए 2.6 अरब डॉलर का संकल्प

यमन में जारी संकट से निपटने के लिए हो रहे प्रयासों के तहत दानदाता देशों ने मानवीय राहत अभियानों के लिए 2.6 अरब डॉलर की सहायता राशि प्रदान करने का संकल्प लिया है. यह धनराशि पिछले साल के मुक़ाबले 30 फ़ीसदी अधिक है जिससे यमन में विकट परिस्थितियों में रह रहे लाखों लोगों तक मानवीय राहत पहुंचाने के काम में मदद मिल सकेगी. 

निरस्त्रीकरण सम्मेलन का पहला दिन.
UN Photo/Antoine Tardy

हथियारों पर नियंत्रण के लिए नए सिरे से प्रयासों की ज़रूरत

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से जटिल वातावरण में हथियारों पर नियंत्रण कसने के लिए एक नई वैश्विक दृष्टि की आवश्यकता है. उन्होंने आगाह किया कि सदस्य देशों को बिना सोचे-समझे परमाणु हथियारों की दौड़ में शामिल नहीं हो जाना चाहिए. 

जिनिवा स्थित यूएन मानवाधिकार परिषद का 40वां सत्र शुरु.
UN Photo/Jean-Marc Ferré

मानवाधिकारों के लिए अनेक चुनौतियाँ, मगर उम्मीद क़ायम

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मानवाधिकार परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा है कि दुनिया के कई हिस्सों में आम लोगों के अधिकार ख़तरे में हैं. इसके बावजूद उन्होंने आशा का दामन नहीं छोड़ा है, क्योंकि सामाजिक न्याय के लिए हो रहे सशक्त आन्दोलन प्रगति लाने में सफल भी हो रहे हैं. 

 काबुल में हमले की चपेट में आया एक पत्रकार दल.
Reuters/Omar Sobhani

अफ़ग़ानिस्तान के लिए त्रासदी भरा रहा साल 2018

महिलाओं और बच्चों सहित 3,800 से ज़्यादा आम नागरिकों की ज़िंदगियां लील जाने वाला पिछला साल बेहद ‘व्यथित कर देने वाला और अस्वीकार्य’ साबित हुआ. अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) और मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) की नई रिपोर्ट दर्शाती है कि 2017 की तुलना में मृतकों की संख्या में 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. 

ज़िम्बाब्वे के बुलावायो में पराग रस एकत्र कर रही एक मधुमक्खी.
FAO/Zinyange Auntony

सिकुड़ती जैव विविधता खाद्य और कृषि प्रणाली के लिए ख़तरा

संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि खाद्य प्रणाली को मज़बूत आधार प्रदान करने वाली जैव विविधता धीरे धीरे गायब हो रही है. इससे भोजन, आजीविका, स्वास्थ्य और पर्यावरण के भविष्य के लिए  बड़ा ख़तरा पैदा होता जा रहा है. 

सुरक्षा परिषद (फ़ाइल)
UN Photo/Eskinder Debebe

सुरक्षा परिषद ने पुलवामा हमले की कड़ी निंदा की

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जम्मू और कश्मीर राज्य में 'जघन्य और कायराना' ढंग से हुए आत्मघाती बम हमले की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा की है. 14 फ़रवरी को पुलवामा ज़िले में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़) के काफ़िले पर हुए इस हमले में 40 भारतीय सुरक्षाकर्मी मारे गए थे.

स्वाधीनता के लिए नामीबिया का संघर्ष 40 सालों तक यूएन एजेंडा का हिस्सा रहा.
UN Photo/John Isaac

वि-औपनिवेशीकरण की प्रक्रिया में मिली सफलता 'प्रेरणादायी'

संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में वि-उपनिवेशीकरण एक बेहद अहम अध्याय  है लेकिन इस अध्याय का लेखन अभी जारी है क्योंकि अब भी दुनिया में 17 ऐसे क्षेत्र हैं जो स्वयं-शासित नहीं हैं. यूएन वि-औपनिवेशीकरण समिति के  वर्ष 2019 सत्र को संबोधित करते हुए महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ये बात कही. 

विएतनाम में मूल निवासियों के एक समुदाय के बच्चे पढ़ाई करते हुए.
UNICEF/UNI10236/Estey

सांस्कृतिक विरासत की पहचान है मातृभाषा

हर दो हफ़्ते में दुनिया में एक भाषा विलुप्त हो जाती है, और उसके साथ ही उससे जुड़ा मानवीय इतिहास और सांस्कृतिक विरासत भी खो जाती है.  21 फ़रवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर भाषाई विविधता को सम्मान देते हुए मूल निवासियों की भाषाओं को संरक्षित रखने की अहमियत के प्रति जागरूकता बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं. 

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