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भारत: महिलाओं की आर्थिक भागेदारी बढ़ाने के लिए ‘घंटी बजाओ’ पुकार

भारत के मुंबई शहर में 'रिंग द बैल' समारोह में, भारत में यूएन वीमैन की प्रतिनिधि सूसन फ़र्ग्यूसन.
UN Women India
भारत के मुंबई शहर में 'रिंग द बैल' समारोह में, भारत में यूएन वीमैन की प्रतिनिधि सूसन फ़र्ग्यूसन.

भारत: महिलाओं की आर्थिक भागेदारी बढ़ाने के लिए ‘घंटी बजाओ’ पुकार

महिलाएँ

भारत में बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) ने, अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर, संयुक्त राष्ट्र महिला संस्थान - UN Women के सहयोग से, "रिंग द बैल फ़ॉर जैंडर इक्वैलिटी" यानि लैंगिक समानता के लिए घंटी बजाओ समारोह आयोजित किया, जिसमें महिलाओं की आर्थिक भागेदारी बढ़ाने की पुकार लगाई गई.

कार्यक्रम में मौजूद सभी भागीदारों ने अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के लिए संयुक्त राष्ट्र की थीम, “महिलाओं में निवेश करें: प्रगति को तेज़ करें,” तथा सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी), ख़ासतौर पर लैंगिक समानता पर लक्ष्य 5 को आगे बढ़ाने पर बल दिया.

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चर्चा का एक महत्वपूर्ण मुद्दा, देखभाल अर्थव्यवस्था में निवेश था, जिसमें 2035 तक लगभग 30 करोड़ रोज़गार उत्पन्न करने की सम्भावना दिख रही है, जिससे बड़ी संख्या में महिलाओं को फ़ायदा पहुँचने की उम्मीद है.

इस अवसर पर भारत में संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था, यूएन वीमैन की प्रतिनिधि, सूसन फ़र्ग्यूसन ने कार्यक्रम का मूल सन्देश समझाया: "आज का घंटी बजाओ कार्यक्रम, रणनैतिक निवेश के ज़रिए, महिलाओं को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है."

"देखभाल अर्थव्यवस्था को समर्थन देने से न केवल महिलाओं द्वारा संभाली जाने वाली देखभाल ज़िम्मेदारियों को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे उनकी आर्थिक भागेदारी और सफलता के नवीन रास्ते खुलेंगे." 

समारोह में, बीएसई और यूएनवीमेन की एक संयुक्त पहल - "FinEmpower" कार्यक्रम पर भी प्रकाश डाला गया, जिसे 2023 ‘रिंग द बैल’ कार्यक्रम के दौरान जारी किया गया था. इस कार्यक्रम के तहत, महिलाओं की वित्तीय साक्षरता और कौशल बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

बीएसई लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ, सुंदररमन राममूर्ति ने अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा, ““यूएन वीमैन के सहयोग से आरम्भ हुई पहलें, यह सुनिश्चित करने में मदद करती हैं कि महिलाएँ, बाधाओं को तोड़कर अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकें. साल 2023 में हमने साथ मिलकर, भारत के 3 शहरों में 1,000 महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता पर जागरूकता सत्र आयोजित किए थे.” 

वहीं डेनमार्क की संसद के अध्यक्ष, सोरेन गाडे ने कहा कि लैंगिक समानता किसी भी देश और अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने लैंगिक समानता, शिक्षा और कार्यबल में महिलाओं की सक्रिय भागेदारी में सुधार के लिए डेनमार्क की निरंतर प्रतिबद्धता को उजागर किया. 

सोरेन गाडे ने भारत और पृथ्वी पर इस एजेंडे को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने के लिए यूएन वीमैन की भूमिका की सराहना की. साथ ही उन्होंने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में भारत के समर्पित प्रयासों पर प्रकाश डाला. 

घंटी बजाने के समारोह के बाद "देखभाल अर्थव्यवस्था में निवेश: एक सहनसक्षम राष्ट्र की राह" मुद्दे पर एक पैनल चर्चा हुई. इस सत्र में अन्तरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफ़सी) और निजी क्षेत्र के नेताओं ने भाग लिया. 

इसमें देखभाल की ज़िम्मेदारी के बोझ को पहचानकर, एक साझा ज़िम्मेदारी तय करने तथा निजी क्षेत्र के बढ़ते निवेश के परिवर्तनकारी प्रभाव पर चर्चा की गई. 

2024 में अपने 10वें वर्ष का जश्न मनाते हुए, "रिंग द बैल फ़ॉर जैंडर इक्वेलिटी" अभियान, बीएसई समुदाय और व्यापक हितधारकों से महिलाओं के निवेश को बढ़ावा देने और सर्वजन के लिए एक स्थाई एवं न्यायसंगत भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने का आहवान करता है.