वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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शान्ति और सुरक्षा

दक्षिण सूडान के जोंगलेई प्रान्त में कुछ बच्चे भोजन कर रहे हैं. विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा यहाँ खाद्य असुरक्षा झेल रहे लोगों को राशन प्रदान किया जाता है.
WFP

युद्ध व भूख, एक ही संकट के दो चेहरे, खाद्य असुरक्षा से टकराव को मिलता ईंधन

दुनिया भर में, टकरावों और युद्धों में फँसे लाखों लोगों के लिए, “युद्ध और भूख अक्सर एक ही संकट के दो पहलू होते हैं.” संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव आमिना मोहम्मद ने सोमवार को, सुरक्षा परिषद की बैठक में इन्हीं शब्दों का प्रयोग किया. यह बैठक खाद्य असुरक्षा से युद्ध की आग में ईंधन पड़ने के मुद्दे पर आयोजित की गई.

यूएन मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, इसराइली सेना और बाशिन्दों ने, पश्चिमी तट में भी फ़लस्तीनियों को निशाना बनाया है और उनके घरों को गिराया है.
© UNICEF/Alaa Badarneh

ग़ाज़ा में अन्तरराष्ट्रीय स्थरीकरण बल (ISF) के गठन को सुरक्षा परिषद की हरी झंडी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ग़ाज़ा में अन्तरराष्ट्रीय स्थरीकरण बल की स्थापना को मंज़ूरी दे दी है. परिषद ने यह स्वीकृति, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा समर्थित उस प्रस्ताव को पारित करके दी है जिसके प्रावधानों के तहत ग़ाज़ा में व्यवस्था बहाल की जाएगी, आम लोगों को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी और सहायता व पुनर्निर्माण के विशालकाय कार्य के लिए एक नया रास्ता खुलेगा.

यूएन आपात राहत समन्वयक टॉम फ़्लैचर ने दारफ़ूर के तवीला में विस्थापित महिलाओं से मुलाक़ात की.
© UNOCHA/Mohamed Galal

सूडान: दारफ़ूर, 'मानव पीड़ा का केन्द्र बिन्दु', बेरोकटोक सहायता मार्ग का आग्रह

आपात राहत मामलों के लिए यूएन अवर महासचिव टॉम फ़्लैचर ने अपनी सूडान यात्रा से लौटने के बाद अल फ़शर में परिस्थितियों को बयाँ करते हुए कहा कि वो शहर एक अपराध स्थल बन चुका है. उन्होंने बताया कि देश पर नियंत्रण हासिल करने के लिए युद्धरत पक्षों के साथ ‘उपयोगी’ व ‘सख़्त बातचीत हुई है, और हिंसक टकराव में फँसे हताश लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए आग्रह किया गया है.  

दक्षिण सूडान में यूएन मिशन के समर्थन से संचालित मोबाइल कोर्ट के ज़रिए स्थानीय समुदायों को न्याय पाने में मदद दी जा रही है.
UNMISS

हिंसक टकराव से गुज़र चुके देशों में, क़ानून व्यवस्था बहाली में यूएन की भूमिका

जब किसी देश या क्षेत्र में हिंसक टकराव भड़कता है, तो वहाँ की क़ानून व्यवस्था और न्यायिक तंत्र उसकी भेंट चढ़ जाते हैं. बन्दूकों व बमबारी के थमने और शान्ति समझौता होने के बाद, एक नए संघर्ष की शुरुआत होती है. लड़ाई में तबाह हो चुके समाज को फिर से खड़ा करने और वहाँ क़ानून के शासन को स्थापित करने की जद्दोजहद, ताकि आम नागरिकों के लिए न्याय, संरक्षण व गरिमा को सुनिश्चित किया जा सके. संयुक्त राष्ट्र की टीम इस बदलाव को दिशा देने और क़ानून व न्यायिक संस्थाओं में फिर से भरोसा जगाने में अहम भूमिका निभाती है.

ग़ाज़ा पट्टी का अधिकांश हिस्सा हिंसक टकराव की वजह से बर्बाद हो चुका है.
© WFP/Maxime Le Lijour

ग़ाज़ा में नए बल (ISF) की तैनाती के बारे में कुछ अहम जानकारी

पिछले दो वर्ष से भीषण युद्ध से जूझ रहे ग़ाज़ा पट्टी में फ़िलहाल नाज़ुक स्थिति में युद्धविराम लागू है. अब वहाँ अन्तरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF) की तैनाती के लिए अमेरिका द्वारा तैयार किए गए एक प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद में पारित कर दिया गया है जिससे इस बल के गठन का रास्ता खुल गया है.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात की.
© UNOHCHR/Anthony Headley

बांग्लादेश: मानवता के विरुद्ध अपराध मामलों में निर्णय, ‘भुक्तभोगियों के लिए अहम क्षण’

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना और पूर्व गृहमंत्री को ढाका में अन्तरराष्ट्रीय अपराधों के लिए ट्राइब्यूनल ने मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए दोषी क़रार देते हुए मौत की सज़ा सुनाई है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने इस निर्णय को, 2024 में भड़के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान हुई दमनात्मक कार्रवाई और मानवाधिकार हनन के भुक्तभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण क़रार दिया है, मगर मृत्युदंड थोपे जाने पर खेद व्यक्त करते हुए, निष्पक्ष अदालती प्रक्रिया के अन्तरराष्ट्रीय मानकों की अहमियत पर भी बल दिया है.

UNIFIL पिछले क़रीब 50 वर्षों से, लेबनान और इसराइल के बीच तटस्थ क्षेत्र - ब्लू लाइन इलाक़े में शान्तिरक्षा के लिए तैनात है.
© UNIFIL

UNIFIL: यूएन शान्तिरक्षकों के गश्ती दल पर, इसराइली टैंक से हमला

लेबनान में तैनात यूएन अन्तरिम बल (UNIFIL) ने बताया है कि रविवार को, उसके शान्तिरक्षकों के एक गश्ती दल को,  इसराइली सेना के एक टैंक से, उस ठिकाने से निशाना बनाया गया, जिसे लेबनानी क्षेत्र में इसराइल ने स्थापित किया है.

ग़ाज़ा में दो वर्ष के भीषण युद्ध के बाद, मलबा सफ़ाई व पुनर्निर्माण प्रयास शुरू हो हए हैं.
UN News

ग़ाज़ा में गरिमा बहाली: मलबे व कूड़े-कचरे की सफ़ाई में व्यापक शिरकत

ग़ाज़ा में दो वर्ष के युद्ध से हुई भीषण तबाही से उबरने के प्रयास में, इस क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र की गरिमा को बहाल करने के लिए लोगों में ख़ास जज़्बा नज़र आ रहा है. शनिवार को हुए शुरुआती सफ़ाई स्तर में, युद्ध में तबाह हुई इमारतों के मलबे को हटाने और सफ़ाई का काम आरम्भ हुआ है जिसमें स्थानीय संगठनों के साथ-साथ यूएन एजेंसियों ने भी शिरकत की है.

यूक्रेन के ख़ारकीव में अग्निशमन दल के कर्मचारी छोटे बच्चों के एक स्कूल में लगी आग पर क़ाबू पाने का प्रयास कर रहे हैं.
© UNOCHA/Iryna Chernysh

यूक्रेन में युद्ध ने उत्पन्न किया विशालकाय आवासीय संकट

यूक्रेन पर लगभग साढ़े तीन वर्ष पहले शुरू हुए रूस के पूर्ण स्तरीय आक्रमण के कारण, इस स्तर का आवासीय संकट उत्पन्न हो गया जैसा अतीत में पहले कभी नहीं देखा गया.

यूएन मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, इसराइली सेना और बाशिन्दों ने, पश्चिमी तट में भी फ़लस्तीनियों को निशाना बनाया है और उनके घरों को गिराया है.
© UNICEF/Alaa Badarneh

पश्चिमी तट में ‘भीड़’ का, फ़लस्तीनियों पर हमले, ग़ाज़ा में बाढ़ से तबाही

इस सप्ताह ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में, मुँह पर मास्क या नक़ाब पहने हुए तथाकथित यहूदी बाशिन्दों की भीड़ ने, फ़लस्तीनी लोगों के घरों व सम्पत्तियों पर में आगज़नी वाले हमले किए हैं.