वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

ग़ाज़ा, पश्चिमी तट में 30 लाख लोगों के लिए $2.8 अरब की सहायता अपील

ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस में घर-परिवार के सामान से लदा एक वाहन.
© UNOCHA/Themba Linden
ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस में घर-परिवार के सामान से लदा एक वाहन.

ग़ाज़ा, पश्चिमी तट में 30 लाख लोगों के लिए $2.8 अरब की सहायता अपील

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और साझेदार संगठनों ने ग़ाज़ा में मानवीय सहायता पहुँचाने की बेहतर व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने पर बल दिया है. इस बीच, इसराइली सैन्य कार्रवाई में ग़ाज़ा में हुई भीषण बर्बादी का सामना कर रहे ज़रूरतमन्दों, और क़ाबिज़ पश्चिमी तट में हिंसा से जूझ रहे लोगों के लिए बुधवार को 2.8 अरब डॉलर की अपील जारी की गई है.

बुधवार को जारी की गई अपील से पहले अक्टूबर 2023 में भी सहायता धनराशि की अपील की गई थी, जिसे नवम्बर में संशोधित किया गया और फिर वह मार्च 2024 तक जारी रही. अब इस अपील का स्थान बुधवार को की गई नवीनतम अपील ने ले लिया है.

बुधवार को यूएन एजेंसियों और साझेदार संगठनों द्वारा जारी की गई अपील के तहत इस वर्ष के अन्त तक 31 लाख लोगों तक सहायता पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है.

Tweet URL

इनमें 23 लाख लोग ग़ाज़ा पट्टी में हैं, जहाँ उत्तरी इलाक़े में अकाल का जोखिम मंडरा रहा है. 7 अक्टूबर को इसराइल पर हमास के हमलों के बाद, इसराइल ने बड़े पैमाने पर अपनी सैन्य कार्रवाई शुरू की जिसमें हज़ारों लोगों की मौत हुई है और गम्भीर मानवीय संकट उपजा है.

अब तक कम से कम 33 हज़ार 800 फ़लस्तीनियों की जान गई है और 76 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं. 7 अक्टूबर को इसराइल पर हमास के हमलों में 1,139 लोगों की जान गई थी और 200 से अधिक को बंधक बना लिया गया था, जिनमें से कई अब भी हमास के क़ब्ज़े में हैं.

इसराइल के सैन्य अभियान में 259 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि हुई है और क़रीब डेढ़ हज़ार सैनिक घायल हुए हैं. 

ग़ाज़ा सिटी, रफ़ाह समेत ग़ाज़ा पट्टी के अन्य इलाक़ों में इसराइली बमबारी जारी है, जहाँ एक शरणार्थी कैम्प पर कथित रूप से एक मिसाइल हमले में कई लोगों के मारे जाने की ख़बर है. 

UNRWA की अहम भूमिका

आपात राहत मामलों के लिए यूएन एजेंसी (OCHA) की अगुवाई में की गई इस अपील में फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन संगठन (UNRWA) की ज़रूरतों का भी ध्यान रखा गया है, जोकि ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में मानवीय सहायता अभियान के लिए एक मज़बूत आधार है.

ग़ाज़ा में दो-तिहाई आबादी, 16 लाख, UNRWA के साथ पंजीकृत फ़लस्तीनी शरणार्थी हैं. इसराइली कार्रवाई के कारण 17 लाख लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें लगभग 10 लाख लोगों ने 450 UNRWA केन्द्रों व सार्वजनिक आश्रय स्थलों में शरण ली है.

OCHA के अनुसार, ग़ाज़ा में फ़िलहाल 13 हज़ार UNRWA कर्मचारी हैं, जिनमें से क़रीब साढ़े तीन हज़ार सहायता प्रयासों में जुटे हैं. यूएन एजेंसी द्वारा पश्चिमी तट में 11 लाख फ़लस्तीनी शरणार्थियों व अन्य पंजीकृत व्यक्तियों को भी सेवाएँ प्रदान की जाती हैं.

जल की क़िल्लत

यूएन मानवतावादी कार्यालय ने बताया कि स्वच्छ जल की सुलभता एक बड़ी चुनौती है और इसराइल से आने वाली तीन जल पाइपलाइन में से केवल एक के ज़रिये ही, 47 प्रतिशत क्षमता के साथ आपूर्ति हो रही है.

इसके अलावा, क़रीब 20 भूजल कुँए हैं, मगर उनके लिए ईंधन की ज़रूरत है, और फ़िलहाल पूर्ण रूप से संचालित जल शोधन व्यवस्था नहीं है. सीवेज से बहकर गन्दे पानी के फैलने से पूरे ग़ाज़ा में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए स्थिति चिन्ताजनक है.

दक्षिणी ग़ाज़ा में स्थित रफ़ाह में लाखों फ़लस्तीनियों के शरण लेने की वजह से भारी भीड़ है. वहाँ 75 स्थलों पर हालात का जायज़ा लिया गया, जहाँ क़रीब साढ़े सात लाख लोग हैं. इनमें क़रीब एक तिहाई जल स्रोत पेयजल की दृष्टि से असुरक्षित बताए गए हैं. 

इस महीने, इसराइली सैन्य बलों ने दक्षिणी ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस से वापसी की है, जिसके बाद रफ़ाह में इसराइली कार्रवाई की आशंका के प्रति चिन्ता व्यक्त की गई है, जहाँ फ़िलहाल 10 लाख से अधिक लोगों ने शरण ली हुई है.

वहीं, उत्तरी ग़ाज़ा में भी विशाल स्तर पर मानवीय आवश्यकताएँ हैं, मगर इसराइली प्रशासन द्वारा अनुमति मिलने में देरी या अनुरोध नकारे जाने की वजह से राहत अभियान में मुश्किलें पेश आ रही हैं.