वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

प्रवासी और शरणार्थी

प्रवासी और शरणार्थी

सीरिया के एक शरणार्थी शिविर में कुछ बच्चे, 2018
UNICEF/ Aaref Watad

लंबी अवधि के नज़रिए से देखें तो सबूत साफ़ नज़र आते हैं और वो ये कि प्रवासन के संबंधित चुनौतयों के मुक़ाबले फ़ायदे कहीं ज़्यादा हैं. और, प्रवासन के बारे में पूरी समझ विकसित किए बिना, प्रवासियों के बारे में नकारात्मक दृष्टिकोण और कहानियाँ बहुत नज़र आते हैं.

लुई आर्बर, अंतरराष्ट्रीय प्रवासन मामलों के लिए महासचिव की विशेष दूत,

21 फ़रवरी 2018 को एक महत्वपूर्ण सम्मेलन में की गई टिप्पणी
 

संक्षिप्त विवरण ( Overview)

दुनिया भर में करोड़ों की संख्या में लोग जबरन विस्थापित होते हैं जिससे ये एक विश्व संकट बन चुका है. इसकी चुनौतियों का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता के साथ प्रयासों की ज़रूरत है जिसका नेतृत्व भी विश्व नेताओं के हाथों में हो. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने शरणार्थियों और प्रवासियों की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक कारगर रास्ता निकालने के लिए विश्व व्यापी पुकार लगाई है. ऐसा रास्ता जो अन्तरराष्ट्रीय शरणार्थी क़ानून, मानवाधिकर और मानवीय क़ानूनों के सिद्धांतों से निर्देशित हो. 

वैश्विक प्रतिक्रिया (Global Response)

 

हवा भरकर बनाई गई नावों के ज़रिए ग्रीस में पहुँचने की कोशिश करते शरणार्थी और प्रवासी.

दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय सीमाएँ पार करने वाले शरणार्थियों और प्रवासियों की संख्या सारे रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. यानी इतनी बड़ी संख्या में पहले कभी शरणार्थी या प्रवासी नहीं बने. इसके बहुत से कारण हैं. बहुत से लोग अपने स्थानों पर संघर्ष, हिंसा, युद्ध से बचने के लिए सुरक्षा के लिए भाग रहे हैं तो कुछ किसी अन्य वजहों से अपने ऊपर होने वाले ज़ुल्मो-सितम से बचने के लिए. कुछ लोग ग़रीबी से तंग आकर बेहतर हालात की उम्मीद में अन्य स्थानों के लिए निकल जाते हैं तो कुछ अपनी ज़िन्दगी के लिए दरपेश ख़तरनाक़ हालात से बचने के लिए. कुछ लोग अन्य स्थानों या देशों में श्रमिकों की कमी पूरी करने या अपने कौशल के लिए कामकाज की तलाश में अपना स्थान छोड़ देते हैं. कुछ लोग जीवन में कुल मिलाकर बेहतर हालात की उम्मीद में ही अपना स्थान छोड़कर देश के भीतर या अन्य देशों में भी जाने में नहीं झिझकते.

ज़रूरी नहीं कि उनका ये सफ़र उनके लिए बेहतरी लाने वाला ही साबित हो, अक्सर उनके लिए बहुत से ख़तरे भी पैदा हो जाते हैं. अक्सर हम ख़बरों में सुनते हैं कि बेहतर हालात की तलाश में निकले शरणार्थी या प्रवासी किन-किन मुसीबतों में फँस जाते हैं. इनमें जल मार्ग से छोटी-छोटी नावों में बेतहाशा संख्या में भरकर जाने वाले लोग अक्सर नाव डूबने के शिकार हो जाते हैं. इनमें से जो लोग अपनी मंज़िल तक पहुँच भी जाते हैं तो उन्हें वहाँ अदावत, ख़तरनाक़ और असहिष्णु हालात और बर्ताव का सामना करना पड़ता है. जो मेज़बान लोग या समुदाय शरणार्थियों या प्रवासियों की मदद करना चाहते हैं, वो भी अक्सर चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार और सक्षम नहीं होते हैं क्योंकि शरणार्थियों और प्रवासियों की संख्या अक्सर बहुत ज़्यादा होने लगी है. 

ज़िम्मेदारियों का बँटवारा भी सही तरीक़े से नहीं हो रहा है. शरणार्थियों, प्रवासियों और व्यक्तिगत कारणों की वजह से पनाह (Asylum) मांगने वालों की बहुत बड़ी संख्या सिर्फ़ मुट्ठी भर देशों और समुदायों में रहने को मजबूर है. शरणार्थियों और प्रवासियों के मुश्किल सफ़र के दौरान होने वाली मौतों से आगे नज़र डालें तो इतनी बड़ी संख्या में आबादी के विस्थापित होने से बहुत सी जटिलताएँ पैदा हो रही हैं जिनके व्यापक सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक प्रभाव होते हैं.  

शरणार्थियों और प्रवासियों की समस्याओं को समझने और चुनौतियों का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और ज़्यादा सहानुभूतिपूर्वक और दरियादिली वाली होनी चाहिए. इतनी बड़ी संख्या में शरणार्थियों और प्रवासियों की स्थिति और ज़रूरतों को समझने और उनकी मदद करने के लिए विभिन्न साझीदारों को मिलजुलकर तालमेल के साथ काम करना होगा. संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था, ग़ैर-सरकारी संगठन (NGO) और तमाम साझीदार संगठन शरणार्थियों और प्रवासियों के हालात का मुद्दा उठाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं. इस चुनौती या यूँ कहें कि संकट का सामना करने के लिए संबंद्ध पक्षों से मदद के वायदे लेना और उन्हें एकजुटता पर आधारित क़दमों और उपायों के लिए तैयार करना भी शामिल है. 

ग्लोबल रिस्पाँस

कॉम्पैक्ट फ़ॉर माइग्रेशन

कॉम्पैक्ट ऑन रैफ्यूजीज़

न्यूयॉ़र्क घोषणा-पत्र

रिपोर्ट्स व दस्तावेज़

वक्तव्य

शरणार्थियों और प्रवासियों पर संयुक्त राष्ट्र का सम्मेलन

संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था ( UN System)

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ, धनराशि और संबद्ध संगठन

ग्रीस के सुरक्षाकर्मी लैस्बॉस में शरणार्थियों व प्रवासियों की मदद करते हुए. Photo: UNHCR/Achilleas Zavallis
Photo: UNHCR/Achilleas Zavallis

बच्चे - UNICEF

विकास - यू एन डी पी I विश्व बैंक

आर्थिक - आर्थिक और सामाजिक मामले (डीईएसए)

मानवीय सहायता तालमेल - ओ सी एच ए

मानवाधिकार - ओ एच सी एच आर

प्रवासन - आई ओ एम

जनसंख्या - यू एन एफ़ पी ए

शरणार्थी - यू एन एच सी आर

महिलाएं - यू एन महिला

शरणार्थियों और प्रवासियों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन

 

इराक़ के मोसूल में भीषण लड़ाई से बचकर निकला एक परिवार. Photo: UNHCR/Ivor Prickett
Photo: UNHCR/Ivor Prickett

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शरणार्थियों और प्रवासियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 19 सितंबर 2016 को एक उच्च स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया.

इस सम्मेलन का मक़सद शरणार्थियों और प्रवासियों के हालात और चुनौतियों का सामना ज़्यादा मानवीय नज़रिए से करने के लिए देशों को एकजुट करना था.

शरणार्थी और प्रवासी इतनी बड़ी संख्या में स्थान बदल रहे हैं कि किसी एक देश के लिए इस स्थिति का सामना करना आसान नहीं है.

इस चुनौती का टिकाऊ समाधान निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर काम करना होगा.

संयुक्त राष्ट्र के पदाधिकारी

कनाडा मूल की लुई आर्बर अंतरराष्ट्रीय प्रवासन मामले पर महासचिव की विशेष प्रतिनिधि हैं.

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन मामलों पर महासचिव की विशेष प्रतिनिधि - लुई आर्बर. UN Photo/Mark Garten
UN Photo/Mark Garten


विशेष प्रतिनिधि लुई आर्बर 19 सितंबर 2016 के सम्मेलन के बाद प्रवासन संबंधी तमाम गतिविधियों पर नज़र रखती हैं.

इसमें शरणार्थियों और प्रवासियों की बड़ी संख्या के एक स्थान से दूसरे स्थानों पर जाने के दौरान पेश आने वाली चुनौतियों को समझना और उन्हें आसान बनाने के लिए प्रयास करना भी शामिल है.

 

 

 

इससे पहले वरिष्ठ नेतृत्व प्रदान कर चुके व्यक्तियों का ब्यौरा:

पीटर सदरलैंड (आयरलैंड), उन्होंने प्रवासन पर विशेष प्रतिनिधि के रूप में 2006 से 11 से भी अधिक वर्षों तक काम किया.


कैरेन अबू ज़ायद (अमरीका), इन्होंने बड़ी संख्या में शरणार्थियों और प्रवासियों के विस्थापन के मुद्दे पर आयोजित सम्मेलन के विशेष सलाहकार के तौर पर जनवरी से अक्तूबर 2016 तक काम किया.


इज़ूमी नाकामीत्सू (जापान), इन्होंने शरणार्थियों और प्रवासियों के बड़ी संख्या में विस्थापन के मुद्दे पर 2016 में हुए सम्मेलन के प्रावधानों को आगे बढ़ाने और उनकी प्रगति पर नज़र रखने के लिए नवंबर 2016 से फ़रवरी 2017 तक विशेष सलाहकार के रूप में काम किया.
 

संबंधित घटनाक्रम

महत्वपूर्ण घटनाएँ व समय

प्रवासन से संबंधित प्रमुख शब्दावली

प्रवासन से संबंधित संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टें और प्रस्ताव (1999 – 2014)

प्रवासन पर संयुक्त राष्ट्र में आई ओ एम के वक्तव्य (2013 - 2016)

विश्व प्रवासन रिपोर्ट (2015)

प्रवासन पर पहल (2016)

सफ़र पर निकले बेसहारा बच्चे (रिपोर्ट, 2011)

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन और विकास मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित उच्चस्तरीय डायलॉग (2013)

विश्व मानवीय सहायता सम्मेलन (इस्तांबुल, 23-24 मई 2016)

एनेनबर्ग फ़ाउंडेशन फ़ोटो प्रदर्शनी – “REFUGEE” (लॉस एंजलिस, 23 अप्रैल से 21 अगस्त 2016)

कमेटी का 24वाँ सत्र (जिनीवा, 11-22 अप्रैल 2016)

मानवीय प्रतिक्रिया और विकास के लिए प्रवासन पर आँकड़ों की जानकारी (न्यूयॉर्क, 5 अप्रैल 2016)

अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस (18 दिसंबर)

भूमध्य सागर के रास्ते से आने वाले शरणार्थियों के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक (न्यूयॉर्क, 20 नवंबर 2015)

शरणार्थी और मानवीय संकट की चुनौती से निपटने के लिए महासभा की अनौपाचिरक बैठक (न्यूयॉर्क, 19 नवंबर 2015)

अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन की प्रवासियों और शहरों के मुद्दे पर बैठक (जिनीवा, 26-27 अक्तूबर 2015)

प्रवासन और विकास पर वैश्विक फ़ोरम (तुर्की, 14-16 अक्तूबर 2015)

प्रवासन और शरणार्थियों के मुद्दे पर उच्च स्तरीय बैठक (न्यूयॉर्क, 30 सितंबर 2015)

ग्लोबल माइग्रेशन ग्रुप का प्रवासियों के आर्थिक योगदान पर सम्मेलन (न्यूयॉर्क, 25-26 मई 2015)
 

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