यूएन की पूर्ण सदस्यता के लिए फ़लस्तीन के अनुरोध पर अमेरिका का वीटो
संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिए फ़लस्तीन का अनुरोध गुरूवार को सुरक्षा परिषद में अमेरिका द्वारा अपने वीटो अधिकार का इस्तेमाल किए जाने के कारण ख़ारिज कर दिया गया.
संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिए फ़लस्तीन का अनुरोध गुरूवार को सुरक्षा परिषद में अमेरिका द्वारा अपने वीटो अधिकार का इस्तेमाल किए जाने के कारण ख़ारिज कर दिया गया.
भारत के असम राज्य में 2017 में 'असम कृषि व्यवसाय और ग्रामीण परिवर्तन परियोजना' (APART) को मंज़ूरी दी गई थी. 20 करोड़ डॉलर लागत की इस परियोजना के तहत, चावल, डेयरी, मत्स्य पालन, पशुधन और रेशम जैसे क्षेत्रों में पाँच लाख से अधिक किसानों को समर्थन दिया गया है, और अतिरिक्त एक लाख किसानों तक पहुँचने की योजना है. उद्यम विकास के क्षेत्र में, इस परियोजना ने दो हज़ार से अधिक उद्यमों की सूरत ही बदल दी है.
संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण रूप से सदस्य देश बनने के लिए फ़लस्तीन को किन शर्तों को पूरा करना होगा? ग़ाज़ा पट्टी में तबाही लाने वाले युद्ध के बीच सुरक्षा परिषद में इस विषय पर चर्चा हो रही है. एक नज़र यूएन में फ़लस्तीन के मौजूदा दर्जे और पूर्ण सदस्य बनने के लिए ज़रूरी अहर्ताओं व प्रक्रियाओं पर...
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि मध्य पूर्व में हाल के दिनों में टकराव व तनाव बढ़ने की पृष्ठभूमि में यह अहम है कि इसराइल और पूर्ण रूप से स्वतंत्र व सम्प्रभु फ़लस्तीनी राष्ट्र के बीच स्थाई शान्ति स्थापित करने की दिशा में प्रयास किए जाएं. उन्होंने गुरूवार को सुरक्षा परिषद की एक बैठक के दौरान सदस्य देशों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि विश्व के कई हिस्सों में मनुष्यों समेत स्तनपायी प्रजातियों में फैल रहा ‘बर्ड फ़्लू’ संक्रमण सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चिन्ता है. इसके मद्देनज़र, यूएन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हवा से फैलने वाले इस संक्रमण से निपटने के लिए नए उपायों की घोषणा की है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने कहा है कि पिछले एक दशक के दौरान आदिवासी जन के कल्याण को बढ़ावा देने, उनकी संस्कृति की रक्षा करने और यूएन में उनकी भागेदारी बढ़ाने के क्षेत्र में अहम प्रगति हुई है. लेकिन इसके बावजूद, कथनी और करनी के बीच विशाल खाई बरक़रार है, जिसे दूर किया जाना होगा.
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने ग़ाज़ा पट्टी में बद से बदतर होते मानवीय संकट से सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों को अवगत कराया. उन्होंने आशंका जताई कि इसराइल द्वारा जीवनरक्षक सहायता की आपूर्ति को रोका जाना, क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े से उनके संगठन को बाहर करने की ‘कुटिल मुहिम’ का हिस्सा है.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान में विशाल चुनौतियों के बावजूद, अफ़ग़ान महिलाओं द्वारा संचालित व्यवसाय उनकी असाधारण क्षमता को दर्शाते हैं, और देश में पसरे संकट के बीच आर्थिक स्थिरता और आशा के मज़बूत स्तम्भ बन रहे हैं.
यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य मामलों के लिए यूएन एजेंसी (UNFPA) ने आगाह किया है कि गर्भावस्था या प्रसव के दौरान जटिलताओं की वजह से, अफ़्रीकी महिलाओं की मौत होने की आशंका योरोप व उत्तरी अमेरिका क्षेत्र की महिलाओं की तुलना में 130 गुना अधिक है.
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और साझेदार संगठनों ने ग़ाज़ा में मानवीय सहायता पहुँचाने की बेहतर व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने पर बल दिया है. इस बीच, इसराइली सैन्य कार्रवाई में ग़ाज़ा में हुई भीषण बर्बादी का सामना कर रहे ज़रूरतमन्दों, और क़ाबिज़ पश्चिमी तट में हिंसा से जूझ रहे लोगों के लिए बुधवार को 2.8 अरब डॉलर की अपील जारी की गई है.