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महिलाएँ

जलवायु चैम्पियन, ECRICC परियोजना की रीढ़ हैं.
© UNDP India

भारत: ओडिशा में कविता, संस्कृति और समुदाय सक्रियता के ज़रिए जलवायु मुहिम

भारत के ओडिशा प्रदेश की महिलाएँ चक्रवात-प्रवण पूर्वी तट पर एक शान्त जलवायु क्रान्ति की अगुवाई कर रही हैं. इस क्रान्ति में न तो विरोध प्रदर्शन हैं और न ही नीतिगत दस्तावेज़बल्कि इसमें शामिल हैं - कवितानृत्य और सामुदायिक भावना. ये महिलाएँ, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) समर्थित पहल के ज़रिए, तूफ़ानकटाव और हानि के अनुभवों को कविताओंगीतों एवं सतत आजीविकाओं में बदल रही हैं. यही बदलाव परिस्थितियों का सामना करने के हौसले व उम्मीद की नई कहानियाँ गढ़ रहा है.

अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान शासन के दौरान, लड़कियों और महिलाओं को भारी उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है.
© UNICEF/Amin Meerzad

तालेबान शासन को 'सामान्य' मानने से, संकट दीगर गहराने का जोखिम

अफ़ग़ानिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति की निगरानी के लिए विशेष रैपोर्टेयर रिचर्ड बैनेट ने आगाह किया कि तालेबान शासन को सामान्य मानने से, देश में उत्पीड़न को वैधता मिलने और अफ़ग़ान संकट के दीगर गहराने का जोखिम है. उन्होंने साथ ही चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा है कि देश में लैंगिक समानता पर व्यवस्थागत ढंग से गहरा प्रहार किया जा रहा है.

अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान शासन ने, लड़कियों की छठी कक्षा से आगे की शिक्षा पर पाबन्दी लगा दी है.
© UN Women/Sayed Habib Bidell

अफ़ग़ानिस्तान: ठप इंटरनैट, दूरसंचार सेवाओं ने बढ़ाई आम नागरिकों की बेबसी

अफ़ग़ानिस्तान में कुछ ही सप्ताह पहले, दूरसंचार व इंटरनैट सेवाएँ बिना किसी पूर्व सूचना के ठप कर दी गई थीं, जिससे व्यापक स्तर पर आम जनजीवन प्रभावित हुआ था. अस्पतालों में आवश्यक सेवाओं के उपलब्ध नहीं होने से ऐसी मौतें हुई जिन्हें रोका जा सकता था. अपनी शिक्षा पर सख़्त पाबन्दियों की वजह से, शिक्षा के लिए इंटरनैट पर निर्भर लड़कियाँ मायूस हो गईं. बहुत सी महिलाएँ अपने घर लौटने के लिए अपने पुरुष संरक्षक के साथ सम्पर्क कर पाने में असमर्थ थीं. वहीं, ज़रूरतमन्द आबादी तक सहायता पहुँचाने के लिए प्रयास भी बुरी तरह प्रभावित हुए.

UN Women, दुनिया भर में, महिलाओं को लैंगिक हिंसा से बचाने के लिए, अनेक परियोजनाएँ चलाता है.
UN Women/Solomon Tumwesigye

सहायता धन कटौती से, महिला हिंसा-विरोधी कार्यक्रम बन्द या स्थगित

महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी – UN Women ने चेतावनी दी है कि सहायता कार्यों के लिए धन में कटौती किए जाने के परिणामस्वरूप, महिलाओं और लड़कियों के विरुद्ध हिंसा को समाप्त करने के लिए काम कर रहे अग्रिम पंक्ति के संगठन कमज़ोर पड़ रहे हैं.

डीआरसी में महिलाओं व लड़कियों को अनेक स्थानों पर यौन हिंसा का निशाना बनाया जाता है.
© UNICEF

DRC में महिलाओं के ख़िलाफ़ यौन हिंसा में वृद्धि पर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ अधिकारी ने काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) का दौरा करके लौटने के बाद चेतावनी दी कि देश में महिलाएँ और लड़कियाँ एक बहुत गम्भीर संकट में फँसी हुई हैं और उन्हें भारी असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है.

यमन की 15 वर्षीय लड़की अफ़ाफ़ के सामने रोज़गार वाला कामकाज तलाश करने या 40 वर्ष के पुरुष के साथ विवाह करने के कठिन विकल्प थे. UNFPA ने परामर्श और प्रशिक्षण के ज़रिए उन्हें इस मुसीबत से निकाला.
UNFPA/Abdulrahman Al Muallimi

कायापलट: संयुक्त राष्ट्र के 80 वर्षों के, जीवन रूपान्तरण कार्य की दास्तानें

संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया भर में अपने कार्यों के ज़रिए, लाखों लोगों पर सकारात्मक प्रभाव छोड़े हैं. ऐसे ही लोगों की कुछ कहानियों को, इस वैश्विक संगठन के न्यूयॉर्क मुख्यालय में एक प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया गया है.

वर्ष 2025 की यूएन रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 68 करोड़ महिलाएँ टकरावों और युद्धों के बहुत नज़दीक रह रही थीं.
© FAO

शान्ति प्रक्रियाओं से महिलाएँ अब भी बड़े पैमाने पर बाहर हैं

वर्ष 2024 में लगभग 67.6 करोड़ महिलाएँ, घातक टकरावों और युद्धों के 50 किलोमीटर के दायरे में रह रही थीं, जोकि 1990 के दशक के बाद से सबसे ज़्यादा संख्या है.

महिला सशक्तिकरण के लिए यूएन संस्था द्वारा समर्थित एक पहल के तहत, पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के नूरिस्तान प्रान्त में महिलाओं को पढ़ना-लिखना सिखाया जा रहा है.
© UN Women/Sayed Habib Bidell

जब अफ़ग़ान महिलाओं, लड़कियों से इंटरनैट छीन लिया जाए तो...

अफ़ग़ानिस्तान में लगभग 70 हज़ार महिलाएँ ‘रेडियो फ़ेमे’ को सुनती हैं. यह पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित एक ऑनलाइन और पारम्परिक रूप से प्रसारित रेडियो स्टेशन है जो पूरे क्षेत्र में महिलाओं व लड़कियों में शिक्षा और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाता है. मगर सीखने के इस सफ़र में एक भारी रुकावट उत्पन्न हो गई...

यूएन मानवतावादी कार्यालय के प्रमुख टॉम फ़्लैचर ग़ाज़ा में एक कर्मचारी से बात कर रहे हैं.
UN News

ग़ाज़ा: अगले तीन महीनों की खाद्य आपूर्ति के लिए, सभी सीमा चौकियाँ खोलने का आग्रह

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने चेतावनी जारी की है कि यदि ग़ाज़ा में प्रवेश के लिए सभी सीमा चौकियों को नहीं खोला गया, हर ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनी तक खाद्य सहायता पहुँचा पाना सम्भव नहीं होगा. विशेष रूप से उत्तरी इलाक़े में जहाँ इस वर्ष अगस्त महीने में अकाल की घोषणा की गई थी.

रूस के मुरमन्स्क में खनिज श्रमिक.
ILO/Marcel Crozetर

SDG-8: सुरक्षित रोज़गार से ही सबकी भलाई वाला आर्थिक विकास सम्भव

एक सुरक्षित और सम्मानजनक रोज़गारपरक कामकाज हासिल करना, हर व्यक्ति का अधिकार है, जिसे आसान बनाना या जिसके लिए अनुकूल परिस्थितियाँ सृजित करना, देशों की सरकारों की ज़िम्मेदारी है. सतत विकास लक्ष्य 8 (SDG-8) इसी सोच को आगे बढ़ाता है जिसका उद्देश्य सभी के लिए स्थिर आर्थिक विकास, उत्पादक रोज़गार और गरिमामय या सम्मानजनक रोज़गार वाला कामकाज सुनिश्चित करना है. इसके बिना सतत और सबको साथ लेकर चलने वाला आर्थिक विकास सम्भव नहीं है.