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यूएन झरोखा: महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष - विजय लक्ष्मी पंडित

भारत की तत्कालीन राजदूत विजय लक्ष्मी पंडित (बाएँ) 1953 में, सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे पर एक बैठक शुरू होने से पहले, पाकिस्तानी राजदूत बेगम इकरामुल्लाह (दाएँ) के साथ बातचीत करते हुए.
UN Photo
भारत की तत्कालीन राजदूत विजय लक्ष्मी पंडित (बाएँ) 1953 में, सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे पर एक बैठक शुरू होने से पहले, पाकिस्तानी राजदूत बेगम इकरामुल्लाह (दाएँ) के साथ बातचीत करते हुए.

यूएन झरोखा: महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष - विजय लक्ष्मी पंडित

महिलाएँ

1953 में, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने, भारत की प्रखर राजनैतिक हस्ती विजय लक्ष्मी पंडित को, यूएन महासभा के आठवें सत्र की अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया था, जो इस भूमिका के लिए चुनी गई पहली महिला थीं. लैंगिक समानता और ग़ैर - भेदभाव के लिए, इस अग्रणी हस्ती के अन्तरराष्ट्रीय मंच पर छोड़े गए व्यापक प्रभाव पर, 8 मार्च को मनाए जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक नज़र...

विजय लक्ष्मी पंडित अपने आप में एक अनुभवी राजनीतिज्ञ और नेत्री थीं, लेकिन साथ ही वे राजनीति में सक्रिय पारिवारिक पृष्ठभूमि से भी सम्बन्ध रखती थीं, जिसमें उनके भाई जवाहरलाल नेहरू भी शामिल थे, जो लगभग एक शताब्दी के ब्रिटिश शासन से, कड़ी मेहनत से हासिल की गई देश की आज़ादी के बाद, भारत के पहले प्रधान मंत्री थे.

विजय लक्ष्मी पंडित भारत की एक सक्रिय राष्ट्रवादी नेत्री थीं, और स्वतंत्रता मिलने से पहले के भारत में, कैबिनेट पद संभालने वाली प्रथम भारतीय महिला भी थीं. नव स्वाधीन भारत की शीर्ष महिला राजदूत विजय लक्ष्मी पंडित ने 1955 से 1961 के वर्षों में, सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत की राजदूत व ब्रिटेन में भारत की उच्चायुक्त के रूप में सेवा की.

यूएन महासभा को विजय लक्ष्मी पंडित का सम्बोधन यहाँ देखा जा सकता है. यह प्रस्तुति यूएन आर्काइव का हिस्सा है.

भारत की तत्कालीन राजदूत विजय लक्ष्मी पंडित 1953 में यूएन महासभा की आठवीं और प्रथम महिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं. इस तस्वीर में वो, तत्कालीन महासचिव डैग हैमरशॉर्ड के साथ नज़र आ रही हैं.
UN Photo/Albert Fox