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भूमध्यसागर मार्ग पर 2024 की घातक शुरुआत, 100 लोगों ने गँवाई जान या हुए लापता

एक ग़ैर-सरकारी संगठन द्वारा, लीबिया के तट पर प्रवासियों का बचाव. (फ़ाइल)
© SOS Méditerranée/Anthony Jean
एक ग़ैर-सरकारी संगठन द्वारा, लीबिया के तट पर प्रवासियों का बचाव. (फ़ाइल)

भूमध्यसागर मार्ग पर 2024 की घातक शुरुआत, 100 लोगों ने गँवाई जान या हुए लापता

प्रवासी और शरणार्थी

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के आँकड़े दर्शाते हैं कि मध्य और पूर्वी भूमध्यसागर में वर्ष 2024 की शुरुआत से अब तक लगभग 100 लोगों की जान जा चुकी है या फिर वे लापता हुए हैं. 

यूएन प्रवासन एजेंसी के अनुसार, पिछले साल इसी अवधि की तुलना में यह आँकड़ा उसके दोगुने से भी अधिक है. योरोप में प्रवासियों के लिए समुद्री मार्ग में हुई मौतों के मामले में, 2023 को 2016 के बाद सर्वाधिक जानलेवा साल माना जाता है.

यूएन प्रवासन एजेंसी की ‘लापता प्रवासी परियोजना’ के तहत, भूमध्यसागर क्षेत्र में अपनी जान गँवाने या लापता हो जाने वाले प्रवासियों की वार्षिक संख्या वर्ष 2021 में 2,048 थी.

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2022 में यह बढ़कर 2,411 पर पहुँची और पिछले वर्ष (2023) के अन्त तक यह 3,041 हो गई थी. 

यूएन प्रवासन संगठन की महानिदेशक ऐमी पोप ने कहा कि एक मौत होना भी बहुत ज़्यादा है. 

“मौतों और लापता हो जाने का नवीनतम रिकॉर्ड हमें ध्यान दिलाता है कि सुरक्षित व नियमित मार्गों समेत व्यापक तौर-तरीक़े, जोकि IOM का एक अहम रणनैतिक स्तम्भ है, वे ही एकमात्र समाधान है, जिससे प्रवासियों व देशों को लाभ पहुँचेगा.”

हादसों मे चिन्ताजनक वृद्धि 

पिछले छह हफ़्तों में लीबिया, लेबनान और ट्यूनीशिया से आने वाले तीन जहाज़ों का कुछ पता नहीं चल पाया है, जिनमें 158 यात्री सवार थे. 

IOM ने इनमें से 73 लोगों को लापता घोषित किया है या फिर ये मान लिया है कि उनकी मौत हो चुकी है.

पिछले सप्ताह बुधवार को, सायप्रस के केप ग्रेको से आने वाले 62 प्रवासियों के एक समूह को बचाया गया, जिन्होंने 18 जनवरी को लेबनान से अपनी यात्रा की शुरुआत की थी. 

इनमें से अधिकाँश को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वे बहुत बीमार बताए गए हैं. अनेक बच्चों की हालत बेहद गम्भीर है और एक की मौत हो चुकी है.

तुर्कीये के अन्तालया के तट पर हाल के दिनों में सात शव बरामद हुए हैं, जोकि सम्भवत: 85 प्रवासियों के उस समूह का हिस्सा थे, जिन्होंने लेबनान से 11 दिसम्बर को अपनी यात्रा शुरू की थी और लापता हो गए थे.

समाधानों पर केन्द्रित सम्मेलन

यूएन एजेंसी की शीर्ष अधिकारी ऐमी पोप, सोमवार को रोम में इटली-अफ़्रीका सम्मेलन में हिस्सा ले रही हैं, जिसमें प्रवासियों की रक्षा करने के समाधानों पर चर्चा होगी.

‘A Bridge for Common Life’ नामक इस सम्मेलन में 20 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्री शिरकत कर रहे हैं, जिनमें इटली की प्रधानमंत्री जियॉर्जिया मेलोनी और योरोपीय आयोग की अध्यक्ष उरसुला वोन डे लिएन भी हैं. 

इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र की अनेक एजेंसियाँ, योरोपीय संघ, विश्व बैंक समेत अफ़्रीका के कई देशों से नेता यहाँ उपस्थित होंगे.

यह सम्मेलन एक ऐसे समय में आयोजित हो रहा है समुद्री मार्गों पर अपनी जान गँवाने वाले या लापता होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है.

योरोप और अफ़्रीका के बीच में एक पुल के तौर पर इटली की एक अहम भूमिका है, और इस सम्मेलन के दौरान साझेदारों के साथ विचार-विमर्श के लिए एक प्लैटफ़ॉर्म प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है.

यूएन प्रवासन संगठन अन्य एजेंसियों व साझेदार संगठनों के साथ मिलकर, संकट का सामना कर रहे प्रवासियों की मानवीय सहायता के इरादे से कुछ अनुशंसाएँ तैयार कर रहा है, ताकि इन जोखिम भरे समुद्री मार्गों पर ऐसे हादसों को रोका जा सके.