पाकिस्तान बाढ़, जलवायु न्याय के लिए एक 'निर्णायक परीक्षा', गुटेरेश
पाकिस्तान, अपने यहाँ, वर्ष 2022 में आई भीषण बाढ़ के प्रभावों के तहत, तकलीफ़ देह पुनर्निर्माण प्रक्रिया से जूझ रहा है, ऐसे में संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को, देश के लिए सहायता संकल्पों की मांग फिर दोहराई है.
संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने साथ ही, दुनिया भर में अत्यन्त चरम मौसम के लिए निर्बल होते जा रहे देशों की सुरक्षा के लिए पूर्व चेतावनी वाली प्रणालियाँ मज़बूत करने और कार्बन उत्सर्जनों में कमी करने की ज़रूरत को भी रेखांकित किया है.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में कहा कि पाकिस्तान की जद्दोजहद में, दुनिया किस तरह उसका साथ देती है, यह जलवायु न्याय के लिए एक “निर्णायक परीक्षा” है.
दोहरी मार का पीड़ित
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से विशाल सहायता की ज़रूरत है और इसका उसे अधिकार भी है.”
पाकिस्तान के लोग, वैश्विक उत्सर्जनों में अपना एक प्रतिशत से भी कम योगदान होने के बावजूद, जलवायु सम्बन्धित प्रभावों से मौत होने की 15 गुना अधिक सम्भावना से दो-चार हैं.
यूएन महासचिव ने ज़ोर देकर कहा, “पाकिस्तान दोहरी मार का पीड़ित है – जलवायु अफ़रा-तफ़री का, और हमारी पुरानी पड़ चुकी और अन्यायपूर्ण वैश्विक वित्तीय व्यवस्था का, जो मध्य आय वाले देशों को ऐसे संसाधन हासिल करने से रोकती है जो अनुकूलन व सहनशीलता बढ़ाने में ख़र्च किए जा सकें, और जिनकी उन देशों को अत्यधिक आवश्यकता है.”
विशालकाय विपदा
पाकिस्तान में वर्ष 2022 के दौरान मानसूनी बारिश से भड़की बाढ़ ने, देश के लगभग एक-तिहाई हिस्से को पानी में डुबो दिया था और 1,700 से अधिक ज़िन्दगियाँ भी ख़त्म कर दी थीं.
इस बाढ़ ने 20 लाख से अधिक घरों व अति महत्वपूर्ण ढाँचे को तबाह कर दिया था, और लगभग तीन करोड़, 30 लाख लोगों की ज़िन्दगियों को प्रभावित किया था, जिनमें लगभग आधी आबादी बच्चों की है.
अगला क़दम
यूएन महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने सदस्य देशों और संयुक्त राष्ट्र की वृहत्तर व्यवस्था से, पाकिस्तान में पुनर्बहाली और पुनर्निर्माण प्रयासों को, त्वरित समर्थन देने का आग्रह किया है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ के अनुसार, बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में लगभग 80 लाख लोग, जिनमें आधी संख्या बच्चों की है, अब भी पीने के सुरक्षित पानी से वंचित हैं.
लगभग 35 लाख बच्चे, स्कूली शिक्षा से वंचित हैं, और क़रीब 15 लाख बच्चों को जीवन-रक्षक पोषण सहायता की आवश्यकता है.
यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल ने कहा, “बाढ़ प्रभावित अनेक इलाक़ों में, स्थिति बहुत ख़राब है...”
“मगर हालात बिल्कुल असम्भव नहीं हैं... हमारे सामने, पाकिस्तान के बच्चों के लिए, दीर्घकालीन सकारात्मक परिवर्तन शुरू करने का अवसर मौजूद है.”
सबके दरवाज़ों पर दस्तक
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपनी ये चेतावनी दोहराई कि जलवायु संकट, हर किसी के दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है. अलबत्ता, अब तो यह संकट, हॉर्न अफ़्रीका से लेकर कैनेडा तक, दरवाज़ों को ही तोड़ रहा है.
उन्होंने कहा, “कार्बन उत्सर्जन हमारे ग्रह को गरम कर रहा है, लोगों की ज़िन्दगियाँ ख़त्म कर रहा है, समुदायों को तबाह कर रहा है और अर्थव्यवस्थाओं का विध्वंस कर रहा है.”