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यूएन हिन्दी न्यूज़ की मल्टीमीडिया सामग्री...
मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में यूएन शान्तिरक्षा मिशन (MINUSCA) में सेवारत, इंडोनिशियाई शान्तिरक्षक रेनिता रिसमयन्ती.
© Herve Serefio

‘यूएन महिला पुलिस अधिकारी 2023’ पुरस्कार की विजेता, इंडोनेशियाई शान्तिरक्षक

मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में यूएन शान्तिरक्षा मिशन (MINUSCA) में सेवारतइंडोनिशियाई शान्तिरक्षक रेनिता रिसमयन्ती कोवर्ष 2023 के प्रतिष्ठितमहिला पुलिस अधिकारी’ पुरस्कार से नवाज़ा गया है. पुलिस प्रथम सार्जेंट रेनिता रिसमयन्तीमिनुस्का मिशन मेंअपराध डेटाबेस अधिकारी के रूप में सेवारत हैं और उन्होंने एक ऐसे डेटाबेस की अवधारणा प्रस्तुत करने के साथ-साथ उसे मूर्त रूप देने में मदद की है जोयूएन पुलिस को अपराध और अव्यवस्था के केन्द्र बिन्दुओं का ख़ाका तैयार करने और उसका विश्लेषण करने में समर्थ बनाता है. इसके माध्यम सेअन्ततः देश के सुरक्षा बलों कोस्थानीय आबादी के समर्थन मेंअपने अभियान बेहतर तरीक़े से तैयार करने में मदद मिलती है. (वीडियो फ़ीचर)

पाकिस्तान में शरण लेने वाले अफ़ग़ान नागरिक अब अपने देश वापिस लौट रहे हैं.
© UNHCR/Caroline Gluck

पाकिस्तान से स्वदेश लौटने को मजबूर अफ़ग़ान शरणार्थी

पाकिस्तान में वर्षों रह रहे लाखों अफ़ग़ान शरणार्थी, दस्तावेज़ों के अभाव में, मध्य सितम्बर से, स्वदेश लौटने के लिए विवश हो गए हैं. अब तक, 3.7 लाख से अधिक अफ़ग़ान शरणार्थी, स्वदेश वापिस लौट चुके हैं. जनवरी और अगस्त 2023 की अवधि में, अचानक चार गुना संख्या में शरणार्थियों की स्वदेश वापिसी से, संसाधनों और क्षमता पर भारी दबाव पड़ा है. एक वीडियो रिपोर्ट.

यूएन महासचिव हैलीकॉप्टर से नेपाल में हिमालय क्षेत्र का जायज़ा ले रहे हैं.
UN Nepal/Narendra Shrestha

महासचिव की नेपाल यात्रा: शान्ति को बढ़ावा देने व जलवायु कार्रवाई में तेज़ी लाने का संकल्प

अन्नपूर्णा बेस कैंप का दौरा करने के साथ ही यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की नेपाल की आधिकारिक यात्रा सम्पन्न हुई. उन्होंने हिमनदों के पिघलने के प्रभाव पर गम्भीर चेतावनी जारी करते हुए महत्वाकाँक्षी जलवायु कार्रवाई की अहमियत को रेखांकित किया. मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने महात्मा बुद्ध की जन्मस्थली, लुम्बिनी शहर का दौरा किया, और विश्व को शान्ति व करुणा का सन्देश दिया. यूएन प्रमुख ने नेपाली संसद के एक संयुक्त सत्र को सम्बोधित किया और एक दशक से तक हथियारबन्द टकराव की पीड़ा को सहन करने के बाद देश में हुई प्रगति की सराहना की. वीडियो...

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने नेपाल के सोलुख़ुम्बु ज़िले में स्थानीय लोगों से मुलाक़ात की.
UN Nepal/Narendra Shrestha

जलवायु परिवर्तन के उन्माद को रोकने, जीवाश्म ईंधन युग का अन्त करने का आहवान

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपनी नेपाल यात्रा के दौरान, वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की पुकार लगाई है, ताकि जलवायु परिवर्तन के बदतरीन प्रभावों की रोकथाम करने और हिमनदों व जमे हुए पानी की चादरों को पिघलने पर विराम लगाया जा सके. ऐवरेस्ट क्षेत्र की यात्रा के दौरान, महासचिव गुटेरेश ने कहा कि वो दुनिया की इस छत से यह कहना चाहते हैं कि जलवायु परिवर्तन के “इस उन्माद को रोकिए.” एक वीडियो...

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल के साथ मुलाक़ात की.
UN Nepal

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की नेपाल यात्रा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंतोनियो गुटेरेश नेपाल की चार-दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं. यूएन महासचिव ने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल के साथ, राजधानी काठमांडू में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वह नेपाल और संयुक्त राष्ट्र के बीच गहरी मित्रता को मज़बूती प्रदान करने के इरादे से यहाँ आए हैं. महासचिव ने कहा कि नेपाल सबसे कम विकसित देशों की श्रेणी से बाहर निकलने की तैयारी कर रहा है और उसके लिए अगले कुछ वर्ष निर्णायक साबित होंगे. एक वीडियो...

सड़क सुरक्षा के लिये, यूएन महासचिव के विशेष दूत ज्याँ टॉश्ट.
UN News/Jérôme Longué

सड़क सुरक्षा के लिए, नियमों का सख़्ती से पालन किया जाना ज़रूरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक अनुमान के अनुसार, सड़क पर होने वाली हर 10 मौतों में से एक भारत में होती है, जहाँ पिछले कुछ दशकों में वाहनों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई है. सड़क सुरक्षा के विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष दूत, ज्याँ टॉड ने हाल ही में अपनी भारत यात्रा के दौरान सचेत किया कि सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिए, निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों के ज़रिए सड़क सुरक्षा में पर्याप्त सुधार लाने और नियमों का सख़्ती से पालन किया जाना ज़रूरी है.

उन्होंने इस विषय में जागरूकता प्रसार के इरादे से, सीट बेल्ट और हैलमेट के उपयोग को बढ़ावा देनेतेज़ रफ़्तार गाड़ियों पर लगाम लगानेसड़क के बुनियादी ढाँचे में सुधार व व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक जागरूकता अभियान की घोषणा की. यूएन न्यूज़ के साथ उनकी एक ख़ास बातचीत...(वीडियो)

मत व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर विशेष रैपोर्टेयर, इरीन ख़ान.
UN News video

'लिंग आधारित दुष्प्रचार' में वृद्धि की चेतावनी

मत व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर विशेष रैपोर्टेयरइरीन ख़ान ने चेतावनी दी है कि दुनिया भर के सभी क्षेत्रों में महिलाएँलड़कियाँ और लैंगिक भिन्नता वाले व्यक्तियों को दुष्प्रचार और अभिव्यक्ति पर प्रतिबन्ध का निशाना बनाया जाता है. मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त स्वतंत्र विशेषज्ञ ने, यूएन न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, आज हम ऐसी दुनिया में रहना चाहते हैं जहा लैंगिक समानता हो. महिलाओं को आगे लाने में काफ़ी प्रगति हुई है और अब इन मुद्दों से निपटने का समय आ गया है.” साक्षात्कार पर आधारित एक वीडियो...

अक्टूबर 1955 में खींची गई इस तस्वीर में यूएन मुख्यालय इमारत और न्यूयॉर्क शहर के मैनहैटन इलाक़े की गगनचुम्बी इमारतें नज़र आ रही हैं. (24 अक्टूबर 1955)
UN Photo

UNRWA कर्मचारियों के बलिदान की छाया में, यूएन स्थापना दिवस

मंगलवार, 24 अक्टूबर को मनाया जाने वाला संयुक्त राष्ट्र स्थापना दिवस, इस साल ग़ाज़ा में उपजे संकट, वहाँ आम फ़लस्तीनियों की बढ़ती पीड़ा और यूएन कर्मचारियों के बलिदान की पृष्ठभूमि में हो रहा है. अब तक, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन राहत एवं कार्य एजेंसी के (UNRWA) 35 कर्मचारी हिंसा में अपनी जान गँवा चुके हैं.

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में भूकम्प प्रभावित इलाक़ों में अनेक परिवारों ने अपने परिजनों, घरों व सम्पत्तियों को खो दिया है.
© UNICEF/Osman Khayyam

अफ़ग़ानिस्तान: भूकम्प के बाद बचाव व राहत कार्यों में सक्रिय यूएन एजेंसियाँ

अफ़ग़ानिस्तान में 7 अक्टूबर, 2023 को सुबह रिक्टर पैमाने पर 6.3 की तीव्रता वाला भूकम्प आया जिससे 1,300 से अधिक लोगों की मौत हो गई. भूकम्प के सिलसिलेवार झटके बाद में भी महसूस किए गएजिससे हालात बद से बदतर हो गए हैं. यूएन की एजेंसियाँ, पीड़ितों की मदद में जुटी हैं और भोजन, शरण व चिकित्सा प्रदान करने व क्षति के आकलन के लिए अपनी टीमें तैनात कर रही है. एक वीडियो रिपोर्ट.

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में एक लड़का, एक अस्थाई आश्रय स्थल में, कम्बल ले जाते हुए.
UNICEF

इसराइल-फ़लस्तीन टकराव: प्रमुख घटनाओं का झरोखा

मध्य पूर्व में इसराइल और फ़लस्तीन के दरम्यान, अनेक दशकों से हिंसक युद्ध जारी है जिसकी जड़ें 1948 तक पहुँचती हैं, जब इसराइल नामक देश की स्थापना हुई थी और उस समय लाखों फ़लस्तीनियों को उनकी भूमि से बेदख़ल करके अन्य स्थानों (देशों) को विस्थापित कर दिया गया था. 1967 के मध्य पूर्व के बाद, इसराइल ने कुछ फ़लस्तीनी इलाक़ों पर क़ब्ज़ा कर लिया था जिनमें ग़ाज़ा, पश्चिमी तट और येरूशेलम के कुछ हिस्से शामिल हैं. इस विवाद की एक संक्षिप्त समय-रेखा...