सूडान: अल-फ़शर शहर में सैन्य जमावड़ा रोके जाने की पुकार
संयुक्त राट्र के सदस्यों ने सूडान में युद्धरत पक्षों से उत्तरी दारफ़ूर प्रान्त की राजधानी अल फ़शर में तत्काल सैन्य जमावड़ा रोकने और तनाव को कम करने के लिए क़दम उठाने का आहवान किया है.
संयुक्त राट्र के सदस्यों ने सूडान में युद्धरत पक्षों से उत्तरी दारफ़ूर प्रान्त की राजधानी अल फ़शर में तत्काल सैन्य जमावड़ा रोकने और तनाव को कम करने के लिए क़दम उठाने का आहवान किया है.
संयुक्त राष्ट्र की बाल कल्याण एजेंसी – UNICEF ने यूक्रेन में घातक युद्ध जारी रहने के बीच, शुक्रवार को आगाह किया है वर्ष 2023 की तुलना में इस वर्ष अभी तक मारे गए बच्चों की संख्या में 40 प्रतिशत अधिक देखी गई है.
इसराइल में 7 अक्टूबर को हमास व अन्य गुटों द्वारा किए गए हमलों में, यूएन एजेंसी (UNRWA) के 12 कर्मचारियों के संलिप्त होने के आरोपों की जाँच कर रहे कार्यालय ने, एक मामले में पड़ताल बन्द कर दी है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक के अनुसार इसराइल ने इन आरोपों के समर्थन में कोई साक्ष्य प्रदान नहीं किए हैं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) ने सूडान में उत्तरी दारफ़ूर प्रान्त के अल-फ़शर शहर में हिंसा में आए उछाल पर चिन्ता व्यक्त की है, जहाँ पिछले दो सप्ताह के दौरान सूडान के सशस्त्र बलों और अर्द्धसैनिक बल (RSF) के बीच लड़ाई में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा है कि ग़ाज़ा में बिना फटे बमों को हटाने और उस स्थान को फिर से सुरक्षित बनाने में, 14 वर्षों तक की समय लग सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चिन्ता जताई है कि कोविड-19 महामारी के दौरान, अस्पतालों में भर्ती संक्रमितों के उपचार में एंटीबायोटिक दवाओं का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल किया गया. इससे मरीज़ों की स्थिति में कोई विशेष सुधार तो नहीं हुआ मगर रोगाणुरोधी प्रतिरोध (antimicrobial resistance) का ख़तरा बढ़ने की आशंका पनप गई, जिसमें एंटीबॉयोटिक्स दवाएँ कई तरह के संक्रमण को रोकने में बेअसर साबित होती हैं.
संयुक्त राष्ट्र के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरूवार को कहा है कि सूडान में महिलाओं और लड़कियों के ख़िलाफ़ यौन हिंसा की लहर का अन्त करने के लिए, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को, तत्काल कार्रवाई करनी होगी.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि हेती में मौजूदा संकट का आम नागरिकों पर विनाशकारी असर हो रहा है. देश की 50 फ़ीसदी से अधिक आबादी खाद्य असुरक्षा का शिकार है और 10 लाख से अधिक लोग आपात स्तर पर भरपेट भोजन ना मिल पाने का सामना कर रहे हैं.
ग़ाज़ा में युद्ध की वजह से वृहद मध्य पूर्व क्षेत्र पर एक स्याह छाया पसरी हुई है, विशेष रूप से सीरिया में जहाँ सिलसिलेवार हवाई हमलों के कारण पहले से ही गम्भीर मानवीय स्थिति और बिगड़ती जा रही है. सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को वहाँ हालात से अवगत कराया.
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने गुरूवार को कहा है कि पूरे ग़ाज़ा पट्टी क्षेत्र में झुलसा देने वाली गर्मी वृद्धि ने, वहाँ के लोगों की पहले से जारी भीषण पीड़ाओं को और बढ़ा दिया है और स्वच्छ पानी की समुचित उपलब्धता और कूड़े-कचरे के सुरक्षित निपटान के अभाव में बीमारियाँ फैलने का नया जोखिम उत्पन्न हो गया है.