वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

के द्वारा छनित:

एशिया प्रशान्त

स्टोर में वॉक-इन कूलर के भीतर पीसीवी टीके का स्टॉक जाँचते हुए मंसूरी .
© UNICEF/Mithila Jariwala

भारत: गुजरात में माँ-बच्चों तक समय पर वैक्सीन पहुँचाने का बीड़ा

भारत के गुजरात प्रदेश में, यूनीसेफ़ और सूरत नगर निगम की साझेदारी से, समुदायों तक समय पर, उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले टीके पहुँचाए जा रहे हैं. ये प्रयास, समुदायों में यह भरोसा जगा रहे हैं कि बच्चा कहीं भी जन्म ले - शहर की ऊँची इमारतों में या नदी किनारे की बस्ती में - उसे सुरक्षित जीवन का पहला कवच, समय पर मिलेगा.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात की.
© UNOHCHR/Anthony Headley

बांग्लादेश: मानवता के विरुद्ध अपराध मामलों में निर्णय, ‘भुक्तभोगियों के लिए अहम क्षण’

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना और पूर्व गृहमंत्री को ढाका में अन्तरराष्ट्रीय अपराधों के लिए ट्राइब्यूनल ने मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए दोषी क़रार देते हुए मौत की सज़ा सुनाई है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने इस निर्णय को, 2024 में भड़के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान हुई दमनात्मक कार्रवाई और मानवाधिकार हनन के भुक्तभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण क़रार दिया है, मगर मृत्युदंड थोपे जाने पर खेद व्यक्त करते हुए, निष्पक्ष अदालती प्रक्रिया के अन्तरराष्ट्रीय मानकों की अहमियत पर भी बल दिया है.

जीवन के शुरुआती दिन महत्वपूर्ण होते हैं, इसीलिए सही भोजन, प्रोत्साहन और देखभाल, पहले 1000 दिनों में बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं.
© UNICEF/Divyakant Solanki

भारत: अभिनेत्री कीर्ति सुरेश करेंगी बाल अधिकारों की पैरोकारी

भारत स्थित यूनीसेफ़ कार्यालय ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री कीर्ति सुरेश को बाल अधिकारों के लिए अपनी पैरोकार नियुक्त किया है. कीर्ति अब उन प्रमुख हस्तियों में शामिल हो गई हैं जो  पूरे देश में बच्चों के अधिकारों को आगे बढ़ाने में सहयोग करते हैं.

निदान और उपचार के बाद, सुरेखा की सेहत पहले से बेहतर हो गई है.
© UNICEF/Mithila Jariwala

भारत: रक्त की गम्भीर बीमारी का बोझ, मगर दोस्तों के साथ से मिली नई उम्मीद

छत्तीसगढ़ प्रदेश के जशपुर ज़िले में एक 19 वर्षीय महिला सुरेखा विश्वकर्मा को, रक्त की एक बहुत जटिल प्रकार की बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया था, जिसका नाम है सिकल सैल (Sickle cell). मगर यूनीसेफ़ की पहल और कुछ दोस्तों के अनमोल साथ ने, उनकी ज़िन्दगी को नया मोड़ दे दिया. यूनीसेफ़ के सहयोग से चल रहा एक स्वास्थ्य कार्यक्रम सैकड़ों युवाओं के जीवन में नई उम्मीद भर रहा है.

सूडान के अल फ़शर में हिंसा से बचने के लिए अनेक लोगों ने तवीला शहर का रुख़ किया है.
© UNICEF

संक्षेप में: सूडान में भूख संकट गहराने की आशंका, म्याँमार में विकलांगजन के अधिकारों का हनन

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने आगाह किया है कि परस्पर विरोधी सैन्य बलों के बीच टकराव से जूझ रहे सूडान में, देश की 45 फ़ीसदी आबादी, यानि 2 करोड़ से अधिक लोगों को पेट भरने के लिए भोजन नहीं मिल पा रहा है.  

पल्लवी और उनके पिता विवेक ताम्रकार, अब डायबिटीज़ के साथ जीवन जीने के संघर्ष में साथ मिलकर आगे बढ़ रहे हैं.
© UNICEF/Mithila Jariwala

भारत: इंसुलिन की सुई से आशाओं व सपनों को सहारा

11 साल की पल्लवी ताम्रकार हर सुबह की तरह दाँत ब्रश करती है, अपना स्कूल बैग तैयार करती है और फिर शान्त मन से अपने हाथ पर इंसुलिन की सुई लगाती है. कभी ऐसा भी था कि पल्लवी को यह सुई लगाने से डर लगता थामगर अब यह सुई उसकी हिम्मत की पहचान है आत्मनिर्भरतासाहस और एक नन्ही बच्ची के बड़े सपनों व उम्मीदों की पहचान. 

एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में पोषक तत्वों से सुदृढ़ चावल और गेहूँ, आहार एवं भविष्य, दोनों बदल रहे हैं.
© WFP

पोषण के दाने: एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में पोषक आहार का नवीन अध्याय

देखने में तो गेहूँ और चावल की सभी क़िस्मों के दाने एक जैसे नज़र आते हैं, मगर यूएन एजेंसियाँ, हमारे ज़रूरी आहार के जो दाने एशिया प्रशान्त में मुहैया करा रही हैं, उनमें स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी पोषक तत्व भी शामिल हैं, जिससे स्वास्थ्य के लिए उन दानों की उपयोगिता बढ़ जाती है. ये प्रयास पोषक तत्वों में समृद्ध चावल और गेहूँ के ज़रिए लोगों के खाने को अधिक पौष्टिक बना रहे हैं, और साथ ही लाखों परिवारों के स्वास्थ्य और भविष्य को बदल रहे हैं.

जलवायु चैम्पियन, ECRICC परियोजना की रीढ़ हैं.
© UNDP India

भारत: ओडिशा में कविता, संस्कृति और समुदाय सक्रियता के ज़रिए जलवायु मुहिम

भारत के ओडिशा प्रदेश की महिलाएँ चक्रवात-प्रवण पूर्वी तट पर एक शान्त जलवायु क्रान्ति की अगुवाई कर रही हैं. इस क्रान्ति में न तो विरोध प्रदर्शन हैं और न ही नीतिगत दस्तावेज़बल्कि इसमें शामिल हैं - कवितानृत्य और सामुदायिक भावना. ये महिलाएँ, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) समर्थित पहल के ज़रिए, तूफ़ानकटाव और हानि के अनुभवों को कविताओंगीतों एवं सतत आजीविकाओं में बदल रही हैं. यही बदलाव परिस्थितियों का सामना करने के हौसले व उम्मीद की नई कहानियाँ गढ़ रहा है.

म्याँमार में जानलेवा हालात से बचने के लिए, रोहिंज्या लोग अन्य देशों को जाने की ख़ातिर, घातक समुद्री यात्राएँ करने को विवश हैं.
© UNHCR/Amanda Jufrian

अंडमान सागर में नाव दुर्घटना, 21 यात्रियों की मौत

यूएन एजेंसियों ने, मलेशिया और थाईलैंड के दरम्यान हाल में हुई एक नौका दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. यह नाव म्याँमार से 70 लोगों को लेकर जा रही थी, जिनमें रोहिंग्या भी शामिल थे. इस दुर्घटना में कम से कम 21 लोगों के मारे जाने की ख़बरें हैं.

UNODC सर्वेक्षण टीम अफ़ग़ानिस्तान के सुखरुद में अफ़ीम पैदावार का सत्यापन कर रही है.
UNODC

अफ़ग़ानिस्तान: अफ़ीम पोस्त की खेती में गिरावट, मगर सिंथेटिक ड्रग्स की नई चुनौती

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि अफ़ग़ानिस्तान में अफ़ीम पोस्त की खेती में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. वर्ष 2022 में, सत्तारूढ़ तालेबान प्रशासन द्वारा लगाए गए राष्ट्रव्यापी प्रतिबन्ध के बाद से अफ़ीम पोस्त की खेती में बड़ी कमी का रुझान जारी है, हालांकि सिंथेटिक मादक मदार्थों के बढ़ते इस्तेमाल और तस्करी मार्ग में आए बदलावों की वजह से नई चुनौतियाँ भी उभरी हैं.