वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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सूचना का अधिकार, अरबों लोगों के लिए अब भी, एक खोखला वादा है.
UN Photo/Nektarios Markogiannis

सूचना का अधिकार, अरबों लोगों के लिए अब भी एक ‘खोखला वादा’

विचार और अभिव्यक्ति पर यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञ ने, देशों की सरकारों से, डिजिटल खाई को पाटने और सूचना के अधिकार में मौजूद तमाम बाधाओं को दूर करने के प्रयास मज़बूत करने का आहवान किया है.

यूएन महासभागार का एक विहंगम दृश्य
UN Photo/Cia Pak

'उत्तर का अधिकार', नियम और उद्देश्य

पाकिस्तान और भारत दोनों ऐसे देश हैं जो महासभा में 'उत्तर का अधिकार' (Right of Reply) का अक्सर प्रयोग करते हुए, एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं. इस अधिकार को नियंत्रित करने के क्या नियम हैं और इससे, संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों को बढ़ावा देने में किस तरह मदद मिलती है? (वीडियो)

पश्चिमोत्तर सीरिया में भूकम्प प्रभावित समुदाय तक मानवीय सहायता पहुँचाई जा रही है.
© UNICEF/Joe English

सीरिया: शान्ति प्रक्रिया में राजनैतिक गतिरोध एक बड़ा अवरोध, भरोसे की बहाली पर बल

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने देश में राजनैतिक पक्षों और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से मौजूदा गतिरोध को तोड़ने और भरोसा बहाल करने के लिए ठोस उपायों का आग्रह किया है.

काराबाख़ क्षेत्र में वनों से घिरा पर्वतीय क्षेत्र.
© Public Domain/Sonashen

काराबाख़: अज़रबैजान से, आर्मीनियाई जातीय आबादी के अधिकारों की गारंटी देने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने बुधवार को अज़रबैजान से अपील की है कि काराबाख़ क्षेत्र में जातीय आर्मीनियाई समुदाय के अधिकारों की गारंटी दी जानी होगी. साथ ही, वहाँ रहने वाले लोगों के अधिकारों की तयशुदा अन्तरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप रक्षा सुनिश्चित की जानी अहम है. 

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि, राजदूत रुचिरा काम्बोज, ग्लोबल साउथ पर केंद्रित, एक विशेष कार्यक्रम में बोलते हुए.
UN News

निर्णायक पदों पर महिलाओं की भूमिका बढ़ाने की ज़रूरत, मैलिसा फ़्लेमिंग

संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग यानि – DGC की प्रभारी अवर महासचिव मैलिसा फ़्लेमिंग ने, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन द्वारा, 22 सितम्बर (2023) को आयोजित “#SheLeads: The Green Shoots of Change” नामक एक संगोष्ठि में शिरकत की जिसमें, राजनीति, उद्यमिता, नागरिक समाज और व्यवसाय में महिलाओं की नेतृत्व पदों में अधिक भागेदारी पर ज़ोर दिया गया. (वीडियो)

पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में बाढ़ के बाद मलेरिया और अन्य बीमारियाँ बढ़ी थीं.
© UNICEF/Saiyna Bashir

पाकिस्तान बाढ़, जलवायु न्याय के लिए एक 'निर्णायक परीक्षा', गुटेरेश

पाकिस्तान, अपने यहाँ, वर्ष 2022 में आई भीषण बाढ़ के प्रभावों के तहत, तकलीफ़ देह पुनर्निर्माण प्रक्रिया से जूझ रहा है, ऐसे में संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को, देश के लिए सहायता संकल्पों की मांग फिर दोहराई है.

इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट के उत्तरी इलाक़े में, एक यहूदी बस्ती - हालामिश.
Photo: UNICEF/Mouhssine Ennaimi

इसराइली बस्तियों से, फ़लस्तीनी राष्ट्र की सम्भावना ‘व्यवस्थित’ रूप में क्षीण

मध्य-पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट के विशेष समन्वयक ने इसराइल के क़ब्ज़ा वाले - पूर्वी येरूशेलम सहित पश्चिमी तट पर इसराइली बस्तियों के ‘लगातार’ विस्तार पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है.

मलेशिया, हरित पर्यटन की दिशा में क़दम बढ़ा रहा है.
© Unsplash/Nazarizal Mohammad

सतत पर्यटन में निवेश को बढ़ावा, सर्वजन के लिए बेहतर भविष्य में सहायक

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ध्यान दिलाया है कि पर्यटन, पारस्परिक समझ व प्रगति के लिए एक शक्तिशाली बल है. मगर, यह ज़रूरी है कि इसमें निहित सम्भावनाओं का पूर्ण लाभ उठाने के लिए उसे पोषित किया जाए.

यूएन महासभागार का एक विहंगम दृश्य
UN Photo/Cia Pak

UNGA78 – संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक कूटनीति से परिपूर्ण सप्ताह

संयुक्त राष्ट्र में सघन कूटनीति भरे सप्ताह में, दुनिया भर के देशों के प्रतिनिधि एकत्रित हुए. पूरा सप्ताह, भाषणों, वादों, प्रतिबद्धताओं व कार्रवाई की पुकार से भरा रहा. सरकारों के नेता, कार्यकर्ता, युवजन, मशहूर हस्तियाँ, व्यवसायी, धार्मिक नेतागण और प्रबुद्ध नागरिकों ने वैश्विक एजेंडा से जुड़ी चुनौतियों व अवसरों पर, छह दिन चली बहस, संवाद व निर्णयों में भाग लिया. महासभा के उच्च-स्तरीय सप्ताह पर एक वीडियो रिपोर्ट.

यूएन महासभागार में एक कार्यक्रम का दृश्य.
UN Photo/Manuel Elias

UNGA78: 'उत्तर का अधिकार' के तहत, पाकिस्तान व भारत के बीच नोक-झोंक

संयुक्त राष्ट्र महासभा में वार्षिक सत्र के दौरान जब देशों के नेतागण व प्रतिनिधि, विश्व के सामने आपनी बात रखते हैं, तो अन्य देशों को उस विषय के सम्बन्ध में, 'उत्तर के अधिकार' (Right of Reply) के तहत, अपनी टिप्पणी कहने या अपना पक्ष रखने मौक़ा होता है. पाकिस्तान और भारत, यूएन महासभा में 'उत्तर के अधिकार' के इस अवसर का अक्सर प्रयोग करते हैं, और इस वर्ष पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अनवार - उल - हक़ काकड़ के यूएन महासभा में सम्बोधन के बाद भी ऐसा ही हुआ, जब दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने अपने इस अधिकार का इस्तेमाल किया. एक बानगी...