सीरिया में मार्च 2011 में गृहयुद्ध शुरू होने के बाद से ही वहाँ अभूतपूर्व और अकल्पनीय तबाही और बर्बादी हुई है. साथ ही भारी संख्या में लोग बेघर भी हुए हैं. 50 लाख से ज़्यादा सीरियाई लोगों को देश छोड़कर भी भागना पड़ा है और क़रीब 60 लाख लोग देश के भीतर ही विस्थापित हुए हैं. एक करोड़ 30 लाख से ज़्यादा लोगों को जीवित रहने के लिए सहायता की ज़रूरत है. सीरियाई संघर्ष और युद्ध ने सीरियाई लोगों के लिए असीमित तकलीफ़ों और तबाही के हालात बना दिए जिनसे पुरुष, महिलाएँ और बच्चे कोई अछूते नहीं बच सके.
सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत स्तफ़ाँ डी मिस्तूरा सीरिया के विभिन्न पक्षों के बीच बातचीत कराने और वहाँ युद्ध को ख़त्म करने के लिए अथक कोशिशें कर रहे हैं. जनवरी 2016 से ही विशेष दूत डी मिस्तूरा ने सीरियाई बातचीत के कई दौर आयोजित कराए हैं. साल 2017 और 2018 के दौरान भी ये बातचीत जारी रही. इन बातचीतों में सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 2254 (2015) के दो प्रमुख पहलुओं पर ध्यान दिया गया है. पहला है - नया संविधान तैयार करने की प्रक्रिया और समय सीमा. और दूसरा है सीरियाई नेताओं द्वारा ख़ुद की प्रक्रिया के आधार पर चुनाव कराना जिनके ज़रिए युद्ध को समाप्त किया जा सके.
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सीरिया में मार्च 2011 में युद्ध शुरू होने के बाद क़रीब ढाई लाख लोगों की मौत हो चुकी है और दस लाख से ज़्यादा घायल हुए हैं. सीरिया की आधी से ज़्यादा आबादी को या तो अपने घर छोड़ने के मजबूर होना पड़ा है, एक नहीं कई बार. इस तरह सीरिया दुनिया भर में विस्थापित लोगों का सबसे बड़ा संकट बन गया है. पूरे देश में असुरक्षा के हालात हैं और मानवाधिकारों के बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ है. अन्तरराष्ट्रीय क़ानून, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय सहायता क़ानून और मानवाधिकार क़ानूनों का भी बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ है. संयुक्त राष्ट्र ज़रूरतमंद लोगों तक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए साझीदारों के साथ मिलकर अथक प्रयास कर रहा है.
मानवीय सहायता तालमेल एजेंसीू - OCHA
बच्चों की देखभाल - यूनीसेफ़
स्वास्थ्य - WHO
विश्व विरासत - UNESCO
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 दिसंबर 2016 को अंतरराष्ट्रीय, निष्पक्ष और स्वतंत्र प्रक्रिया (मैकेनिज़्म) का गठन किया. इसका उद्देश्य सीरिया में युद्ध के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानूनों के उल्लंघन के सबूत इकट्ठा करके उनका विश्लेषण करना है. इसका लक्ष्य ये भी है कि इन सबूतों और आकलन के आधार पर एक स्वतंत्र और निष्पक्ष आपराधिक प्रक्रिया चलाई जा सके. ये प्रक्रिया सीरिया के किसी राष्ट्रीय न्यायालय, क्षेत्रीय या फिर अंतरराष्ट्रीय अदालत या ट्राइब्यूनल में भी जलाई जा सकती है जिन्हें इन अपराधों के बारे में सुनवाई के अधिकार सौंपे जाएँ.
संयुक्त राष्ट्र महासभा का प्रस्ताव - 71/248 ( इंगलिश I अरबी )
प्रस्ताव संख्या 71/248 को लागू करने के बारे में महासचिव की रिपोर्ट - (इंगलिश Iअरबी )
IIIM पर कुछ आम प्रश्न और उनके जवाब - ( इंगलिश Iअरबी )
IIIM को स्वैच्छिक योगदान की सूची (1 जुलाई 2017 तक)