भूमध्यसागर में फँसे शरणार्थियों को जहाज़ो से सुरक्षित उतारे जाने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने कहा है कि भूमध्यसागर में बचाव एवँ तलाश अभियान के दौरान बचाए गए लोगों को तटों तक सुरक्षित पहुँचाने के लिये जल्द से जल्द प्रयास किये जाने होंगे. ग़ौरतलब है कि 400 से ज़्यादा शरणार्थी व प्रवासी तीन जहाज़ों पर मौजूद हैं और उनमें से कुछ लोग कई हफ़्तों से वहाँ फँसे हुए हैं. अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने शरणार्थियों व प्रवासियों को सुरक्षित ढँग से उतारे जाने के लिये एक क्षेत्रीय समझौते की ज़रूरत को भी रेखांकित किया है.
ग़ौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के दौरान समुद्र में तलाश एवँ बचाव अभियान की क्षमता पर असर हुआ है.
More than 400 refugees and migrants on #MVLouiseMichel #SeaWatch4 and #MaerskEtienne must be allowed to disembark. A mechanism based on cooperation between states would avoid these situations always and unnecessarily becoming human and political crises. https://t.co/DrCoqpTKDR
FilippoGrandi
यूएन एजेंसियों ने एक साझा बयान में स्पष्ट किया है कि ऐसे समय में जब देशों के नेतृत्व में तलाश एवँ बचाव प्रयासों का अभाव है, तब लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने की मानवीय अनिवार्यता को दण्डित या कलंकित नहीं किया जाना चाहिये.
एजेंसियों के मुताबिक लगभग 200 शरणार्थियों व प्रवासियों को तत्काल लुईस मिशेल नामक जहाज़ से सुरक्षित उतारे जाने और हस्तान्तरित किये जाने की ज़रूरत है.
इस जहाज़ को ब्रितानी कलाकार बैन्कसी से वित्तीय मदद प्राप्त है और जर्मनी का एक ग़ैर-सरकारी संगठन इसका इस्तेमाल तलाश एवँ बचाव अभियान के लिये कर रहा है.
शनिवार तड़के एक बचाव अभियान के दौरान इस जहाज़ का इस्तेमाल किया गया लेकिन अब बड़ी संख्या में लोग इस पर मौजूद हैं और राहत प्रयासों में देरी होने से जहाज़ पर सवार लोगों की सुरक्षा के लिये ख़तरा पैदा होने की आशंका जताई गई है.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मदद की पुकार के बाद इटली के तटरक्षकों ने 50 लोगों को जहाज़ से सुरक्षित उतार लिया है.
इससे पहले लीबिया से यात्रा शुरू करने वाले 27 लोगों को तीन सप्ताह पहले सुरक्षित बचाया गया था लेकिन वे अब भी एक जहाज़ में फँसे हुए हैं – इनमें एक गर्भवती महिला और बच्चे भी हैं.
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने इन हालात को अस्वीकार्य बताया है और ज़ोर देकर कहा है कि इस व्यावसायिक टैंकर को किसी भी परिस्थिति में मानवीय सहायता की तलाश कर रहे लोगों के लिए सुरक्षित नहीं माना जा सकता.
उनके मुताबिक तट पर उतरने के बाद कोविड-19 महामारी से बचाव के लिये रोकथाम के ज़रूरी उपायों का पालन किया जा सकता है.
बताया गया है कि एक ग़ैरसरकारी संगठन के एक अन्य जहाज़ में 200 से ज़्यादा शरणार्थी व प्रवासी सवार हैं.
यूएन एजेंसियों ने लम्बे समय से एक क्षेत्रीय समझौते की अहमियत पर बल दिया है जिसके ज़रिये समुद्र में बचाए गए लोगों को सुरक्षित उतारने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके.
उन्होंने स्पष्ट किया है कि समझौते के अभाव में निर्बलों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिये मनाही नहीं होनी चाहिये और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत सहायता प्रदान की जानी चाहिये.
यूएन एजेंसियों ने इस सम्बन्ध में योरोपीय संघ के सदस्य देशों से ठप पड़ी बातचीत को फिर शुरू करने की अपील की है और इस चुनौती से जूझ रहे भूमध्यसागरीय देशों के लिये समर्थन सुनिश्चित करने की पुकार लगाई है.
एजेंसियों ने चिन्ता जताई है कि योरोपीय संघ के नेतृत्व में मध्य भूमध्यसागर में समन्वित बचाव एवँ तलाश अभियान का अभाव है.
अतीत की तुलना में ग़ैरसरकारी राहत संगठनों के जहाज़ों की संख्या भी कम है और इस अन्तर को पाटने के लिये व्यावसायिक जहाज़ों का सहारा लिया जा रहा है.