वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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अफ़्रीकी देशों में 14.4 करोड़ जीवित महिलाएँ व लड़कियाँ, जननांग विकृति का शिकार हुई हैं.
© UNICEF/Zahara Abdul

23 करोड़ महिलाएँ व लड़कियाँ, महिला जननांग विकृति का शिकार – यूनीसेफ़

संयुक्त राष्ट्र का एक नया विश्लेषण दर्शाता है कि विश्व भर में 23 करोड़ जीवित महिलाएँ व लड़कियाँ, जननांग विकृति का शिकार हुई हैं. वर्ष 2016 के आँकड़ों की तुलना में पीड़ितों की संख्या में तीन करोड़, यानि क़रीब 15 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है.

ग़ाज़ा में ज़रूरतमन्द लोग भोजन मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
© UNRWA

ग़ाज़ा: रफ़ाह में ज़मीनी इसराइली हमले से अत्याचारपूर्ण अपराध बढ़ने का जोखिम

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) वोल्कर टर्क ने शुक्रवार को आगाह किया है कि ग़ाज़ा पट्टी में घनी आबादी वाले शहर, रफ़ाह में इसराइली सेना के किसी भी प्रकार के हमले से अत्याचार व अपराधों का जोखिम बढ़ने की आशंका है. ग़ाज़ा में लड़ाई की वजह से सामूहिक विस्थापन का शिकार 15 लाख फ़लस्तीनियों ने फ़िलहाल रफ़ाह में शरण ली हुई है.  

टकराव और जलवायु आपदाओं से प्रभावित चाड में, महिलाओं ने, ज़मीन को खेतीबाड़ी के लिए उपयुक्त बनाने का बीड़ा उठाया.
© WFP/Evelyn Fey

महिलाओं की आर्थिक मज़बूती बढ़ाने के 5 तरीक़े

अगर महिलाओं की मज़बूती और प्रगति के लिए संसाधन निवेश की मौजूदा दर की बात करें तो, वर्ष 2030 में, 34 करोड़ से अधिक महिलाएँ और लड़कियाँ, अत्यन्त निर्धनता में जीवन जी रही होंगी. जब दुनिया 8 मार्च को, महिलाओं में संसाधन निवेश की थीम के साथ अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है तो, आइए नज़र डालते हैं कि दुनिया भर में महिलाओं की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने के लिए, क्या किए जाने की आवश्यकता है...

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में अक्टूबर 2023 में आए विनाशकारी भूकम्प के बाद बचे खंडहरों के बीच खड़ा एक बच्चा.
© WHO/Zakarya Safari

अफ़ग़ानिस्तान: अर्थव्यवस्था 'मूलत: ध्वस्त', महिलाओं पर पाबन्दियों से प्रगति बाधित

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने गुरुवार को कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था गम्भीर समस्याओं का सामना कर रही है, और अक्टूबर 2023 में आए भूकम्प से प्रभावित अनेक क्षेत्र अब भी कठिनाई में हैं. वहीं महिलाओं व लड़कियों पर जारी पाबन्दियों से बुनियादी अधिकार व आर्थिक प्रगति बाधित हो रहे हैं.

CSW67 की प्रमुख मथु जोयिनि ने आधिकारिक रूप से कार्यक्रम का समापन किया.
UN Women/Ryan Brown

महिलाओं की स्थिति पर आयोग की वार्षिक बैठक: #CSW68 से जुड़ी अहम बातें

महिलाओं की स्थिति पर यूएन आयोग (CSW) की वार्षिक बैठक हर वर्ष मार्च महीने में आयोजित की जाती है, जिसका उद्देश्य मौजूदा लैंगिक असमानताओं से निपटना और महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा व भेदभाव को दूर करना है.

सूडान में युद्ध के कारण, लाखों लोग देश के भीतर और विदेशों में विस्थापित हुए हैं.
© UNICEF/Tariq Khalil

सूडान में युद्धविराम के ज़रिए, ‘रमदान के मूल्यों को क़ायम रखने’ की पुकार

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सूडान में तुरन्त युद्धविराम लागू किए जाने और मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने की पुकार लगाई है. उन्होंने गुरूवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश, दीगर विघटन के कगार पर पहुँच गया है. 

यूएन के अनुमान दर्शाते हैं कि भारत की आबादी में वृद्धि अगले अनेक दशकों तक जारी रह सकती है.
Unsplash/Andrea Leopardi

भारत: 'चुनावी वर्ष में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए' ठोस क़दम उठाए जाने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत में अल्पसंख्यक समुदायों, मीडिया और नागरिक समाज पर कथित हमलों की ख़बरों पर चिन्ता जताई है, और देश में इस वर्ष होने वाले संसदीय चुनावों के मद्देनज़र, तत्काल सुधारात्मक क़दम उठाए जाने का आग्रह किया है.

भारत की तत्कालीन राजदूत विजय लक्ष्मी पंडित (बाएँ) 1953 में, सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे पर एक बैठक शुरू होने से पहले, पाकिस्तानी राजदूत बेगम इकरामुल्लाह (दाएँ) के साथ बातचीत करते हुए.
UN Photo

यूएन झरोखा: महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष - विजय लक्ष्मी पंडित

1953 में, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने, भारत की प्रखर राजनैतिक हस्ती विजय लक्ष्मी पंडित को, यूएन महासभा के आठवें सत्र की अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया था, जो इस भूमिका के लिए चुनी गई पहली महिला थीं. लैंगिक समानता और ग़ैर - भेदभाव के लिए, इस अग्रणी हस्ती के अन्तरराष्ट्रीय मंच पर छोड़े गए व्यापक प्रभाव पर, 8 मार्च को मनाए जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक नज़र...

भारत के मुंबई शहर में 'रिंग द बैल' समारोह में, भारत में यूएन वीमैन की प्रतिनिधि सूसन फ़र्ग्यूसन.
UN Women India

भारत: महिलाओं की आर्थिक भागेदारी बढ़ाने के लिए ‘घंटी बजाओ’ पुकार

भारत में बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) ने, अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर, संयुक्त राष्ट्र महिला संस्थान - UN Women के सहयोग से, "रिंग द बैल फ़ॉर जैंडर इक्वैलिटी" यानि लैंगिक समानता के लिए घंटी बजाओ समारोह आयोजित किया, जिसमें महिलाओं की आर्थिक भागेदारी बढ़ाने की पुकार लगाई गई.

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी ने दक्षिणी ग़ाज़ा में खाद्य सामग्री का वितरण किया, मगर मौजूदा ज़रूरतों के मद्देनज़र यह अपर्याप्त है.
© UNRWA

ग़ाज़ा: भूख से बच्चों की मौतें, 'हर घंटा बीतने के साथ बिगड़ते हालात'

ग़ाज़ा में संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों ने गुरूवार को गहरी चिन्ता जताई कि भुखमरी के कारण अपनी जान गँवाने वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है. पवित्र रमदान महीना आरम्भ होने से पहले, निरन्तर प्रयासों के बावजूद, ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध पर विराम लगाने के लिए फ़िलहाल समझौता नहीं हो पाया है.