सीरिया मुद्दे पर जिनीवा में बैठक - 'अनेक मुद्दों पर साझा रुख़' का स्वागत

सीरिया में लगभग एक दशक से चले आ रहे हिंसक संघर्ष का शान्तिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिये जिनीवा में हो रही बैठक में आपसी सहमति की ज़मीन तलाश करने में मदद मिली है जिसके आधार पर चर्चा को आगे बढ़ाया जाएगा. सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गियर पैडरसन ने शनिवार को जिनीवा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि बातचीत के दौरान विभिन्न पक्षों ने अनेक बिन्दुओं पर समान रुख़ दर्शाया है जिसका वह स्वागत करते हैं.
यूएन के विशेष दूत ने स्पष्ट किया कि कुछ मुद्दों पर अब भी मतभेद हैं लेकिन यह देखना सुखद है कि कुछ अन्य मामलों में सहमति भी उभर रही है.
संयुक्त राष्ट्र की मदद से सीरिया के लिये संवैधानिक समिति का तीसरा सत्र नौ महीने के अन्तराल के बाद जिनीवा में आयोजित हुआ. बैठक के एजेण्डा पर मतभेद मार्च 2020 में सुलझा लिये गए थे लेकिन उसके बाद कोविड-19 महामारी के कारण उस बैठक को टाल दिया गया.
इससे पहले संवैधानिक समिति के गठन और आकार पर अक्टूबर 2019 में चर्चा हुई थी. इस समिति में 150 सदस्य हैं. इनमें सीरियाई सरकार के 50 प्रतिनिधि, विरोधी गुट के 50 प्रतिनिधि और 50 प्रतिनिधि नागरिक समाज से हैं.
ग़ौरतलब है कि विभिन्न पक्षों की बैठक और विचार-विमर्श की यह प्रक्रिया पिछले एक सप्ताह में चुनौतीपूर्ण रही है. सोमवार को बातचीत में शामिल चार सदस्यों के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी.
विशेष दूत पैडरसन ने उम्मीद जताई है कि सहमति के उन बिन्दुओं की मदद से शान्ति की दिशा मे क़दम आगे बढ़ाए जा सकेंगे.
“मुझे विश्वास है कि हम कुछ भरोसा क़ायम करने में सफल रहे हैं, थोड़ा सा विश्वास और हम इसे और आगे बढ़ा सकते हैं. हमने जो काम शुरू किया है उस पर प्रयास जारी रख सकते हैं.”
विशेष दूत पैडरसन ने दोहराते हुए कहा कि प्रगति हो रही है लेकिन आगे यह समिति में शामिल सदस्यों पर ही निर्भर है.
उन्होंने वार्ता शुरू होने से पहले ध्यान दिलाया था कि संवैधानिक समिति एक समझौते के आधार पर मिलती है ताकि नए संविधान का मसौदा तैयार करने के लिये एक समय-सारिणी और प्रक्रिया तैयार की जा सके.
इस सिलसिले में सभी पक्षों से यूएन चार्टर के साथ-साथ सीरिया की सम्प्रभुता, एकता, स्वतन्त्रता और अखण्डता का सम्मान करने और प्रक्रिया को सीरियाई नागरिकों के नेतृत्व में ही आगे बढ़ाने की पुकार लगाई गई थी.
सीरियाई सरकार और विरोधी पक्ष में हिरासत में रखे गए और अगवा किए गए लोगों को रिहा करने के मुद्दे पर सहमति नहीं बनी है – यह मुद्दा यूएन के विशेष दूत की पाँच प्राथमिकताओं में शामिल है.
उन्होंने उम्मीद जताई है कि ज़मीनी संघर्ष के रुकने और राजनैतिक मार्ग पर प्रगति के ज़रिये इस मोर्चे पर भी प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है.
गियर पैडरसन ने कहा है कि समिति की अगली बैठक के लिये एजेण्डा पर वह दोनों सह-प्रमुखों से अलग से बातचीत करेंगे, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि अगले दौर की वार्ता के लिये तारीख़ तय करना विभिन्नों पक्षों की ज़िम्मेदारी है.
उन्होंने भरोसा जताया कि इस प्रक्रिया के ज़रिये सभी सीरियाई नागरिकों के लिये न्यायोचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सकेगा.