वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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आशा कहती हैं कि उन्होंने जीवन में कई परेशानियाँ झेली हैं, इसलिए वो अपने बच्चों को लिए बेहतर जीवन की कामना करती हैं.
UNDP India

भारत: उत्थान से प्रेरित होकर संभाली, स्वयं सहायता समूह की बागडोर

सफ़ाई साथियों का कार्य, अनौपचारिक व असंगठित होता है, जिसमें काम के लम्बे घंटे, कम आय, कठोर परिस्थितियाँ, व समाज में निम्न दर्जे का स्थान मिलने के कारण स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाती है. ऐसे में, सफ़ाई कर्मियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल, बच्चों की शिक्षा या आपात स्थितियों से निपटना बहुत मुश्किल हो जाता है. इस अनौपचारिक अपशिष्ट अर्थव्यवस्था का अधिकाँश हिस्सा होती हैं महिलाएँ, जो घर के कामकाज का दोहरा बोझ उठाती हैं. इन्ही समस्याओं के समाधान के लिए, भारत में यूएनडीपी ने उत्थान पहल शुरू की. उत्थान परियोजना से प्रेरित होकर, स्वयं सहायता समूह का नेतृत्व सम्भालने वाली आशा प्रहलाद सेन्धड़े की कहानी.

हेरात के चाहक गाँव में यूएनडीपी की एक पहल के ज़रिए, भूकम्प से बचे उन्नीस वर्षीय रहमत और उनके 12 लोगों के परिवार को नवनिर्मित संक्रमणकालीन आश्रय में शरण मिली है.
UNDP Afghanistan

अफ़ग़ानिस्तान: भूकम्प के विनाश के बाद, उम्मीदों के आशियाने

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में कुछ महीने पहले आए भूकम्प के सिलसिलेवार झटकों ने, अनगिनत लोगों की ज़िन्दगियाँ तबाह कर दीं. भूकम्प से प्रभावित परिवारों को, अफ़ग़निस्तान स्थित संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की एक पहल से, अपने नवनिर्मित संक्रमणकालीन आश्रय में शरण मिली है. चाहक गाँव के उन्नीस वर्षीय निवासी रहमत और उनके 12 लोगों का परिवार भी, ऐसे लाभान्वितों में शामिल है, जिसे अब अफ़ग़ानिस्तान की कड़ाके की सर्दियों में सुरक्षित लग रहा है और वो अपने भविष्य के प्रति आशान्वित हैं.

म्याँमार में सैन्य तख़्तापलट के विरोध में जन प्रदर्शन. (फ़ाइल)
Unsplash/Pyae Sone Htun

म्याँमार: सैन्य तख़्तापलट के तीन साल, मानवाधिकारों के लिए बिगड़ती स्थिति

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) वोल्कर टर्क ने क्षोभ प्रकट किया है कि सैन्य तख़्तापलट के तीन वर्ष बाद भी, म्याँमार में मानवाधिकारों के लिए एक गम्भीर संकट बरक़रार है और स्थानीय लोगों की पीड़ा व विपत्ति पर दुनिया पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि म्याँमार के सैन्य नेतृत्व की जवाबदेही तय किए जाने के लिए दोगुने प्रयास करने होंगे.

ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस में महिलाओं व बच्चों ने यूएन एजेंसी द्वारा संचालित एक केन्द्र में शरण ली हुई है, जहाँ भारी भीड़ है.
© UNRWA/Hussein Owda

UNRWA को वित्तीय समर्थन पर संकट, ग़ाज़ा में आम फ़लस्तीनियों की बढ़ती हताशा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ग़ाज़ा में विकट हालात की गम्भीरता के मद्देनज़र दोहराया है कि यह समय स्थानीय आबादी को उनके हाल पर छोड़ देने का नहीं है. इस बीच, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश मंगलवार को फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) के मुख्य दानदाता देशों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात करेंगे.

औद्योगिक स्तर पर उत्पादित ट्रांस वसा, आमतौर पर डिब्बा बन्द खाद्य पदार्थों, पकाए गए भोज्य पदार्थों और खाना पकाने में काम आने वाले तेल वग़ैरा में पाया जाता है.
© Unsplash/Nathan Dumlao

ट्रांस वसा को हटाने के प्रयासों पर, 5 देशों को WHO का पुरस्कार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भोजन में बड़े पैमाने पर उत्पादित ट्रांस वसा यानि असंतृप्त वसा को ख़त्म करने की दिशा में सराहनीय प्रयासों के लिए, पाँच देशों को सम्मानित किया है.

ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े से विस्थापित लोग, दक्षिणी इलाक़े की तरफ़ पलायन करने को विवश.
© UNRWA/Ashraf Amra

UNRWA के दानदाताओं से मिलेंगे यूएन प्रमुख; अनेक संगठनों द्वारा समर्थन जारी रखने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, फ़लस्तीनी शरणार्थियों की सहायता के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) के प्रमुख दानदाता देशों से, मंगलवार को मुलाक़ात कर रहे हैं, जिनमें से कई देशों ने, इसराइल पर 7 अक्टूबर को हमास के हमलों में कुछ कर्मचारियों के शामिल होने के आरोपों के बाद, वित्तीय सहायता रोकने की घोषणा की है. इस बीच, अनेक ग़ैर-सरकारी संगठनों ने सोमवार को, इस यूएन एजेंसी के लिए समर्थन जारी रखने की अपील की है.

UNISFA में पाकिस्तान शान्तिरक्षकों के दल में सेवारत एक चिकित्साकर्मी, स्थानीय समुदाय को उपचार व दवाएँ मुहैया करा रहा है.
UNISFA

विवादित आबिये क्षेत्र में झड़पों में आम लोगों व शान्तिरक्षकों के मारे जाने की निन्दा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सूडान और दक्षिण सूडान के बीच विवादित सीमा क्षेत्र – आबिये प्रशासनिक क्षेत्र में पिछले सप्ताहांत हुई अन्तर-सामुदायिक झड़पों पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है, जिसमें अनेक आम लोगों और संयुक्त राष्ट्र अन्तरिम सुरक्षा बल (UNISFA) मिशन में सेवारत दो शान्तिरक्षकों के मारे जाने की ख़बर है.

महासभा अध्यक्ष, डेनिस फ़्रांसिस, यूएन में भारत की स्थाई प्रतिनिधि, रुचिरा काम्बोज के साथ, यूनेस्को धरोहर स्थल पर.
UN India/Vishal Bhatnagar

यूएन महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस की भारत यात्रा की झलकियाँ

यूएन महासभा अध्यक्ष, डेनिस फ़्रांसिस ने अपनी पाँच दिवसीय भारत यात्रा के दौरान कई स्थानों का दौरा किया व द्विपक्षीय वार्ताओं के अलावा, अनेक कार्यक्रमों में भाग लिया. (वीडियो झलकियाँ)

एक ग़ैर-सरकारी संगठन द्वारा, लीबिया के तट पर प्रवासियों का बचाव. (फ़ाइल)
© SOS Méditerranée/Anthony Jean

भूमध्यसागर मार्ग पर 2024 की घातक शुरुआत, 100 लोगों ने गँवाई जान या हुए लापता

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के आँकड़े दर्शाते हैं कि मध्य और पूर्वी भूमध्यसागर में वर्ष 2024 की शुरुआत से अब तक लगभग 100 लोगों की जान जा चुकी है या फिर वे लापता हुए हैं. 

अंतरिक्ष यात्री, नील आर्मस्ट्रांग द्वारा ली गई इस तस्वीर में, कर्नल एडविन एल्ड्रिन जूनियर, 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा की सतह पर चलते हुए. (फ़ाइल)
UN Photo/NASA

यूएन मुख्यालय में, चन्द्रमा का एक टुकड़ा कैसे आ पहुँचा?

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, आजकल अन्तरिक्ष के एक अलौकिक वासी का घर है: चन्द्रमा के एक अनमोल टुकड़े का. चन्द्रमा से लाया गया चट्टान का यह टुकड़ा, मुख्यालय में प्रदर्शित अनेक आकर्षक वस्तुओं में से एक हैजिनमें गिटार के आकार में बनी मशीन गन, या फिर जापान में परमाणु बम से बची, मरोड़ी हुई कांस्य प्रतिमा जैसी वस्तुएँ शामिल हैं.