वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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इंटरव्यू: दक्षिण पूर्व एशिया में, अवैध अर्थव्यवस्थाओं को, प्रौद्योगिकी से ‘सुपर ईंधन’

दक्षिण पूर्व एशिया में संगठित अपराध गिरोह, अपनी गतिविधियाँ, क्षेत्र के दूर-दराज के इलाक़ों में स्थानान्तरित कर रहे हैंजहाँ क़ानून का शासन मज़बूत नहीं हैसंयुक्त राष्ट्र के मादक पदार्थ एवं अपराध निरोधक कार्यालय (UNODC) के एक वरिष्ठ अधिकारी इस घटनाक्रम को "अवैध आर्थिक गतिविधियों की सुपरचार्जिंग" कह रहे हैं. इसमें ड्रग्स व इनसानों की तस्करी का फैलाव किए जाने के साथ-साथ, धन की हेराफेरी और धोखाधड़ी वाली 'घोटालागतिविधियों का विस्तार भी शामिल है.

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साक्षात्कार: यूक्रेन के बच्चों की 'शान्ति की मासूम उम्मीदें'

यूक्रेन की राजधानी कीव में यूनीसेफ़ के वरिष्ठ प्रतिनिधि के अनुसार, देश के बच्चों की 'शान्ति के लिए मासूम उम्मीद' और वहाँ के सभी नागरिकों का, अपना भविष्य संवारने का दृढ़ संकल्प हीदेश को रूस के पूर्ण आक्रमण के बाद की दूसरी सर्दियों से मुक़ाबला करने की ताक़त दे रहा है.

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साक्षात्कार: ग़ाज़ा में 'अभूतपूर्व' स्तर पर विनाश, विस्थापन और पीड़ा

ग़ाज़ा में जारी युद्ध से फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी - UNRWA पर "अभूतपूर्व" प्रभाव पड़ा है. इस यूएन एजेंसी में संचार निदेशक जूलियट टौमा ने यूएन न्यूज़ को बताया है कि लड़ाई में मारे गए अपने सहयोगियों के लिए शोकाकुल एजेंसी के कर्मचारी, ग़ाज़ा में भयंकर बमबारी के हालात में काम कर रहे हैं.

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ग़ाज़ा से यूक्रेन तक, मानवाधिकारों का भयावह हनन रोकने के लिए जवाबदेही अनिवार्य, वोल्कर टर्क

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी वोल्कर टर्क ने गुरूवार को कहा है कि ग़ाज़ा में युद्ध अब भी तबाही मचा रहा है और मृत्यु संख्या लगातार बढ़ रही है, हताहतों में अधिकतर महिलाएँ व बच्चे हैं, ऐसे में, जवाबदेही निर्धारित किया जाना "बेहद अनिवार्य" है ताकि कष्ट व पीड़ाओं को बढ़ने से रोका जा सके.

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साक्षात्कार: महासभा के प्रस्ताव में झलकती है - 'मानवता की अन्तरात्मा', डेनिस फ़्रांसिस

ग़ाज़ा में मानवीय युद्धविराम का आहवान करने वाला, हाल ही का महासभा प्रस्ताव, इस बात का उदाहरण है कि सभी 193 देशों की सदस्यता वाला संयुक्त राष्ट्र का यह अहम निकाय, किस तरह वैश्विक विवेक का दर्पण है.

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UNGA78: संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा, नेताओं की उपस्थिति नहीं, कार्रवाई महत्वपूर्ण

संयुक्त राष्ट्र महसाचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र में अनेक बड़े वैश्विक नेताओं के हिस्सा नहीं लेने के मुद्दे पर कहा है कि उन्हें परवाह नहीं है कि कौन नेतागण उपस्थित हैं, कौन नहीं, ज़रूरी ये है कि ख़ासतौर पर पिछड़ते टिकाऊ विकास लक्ष्यों में दोबारा जान फूँकने पर कार्रवाई सम्भव हो. 

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साक्षात्कार: आतंकवाद निरोधक समिति की भारत में विशेष बैठक, समिति अध्यक्ष के साथ बातचीत

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधक समिति की दो दिवसीय विशेष बैठक, शुक्रवार को भारत के मुम्बई शहर में शुरू हो रही है, जिसमें वैश्विक सुरक्षा के लिये, नवीन और उभरती प्रौद्योगिकियों से दरपेश बढ़ते ख़तरों का मुक़ाबला किये जाने के उपाय, चर्चा के मुख्य मुद्दे होंगे. समिति की प्रमुख और भारतीय राजदूत रुचिरा काम्बोज ने यूएन न्यूज़ के साथ एक बातचीत में बताया कि आतंकवादी तत्व, किस तरह नई व सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली प्रौद्योगिकी - सोशल मीडिया, का फ़ायदा उठा रहे हैं.

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साक्षात्कार: महासचिव की पुकार - भूराजनैतिक मतभेदों के अन्त, जलवायु संकट से निपटने के लिये, रास्ता बदलना होगा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जलवायु परिवर्तन से लेकर भूराजनैतिक मतभेदों से लेकर गहरी होती विषमताओं और संघर्षों जैसी अनेक वैश्विक चुनौतियों का सन्दर्भ देते हुए, इनसे निपटने के लिये अन्तरराष्ट्रीय एकजुटता मज़बूत करने की पुकार लगाई है.

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साक्षात्कार: यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट के साथ विदाई बातचीत

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट, इस पद पर चार साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अगस्त में, इस ज़िम्मेदारी को अलविदा कह रही हैं. उन्होंने यूएन न्यूज़ के साथ अपने विदाई साक्षात्कार में कहा है कि उन्होंने हमेशा ही अपनी बात किसी भी डर के बिना रखी है. मगर उन्होंने यह भी स्वीकार किया है कि ये ज़िम्मेदारी, देशों को स्वतंत्रताओं को सीमित करने से रोकने के लिये, लगातार चुनौतियों से भरी हुई है.

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इंटरव्यू: एक साथ मिलकर महासागरों की देखभाल करने का आग्रह

विश्व महासागर दिवस’ हर वर्ष 8 जून को मनाया जाता है, जोकि हमारे दैनिक जीवन में महासागरों की महत्वपूर्ण भूमिका पर फिर से ध्यान दिलाने का एक अवसर है. वर्ष 2022 की थीम, ऊर्जा का पुन: संचार: महासागरों के लिये सामूहिक कार्रवाई (Revitalization: collective action for the ocean) के ज़रिये उनकी रक्षा के लिये साथ मिलकर प्रयास किये जाने की अहमियत को रेखांकित किया जा रहा है.