भारत: उत्थान से प्रेरित होकर संभाली, स्वयं सहायता समूह की बागडोर
सफ़ाई साथियों का कार्य, अनौपचारिक व असंगठित होता है, जिसमें काम के लम्बे घंटे, कम आय, कठोर परिस्थितियाँ, व समाज में निम्न दर्जे का स्थान मिलने के कारण स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाती है. ऐसे में, सफ़ाई कर्मियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल, बच्चों की शिक्षा या आपात स्थितियों से निपटना बहुत मुश्किल हो जाता है. इस अनौपचारिक अपशिष्ट अर्थव्यवस्था का अधिकाँश हिस्सा होती हैं महिलाएँ, जो घर के कामकाज का दोहरा बोझ उठाती हैं. इन्ही समस्याओं के समाधान के लिए, भारत में यूएनडीपी ने उत्थान पहल शुरू की. उत्थान परियोजना से प्रेरित होकर, स्वयं सहायता समूह का नेतृत्व सम्भालने वाली आशा प्रहलाद सेन्धड़े की कहानी.