UNRWA कर्मचारियों के बलिदान की छाया में, यूएन स्थापना दिवस
मंगलवार, 24 अक्टूबर को मनाया जाने वाला संयुक्त राष्ट्र स्थापना दिवस, इस साल ग़ाज़ा में उपजे संकट, वहाँ आम फ़लस्तीनियों की बढ़ती पीड़ा और यूएन कर्मचारियों के बलिदान की पृष्ठभूमि में हो रहा है. अब तक, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन राहत एवं कार्य एजेंसी के (UNRWA) 35 कर्मचारी हिंसा में अपनी जान गँवा चुके हैं.
जून 1945 में 50 देशों के प्रतिनिधियों ने यूएन चार्टर तैयार करके, सैन फ्रांसिस्को में हुए संयुक्त राष्ट्रों के अन्तरराष्ट्रीय संगठनों पर सम्मेलन में एकत्र होकर, संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर किए थे.
इसके बाद, यूएन चार्टर 24 अक्टूबर 1945 को लागू हुआ था, और उसके ज़रिये संयुक्त राष्ट्र की औपचारिक स्थापना हुई.
1948 के बाद से, हर वर्ष 24 अक्टूबर को “संयुक्त राष्ट्र दिवस” मनाया जाता रहा है.
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) ने सोमवार को अपने एक ट्वीट सन्देश में बताया कि ग़ाज़ा में मारे गए यूएन कर्मचारियों में अनेक शिक्षक हैं.
“हम शोक मना रहे हैं, और उन्हें याद करते हैं. वे केवल संख्या भर नहीं हैं. वे हमारे मित्र और सहकर्मी हैं...UNRWA इस अपार हानि से शोकाकुल है.”
यूएन एजेंसी में 13 हज़ार कर्मचारी सेवारत हैं, जोकि क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में, तमाम जोखिमों के बीच अन्य यूएन मानवीय राहत एजेंसियों के साथ मिलकर पीड़ित आम लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए प्रयासरत है.
शान्ति के लिए प्रतिबद्ध
यूएन चार्टर के ज़रिये, देशों ने उत्तरगामी पीढ़ियों को युद्ध के अभिशाप से बचाने के लिए एकजुट होकर संकल्प लिया था.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि इस चार्टर की बुनियाद, शान्ति निर्माण के संकल्प में है. “इस यूएन दिवस पर, आइए, हम अपनी आकाँक्षाओं की बेहतर दुनिया को आकार देने के लिए आशा व दृढ़ता का संकल्प लें.”
यूएन प्रमुख ने सभी देशों से एक ऐसे भविष्य के लिए प्रतिबद्धता का आग्रह किया है, जिसमें इस संगठन के नाम के अनुरूप वादों को पूरा किया जाए.
“हम एक विभाजित दुनिया हैं. हम संयुक्त राष्ट्र हो सकते हैं, और हमें ऐसा होना होगा.”
मंगलवार, 24 अक्टूबर, को यूएन दिवस पर अनेक कार्यक्रमों को आयोजन किया गया है, जिनमें न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में एक संगीत समारोह भी है.
इस कॉन्सर्ट की थीम, अगले महीने दुबई में कॉप28 जलवायु सम्मेलन से ठीक पहले, जलवायु कार्रवाई के अग्रिम मोर्चो पर केन्द्रित है. यह विषय यूएन महासचिव की मुख्य प्राथमिकताओं में से हैं.