वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

वीडियो - हब (Video-Hub)

वीडियो हब (VIDEO HUB)
यूएन हिन्दी न्यूज़ की मल्टीमीडिया सामग्री...
तीन महीने पहले आरम्भ हुए टकराव के कारण, ग़ाज़ा के ज़्यादातर निवासी विस्थापित हो चुके हैं.
© UNRWA

ग़ाज़ा के विस्थापितों का दर्द, भय और आशंका के साए में ज़िन्दगी

रफ़ाह में शरण लेने वाले फ़लस्तीनी जन, भय और आशंका के साए में जी रहे हैं. घनी आबादी वाले इस इलाक़े में टकराव बढ़ता जा रहा हैजहाँ 15 लाख से अधिक लोगों ने शरण ली हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि ग़ाज़ा में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है और लोग अकल्पनीय परिस्थितियों में रह रहे हैं. विस्थापन और घायलों की एक नई लहर से, लोगों के स्वास्थ्य और मानसिक कल्याण पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा. इससे पहले से ही बोझ तले दबी स्वास्थ्य प्रणाली पर आघात बढ़ेगा - जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था के टूटने के कगार पर पहुँचने के आसार बढ़ जाएँगे. एक वीडियो.

दक्षिण सूडान में रेडियो मिराया से कार्यक्रम प्रसारित करते हुए एक रेडियो पत्रकार.
UNMISS/Isaac Billy

विश्व रेडियो दिवस: दक्षिण सूडान में जन जागरूकता में रेडियो की महत्ता

हर साल 13 फ़रवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है. रेडियो जनसंचार का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जोकि 100 साल से भी अधिक पुराना है. रेडियो दिवस एक अवसर है, इस माध्यम के इतिहास को फिर से देखने का, समाज और समुदाय में उसकी भूमिका को समझने का. दक्षिण सूडान में भी संयुक्त राष्ट्र मिशन के रेडियो मिराया ने, जनजागरूकता में अहम भूमिका निभाई है. एक वीडियो फ़ीचर...

दक्षिणी ग़ाज़ा पट्टी में स्थित रफ़ाह में लोगों को गर्म कपड़े वितरित किए जा रहे हैं.
© UNICEF/Eyad El Baba

ग़ाज़ा: रफ़ाह में सैन्य कार्रवाई से, ‘कल्पना से भी परे तबाही’ होने की आशंका

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की है कि यदि इसराइली बलों ने दक्षिणी ग़ाज़ा में स्थित रफ़ाह में सैन्य कार्रवाई शुरू की तो उससे होने वाली तबाही की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. ग़ाज़ा में युद्ध के कारण अन्य हिस्सों से विस्थापित हुए लाखों लोगों ने जान बचाने के लिए रफ़ाह के छोटे से इलाक़े में शरण ली हुई है.

दक्षिणी ग़ाज़ा पट्टी के रफ़ाह शहर में नष्ट हुए घरों के मलबे के पास से गुज़रता एक लड़का.
© UNICEF/Eyad El Baba

रफ़ाह में सैन्य हमलों से, क़त्लेआम का रास्ता निकलने का ख़तरा, मार्टिन ग्रिफ़िथ्स

संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत मामलों के समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने मंगलवार को कहा है कि ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह में, अगर इसराइल का सम्भावित सैन्य हमला होता है तो, उससे आम लोगों के क़त्लेआम का रास्ता निकल सकता है और पहले से ही कमज़ोर पड़ चुके मानवीय सहायता अभियान को भी मौत के दरवाज़े पर धकेल दिया जाएगा.

ग़ाज़ा में युद्ध से हुई भीषण तबाही से बचने के लिए, लाखों विस्थापित फ़लस्तीनी, अस्थाई शिविरों में रहने को मजबूर हैं.
© OHCHR/Media Clinic

रफ़ाह में, इसराइल के सम्भावित हमले को लेकर, ग़ाज़ावासियों में भारी चिन्ता

फ़लस्तीनियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA के मुखिया फ़िलिपे लज़ारिनी ने, मंगलवार को चेतावनी दी कि ग़ाज़ा पट्टी में रहने वाले लोग इसराइल के साथ युद्ध से गहरे सदमे में हैं और रफ़ाह पर इसराइल के सम्भावित पूर्ण पैमाने पर हमले के बारे में उनके भीतर भारी डर है. इस बीच ग़ाज़ा में युद्धविराम सुनिश्चित करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय प्रयास जारी हैं.

ग़ाज़ा में युद्ध से विस्थापित लोग, एक अस्थाई आश्रय स्थल के पास, खाद्य सामग्री के वितरण की प्रतीक्षा करते हुए.
© UNRWA/Ashraf Amra

UNRWA की कार्य तटस्थता प्रक्रिया की जाँच के लिए, समीक्षा समूह का गठन

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यह आकलन करने के लिए एक स्वतंत्र समीक्षा समूह का गठन किया है कि फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA, अपनी कार्य तटस्थता सुनिश्चित करने के लिए, अपनी शक्तियों के भीतर सभी कुछ कर रही है या नहीं.

ग़ाज़ा में लाखों लोग, युद्ध के कारण रोटी और पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
© UNRWA

ग़ाज़ा - UNRWA है लाखों लोगों का आख़िरी सहारा

हमास के साथ, अपने लगभग 12 कर्मचारियों की मिलीभगत के आरोपों का सामना कर रही, संयुक्त राष्ट्र एजेंसी - UNRWA का वित्त-पोषण बन्द करने के "विनाशकारी परिणाम" सामने आने की आशंका. यह एजेंसी फ़लस्तीनी शरणार्थियों की मदद के लिए, संयुक्त राष्ट्र ने 1949 में गठित की थी. (वीडियो)

सूडान युद्ध में लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और लाखों लोगों को देश के बाहर भी जाना पड़ा है.
© UNHCR/Tiksa Negeri

दारफ़ूर संकट: 5 प्रमुख तथ्य

सूडान में अप्रैल 2023 में भड़के युद्ध के कारण "एक बिगड़ती मानवीय आपदा और एक विनाशकारी मानवाधिकार संकट परस्पर मिल" गए हैं, जिससे दारफ़ूर क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है, जोकि बहुत अशान्त क्षेत्र बन चुका है. इस संकट के बारे में 5 अहम तथ्य... (वीडियो). 

महासभा अध्यक्ष, डेनिस फ़्रांसिस, यूएन में भारत की स्थाई प्रतिनिधि, रुचिरा काम्बोज के साथ, यूनेस्को धरोहर स्थल पर.
UN India/Vishal Bhatnagar

यूएन महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस की भारत यात्रा की झलकियाँ

यूएन महासभा अध्यक्ष, डेनिस फ़्रांसिस ने अपनी पाँच दिवसीय भारत यात्रा के दौरान कई स्थानों का दौरा किया व द्विपक्षीय वार्ताओं के अलावा, अनेक कार्यक्रमों में भाग लिया. (वीडियो झलकियाँ)

अफ़ग़ानिस्तान में आए भूकम्पों से ऐसे 68 हज़ार घर-परिवार प्रभावित हुए, जिनकी मुखिया महिला थीं.
UNDP Afghanistan

अफ़ग़ानिस्तान: अस्थाई आश्रय स्थलों से भूकम्प प्रभावितों को बंधी आस

कुछ महीने पहले अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में आए भूकम्प से उजड़े 200 से अधिक परिवारों को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा निर्मित मज़बूत अस्थाई आश्रय स्थलों में शरण मिली है, जिससे कड़ाके की सर्दी में उन्हें गुज़र-बसर कर पाने में मदद मिली है. मिलिए सुहेला से जो इन्हीं भूकम्प प्रभावितों में से हैं और जिनके लिए यह सहायता मायने रखती है. (वीडियो)