विवादित आबिये क्षेत्र में झड़पों में आम लोगों व शान्तिरक्षकों के मारे जाने की निन्दा
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सूडान और दक्षिण सूडान के बीच विवादित सीमा क्षेत्र – आबिये प्रशासनिक क्षेत्र में पिछले सप्ताहांत हुई अन्तर-सामुदायिक झड़पों पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है, जिसमें अनेक आम लोगों और संयुक्त राष्ट्र अन्तरिम सुरक्षा बल (UNISFA) मिशन में सेवारत दो शान्तिरक्षकों के मारे जाने की ख़बर है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, डिन्का जातीय समूह के परस्पर विरोधी हथियारबन्द गुटों में प्रशासनिक सीमा तय किए जाने के मुद्दे पर विवाद चल रहा था.
यूएन मिशन ने बताया कि शनिवार को कुछ इलाक़ों में झड़पें हुईं, जिसमें क़रीब 50 लोगों की मौत हुई है, जिनमें घाना और पाकिस्तान के दो शान्तिरक्षक भी हैं.
महासचिव गुटेरेश ने हिंसा और शान्तिरक्षा बलों पर हुए हमलों की निन्दा की है और दक्षिण सूडान व सूडान सरकार से घटना की तत्काल जाँच कराए जाने का आग्रह किया है.
यूएन प्रमुख के अनुसार, यूएन शान्तिरक्षा बल UNISFA की मदद से इस हिंसा के दोषियों की जल्द से जल्द जवाबदेही तय की जानी होगी.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि यूएन शान्तिरक्षकों पर हमलों को युद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.
यूएन मिशन, स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर हिंसा में हताहत और विस्थापित हुए लोगों की संख्या की पुष्टि करने में जुटा है. अब तक 52 लोगों के मारे जाने और 64 अन्य के गम्भीर रूप से घायल होने का समाचार है.
UNISFA ने उन सभी लोगों को अपने शिविर में शरण लेने की अनुमति दी है, जिनके जीवन पर जोखिम मंडरा रहा है. महासचिव गुटेरेश ने घाना और पाकिस्तान की सरकार, मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना प्रकट की है.
शान्तिरक्षकों पर हमला
UNISFA की ओर से जारी एक वक्तव्य के अनुसार, यूएन शान्तिरक्षक रविवार को हिंसा में घायल हुए लोगों को अस्पताल में ले जा रहे थे, जब उन पर भीषण गोलीबारी की गई है.
इस हमले में एक पाकिस्तानी शान्तिरक्षक की मौक़े पर ही मौत हो गई, जबकि चार वर्दीधारी कर्मचारी और एक स्थानीय व्यक्ति घायल हो गया.
इससे एक दिन पहले, अगोक स्थित UNISFA शिविर पर हमला हुआ था, जिसमें घाना के शान्तिरक्षक की जान चली गई थी.
यूएन मिशन ने अपने एक वक्तव्य में आम नागरिकों और शान्तिरक्षकों पर किए गए हमलों की कठोर निन्दा की है और कहा है कि ‘ब्लू हैलमैट’ शान्तिरक्षकों पर हमलों को अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत युद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र अन्तरिम सुरक्षा बल
आबिये, सूडान और दक्षिण सूडान के बीच विवादित सीमा क्षेत्र है, जिस पर दोनों देश अपना दावा जताते रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जून 2011 में यूएन मिशन UNISFA की स्थापना की थी, जब दक्षिण सूडान, सूडान से औपचारिक रूप से अपनी स्वाधीनता घोषित करने की तैयारी कर रहा था.
वहीं, आबिये क्षेत्र में नए सिरे से हिंसा सिर उठा रही थी, तनाव बढ़ रहा है और आबादी का विस्थापन हो रहा था.
सुरक्षा परिषद के निर्णय से कुछ हफ़्ते पहले कई घातक झड़पें हुईं जिनकी वजह से एक लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर हुए थे.
सूडान में परस्पर विरोधी सैन्य बलों में टकराव से आबिये के लिए चुनौतियाँ गहरी हुई हैं, और विवाद के निपटारे पर सूडान व दक्षिण सूडान के बीच बातचीत रुक गई है.