वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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न्यूयॉर्क के सबवे सिस्टम में ट्रेन पकड़ने के लिए मास्क और दस्ताने पहनकर प्रवेश करता एक व्यक्ति.
UN Photo/Evan Schneider

कोविड-19: बिना योजना के अर्थव्यवस्थाओं को खोलना ‘बन सकता है त्रासदीपूर्ण’ 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि अगर देश वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव के ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र लागू पाबन्दियाँ हटाना चाहते हैं तो फिर उन्हें पहले संक्रमण के फैलाव पर क़ाबू पाने और लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने के लिये गम्भीरता बरतनी होगी. यूएन एजेंसी प्रमुख ने सोमवार को जिनीवा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए ऐसे उपायों की जानकारी सामने रखी जिनके ज़रिये समाजों व अर्थव्यवस्थाओं को फिर से पटरी पर लाया जा सकता है. 

कोविड-19 के कारण महिला सशक्तिकरण की दिशा में अब तक हुई प्रगति पर संकट मंडरा रहा है.
ILO

कोविड-19: महिलाओं व लड़कियों के लिये पीढ़ियों की प्रगति खो जाने का ख़तरा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आगाह किया है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के विनाशकारी सामाजिक और आर्थिक प्रभावों से दुनिया भर में महिलाएँ व लड़कियाँ बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. उन्होंने ज़ोर देकर कहा है कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में वर्षों व कई पीढ़ियों से हो रही प्रगति को कोरोनावायरस संकट की भेंट ना चढ़ने देने के लिये व्यापक प्रयास करने की आवश्यकता होगी. 

वेनेज़्वेला में एक स्वास्थ्य केंद्र में एक बच्ची को वैक्सीन की खुराक दी जा रही है.
© UNICEF/William Urdaneta

कोविड-19 सर्वे: 90 फ़ीसदी देशों में ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक ताज़ा सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण अधिकाँश देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी असर पड़ा है. इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले 105 में से लगभग 90 प्रतिशत देशों में स्वास्थ्य सेवाओं में किसी ना किसी प्रकार का व्यवधान आया है जिनमें निम्न और मध्य आय वाले देशों को सबसे ज़्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. 

कोयले पर दक्षिण अफ्रीका की निर्भरता साफ़ नज़र आती है. कोयला खदान प्रक्रिया के कारण पानी सिंचाई, उद्योग और पीने के योग्य नहीं बचता. पानी केवल गन्दा नहीं, बल्कि ज़हरीला हो गया है.
UN Photo/Gill Fickling

स्वच्छ, कुशल ऊर्जा में भारत की अहम भूमिका

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को 19वें दरबारी सेठ स्मारक व्याख्यान को सम्बोधित किया. ये व्याख्यान ऊर्जा व शोधन संस्थान (टैरी) भारत, ने अपने संस्थापक और जलवायु कार्रवाई के प्रणेता, दरबारी सेठ के सम्मान में आयोजित किया था. इस व्याख्यान में महासचिव ने कोविड-19 पुनर्बहाली में जलवायु कार्रवाई को प्रमुखता देते हुए ज़ोर देकर कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा बढ़ाकर अपनी दो शीर्ष प्राथमिकताएँ प्राप्त कर सकता है - ग़रीबी उन्मूलन और ऊर्जा की सार्वभौमिक पहुँच की गारण्टी. उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले जीवाश्म ईंधन की बजाय अक्षय ऊर्जा में निवेश करने से तीन गुना अधिक रोज़गार उत्पन्न हो सकते हैं.

युद्धग्रस्त यमन का हुदैदाह बंदरगाह, देश में मानवीय सहायता और ईंधन पहुँचाने का मुख्य साधन है.
UNICEF/Abdulhaleem

युद्धग्रस्त यमन में ईंधन संकट का तत्काल हल ज़रूरी

यमन के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सभी पक्षों तुरन्त उनके कार्यालय से सम्पर्क करके एक ऐसा समाधान तलाश करने के लिये साथ मिलकर काम करने का आहवान किया है जिसके ज़रिये युद्धग्रस्त देश के लोगों की ईंधन की बुनियादी ज़रूरतें पूरी सकें. अन्सार अल्लाह गुट के नियन्त्रण वाले इलाक़ों में ईंधन की भारी क़िल्लत हो गई है.

गुमशुदा और लापता लोगों के सम्बन्धी कोसोवो के प्रिस्टीना स्थित यूएन मुख्यालय के बाहर मूक प्रदर्शन करते हुए, (2002). फ़ाइल फ़ोटो.
UN Photo

जबरन गुमशुदगी पर रोक लगाने के प्रयासों को मज़बूती देने का आहवान

विश्व के अनेक देशों में लोगों को जबरन ग़ायब कराए जाने की घटनाएँ व्यक्तियों के मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों के साथ-साथ समाजों में आतंक फैलाने की रणनीति को भी दर्शाती हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रविवार, 30 अगस्त, को 'जबरन गुमशुदगी के पीड़ितों के अन्तरराष्ट्रीय दिवस' पर सदस्य देशों से इस समस्या पर विराम लगाने का आहवान किया है. 

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन.
UN Photo/Evan Schneider

सीरिया मुद्दे पर जिनीवा में बैठक - 'अनेक मुद्दों पर साझा रुख़' का स्वागत

सीरिया में लगभग एक दशक से चले आ रहे हिंसक संघर्ष का शान्तिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिये जिनीवा में हो रही बैठक में आपसी सहमति की ज़मीन तलाश करने में मदद मिली है जिसके आधार पर चर्चा को आगे बढ़ाया जाएगा. सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गियर पैडरसन ने शनिवार को जिनीवा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि बातचीत के दौरान विभिन्न पक्षों ने अनेक बिन्दुओं पर समान रुख़ दर्शाया है जिसका वह स्वागत करते हैं.

भूमध्यसागर पार करने की कोशिश कर रहे प्रवासी की जान एक बेल्जियम के जहाज ने बचाई. (फ़ाइल)
Frontex/Francesco Malavolta

भूमध्यसागर में फँसे शरणार्थियों को जहाज़ो से सुरक्षित उतारे जाने की पुकार 

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने कहा है कि भूमध्यसागर में बचाव एवँ तलाश अभियान के दौरान बचाए गए लोगों को तटों तक सुरक्षित पहुँचाने के लिये जल्द से जल्द प्रयास किये जाने होंगे. ग़ौरतलब है कि 400 से ज़्यादा शरणार्थी व प्रवासी तीन जहाज़ों पर मौजूद हैं और उनमें से कुछ लोग कई हफ़्तों से वहाँ फँसे हुए हैं.  अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने शरणार्थियों व प्रवासियों को सुरक्षित ढँग से उतारे जाने के लिये एक क्षेत्रीय समझौते की ज़रूरत को भी रेखांकित किया है.

डॉक्टर डेनिस मुकवेगे संघर्ष में यौन हिंसा के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए, (23 अप्रैल 2019).
UN Photo/Evan Schneider

नोबेल विजेता डॉक्टर डेनिस मुकवेगे को मिली धमकियों के बीच सुरक्षा देने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने कोंगो के नोबेल पुरस्कार विजेता डॉक्टर डेनिस मुकवेगे को मिल रही मौत की धमकियों की निन्दा करते हुए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की पुकार लगाई है.

म्याँमार के राख़ीन प्रान्त के सित्तवे क़स्बे में एक मुस्लिम वॉर्ड आँग मिन्गलार के कुछ निवासीगण.
OCHA/P.Peron

म्याँमार: आगामी चुनाव समावेशी व लोकतान्त्रिक रास्ता अपनाने का एक अवसर

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने कहा है कि म्याँमार की सरकार को नवम्बर में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों को एक ऐसे अवसर के रूप में इस्तेमाल करना चाहिये जिससे एक पूर्ण समावेशी लोकतान्त्रिक मार्ग प्रशस्त हो, और जातीय अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे तकलीफ़देह बर्ताव और उनके मानवाधिकार उल्लंघन के मूलभूत कारणों का हल निकाला जा सके.