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ग़ाज़ा: भूख से बच्चों की मौतें, 'हर घंटा बीतने के साथ बिगड़ते हालात'

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी ने दक्षिणी ग़ाज़ा में खाद्य सामग्री का वितरण किया, मगर मौजूदा ज़रूरतों के मद्देनज़र यह अपर्याप्त है.
© UNRWA
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी ने दक्षिणी ग़ाज़ा में खाद्य सामग्री का वितरण किया, मगर मौजूदा ज़रूरतों के मद्देनज़र यह अपर्याप्त है.

ग़ाज़ा: भूख से बच्चों की मौतें, 'हर घंटा बीतने के साथ बिगड़ते हालात'

मानवीय सहायता

ग़ाज़ा में संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों ने गुरूवार को गहरी चिन्ता जताई कि भुखमरी के कारण अपनी जान गँवाने वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है. पवित्र रमदान महीना आरम्भ होने से पहले, निरन्तर प्रयासों के बावजूद, ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध पर विराम लगाने के लिए फ़िलहाल समझौता नहीं हो पाया है.

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) ने सोशल मीडिया मंच X, पर अपने सन्देश में बताया कि हालात बेहद विकट हैं. “हर मिनट, हर घंटे, ये बद से बदतर हो रहे हैं.”

बताया गया है कि ग़ाज़ा में सहायता आपूर्ति के साथ हर दिन क़रीब 150 ट्रक पहुँच रहे हैं.

उत्तरी इलाक़े में दो साल से कम आयु के हर छह में से एक बच्चा, अचानक कुपोषण से पीड़ित है. समाचार माध्यमों के अनुसार, हाल के दिनों में कम से कम 20 छोटे बच्चों की भूख के कारण जान गई है, जिनमें एक 14 दिन का बच्चा भी है. 

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7 अक्टूबर को हमास व अन्य हथियारबन्द गुटों द्वारा इसराइल पर किए गए आतंकी हमलों में 1,200 लोग मारे गए थे और 250 को बंधक बना लिया गया था. 

इसके बाद इसराइल की जवाबी कार्रवाई और भीषण बमबारी में अब तक 30 हज़ार लोगों की जान जा चुकी है और हज़ारों अन्य घायल हुए हैं.

क़तर में हुई बातचीत के बाद, युद्धविराम लागू करने, मानवीय सहायता का दायरा व स्तर बढ़ाने और बंधकों को रिहा किए जाने के मुद्दे पर, अब मिस्र की राजधानी काहिरा में हुई बातचीत का फ़िलहाल कोई नतीजा नहीं निकल पाया है.  

ग़ाज़ा में अब भी क़रीब 100 लोगों को बन्धक बनाकर रखा गया है.

हमास और इसराइल के बीच किसी समझौते के अभाव में मानवीय हालात बद से बदतर हो रहे हैं, जिसके मद्देनज़र, यूएन राहत टीम इसराइली सेना के नियंत्रण वाली सड़क का इस्तेमाल करने की सम्भावना तलाश कर रही है.

उत्तर ग़ाज़ा जाने वाली इस सड़क के ज़रिये हर दिन 300 राहत सामग्री से लदे ट्रकों को ले जाने की योजना है.

मदद पहुँचाने के लिए प्रयास

क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में यूएन के शीर्ष सहायता अधिकारी जेमी मैकगोल्डरिक ने बुधवार को इस राहत क़ाफ़िले की पहल की घोषणा की थी.

उन्होंने कहा कि इस सड़क मार्ग से उत्तरी इलाक़े में ज़रूरतमन्द आबादी तक राहत आपूर्ति पहुँचाई जा सकेगी और असुरक्षा व बाधाओं से जूझने की आशंका से बचा जाएगा.

यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने इस सैन्य नियंत्रण वाली सड़क के इस्तेमाल पर बल देते हुए कहा था कि केरेम शलोम और रफ़ाह चौकियों से उत्तरी ग़ाज़ा तक सहायता पहुँचाने के लिए क़रीब प्रतिदिन 300 ट्रकों की ज़रूरत होगी. फ़िलहाल 150 ट्रक से ही राहत पहुँचाई जा रही है.

यूएन अधिकारी ने रविवार को रमदान का महीना शुरू होने से पहले बताया कि ग़ाज़ा में फ़रवरी महीने के दौरान रवाना की गई मदद की मात्रा, जनवरी के मुक़ाबले आधी रह गई. 

ग़ाज़ा पट्टी में बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जीवन गुज़ार रही, 20 लाख से अधिक ज़रूरतमन्द लोगों के लिए फ़िलहाल मानवीय सहायता का स्तर बहुत कम है.