वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

साक्षात्कार

© UNICEF/Prashanth Vishwanathan

कोविड-19: दक्षिण एशिया में बच्चों की ज़िन्दगी पर बड़ा असर

कोविड-19 महामारी दक्षिण एशिया क्षेत्र में भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश सहित अन्य देशों में तेज़ी से फैल रही है जहाँ विश्व की क़रीब एक चौथाई आबादी रहती है.

इससे दक्षिण एशियाई देशों में बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में हुई प्रगति पर बुरा असर पड़ रहा है. मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें सभी देशों से तुरन्त  कार्रवाई करने का आग्रह किया है. 

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ILO/Marcel Crozet

मज़दूरी के बोझ तले दबता बचपन

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण लाखों बच्चों पर बाल मज़दूरी के गर्त में धँसने का ख़तरा मँडरा रहा है.

शुक्रवार को जारी ताज़ा यूएन रिपोर्ट दर्शाती है कि पिछले दो दशकों में बाल श्रम के क्षेत्र में हुई प्रगति के समक्ष सँकट पैदा हो गया है. 

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Unsplash/Ryan 'O' Niel

पर्यावरण के लिए जैव विविधता

साल 2020 जैव-विविधता के लिए महत्वपूर्ण वर्ष है. इसे पहले से तय की गई जलवायु और जैव विविधता पर प्रमुख अन्तरराष्ट्रीय नीति बैठकों के कारण प्रकृति के लिए ‘सुपर-ईयर’ के रूप में देखा जा रहा है . आज प्रकृति हमें कार्रवाई के लिए एक मज़बूत संकेत भेज रही है, और ये सीख दे रही है कि अगर मनुष्य ने अपना रहन-सहन नहीं बदला, तो उसका अपना अस्तित्व ख़तरे में पड़ जाएगा.

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District Collector's Office, Raigad, India

भारत के पश्चिमी तटीय इलाक़ों में चक्रवाती तूफ़ान का प्रकोप

भारत के महाराष्ट्र राज्य में मुंबई, ठाणे, रायगढ़ सहित तटवर्ती इलाक़ों के अलावा गुजरात के वलसाड, नवसारी, सूरत, भावनगर, भरुच ज़िलों, केंद्र शासित प्रदेश दादर नगर हवेली व दमन एवं दीव में भी निसर्ग तूफ़ान का असर दिखाई दिया. 

हालांकि मुंबई पहुँचते हुए निसर्ग तूफ़ान की रफ़्तार धीमी हो गई और यह  देश की वित्तीय राजधानी कहे जाने वाली मुंबई में बिना कोई नुक़सान किए गुज़र गया. शहर में कई जगहों पर पेड़ गिरे हैं लेकिन अभी तक ज़्यादा हानि की ख़बर नहीं है. 

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UNMISS

हम किसी से कम नहीं हैं– मेजर सुमन गवानी

दक्षिण सूडान में यूएन मिशन में एक सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में ज़िम्मेदारी सम्भालने वालीं और भारतीय सेना में मेजर सुमन गवानी का कहना है कि महिला शान्तिरक्षक किसी से पीछे नहीं हैं और यूएन शान्तिरक्षा अभियानों में महिलाओँ की मज़बूत भागीदारी ही उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति की परिचायक है.

लैंगिक समानता पर उत्कृष्ट कार्य के लिए मेजर गवानी और ब्राज़ील की नौसेना अधिकारी कमान्डर कार्ला मोन्तिएरो डे कास्त्रो अराउजो को  वर्ष 2019 के लिए संयुक्त रूप से 'यूएन मिलिट्री जैन्डर एडवोकेट ऑफ़ द ईयर' अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है.

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UN India

आपदा से मुक़ाबले में सामुदायिक संगठनों की भूमिका अहम

कोविड-19 से उपजे सँकट का सामना करने में भारत में स्थानीय सामुदायिक संगठनों की शक्ति और उपयोगिता निखर कर सामने आई है.

अन्तरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) के भारत कार्यालय में कन्ट्री कोऑर्डिनेटर मीरा मिश्रा के मुताबिक शहरों से ग्रामीण इलाक़ों में लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों की मदद करने और उन्हें तात्कालिक राहत पहुँचाने के काम में ऐसे नैटवर्कों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया. 

जहां भी महिलाएं व किसान छोटे समूहों में संगठित थे वहां उन्हें ट्रेनिंग देना, बाज़ार और राहत कार्यों से जोड़ना आसान हुआ और अब इसे और व्यापक स्तर पर करने की आवश्यकता है.

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WB State Inter Agency Group on Disaster Management

‘विनाशकारी’ चक्रवाती तूफ़ान ‘अम्फन’ अब हुआ कमज़ोर

संयुक्त राष्ट्र के आपदा जोखिम न्यूनीकरण के भारत कार्यालय में विशेषज्ञ रन्जनी मुखर्जी ने गुरूवार को यूएन न्यूज़ हिन्दी को जानकारी देते हुए बताया कि सुपर सायक्लोन अम्फ़न से पश्चिम बंगाल राज्य में प्रभावित इलाक़ों में जान-माल का भारी नुक़सान हुआ है. भारत के बाद चक्रवात ने बांग्लादेश का रुख़ किया और वहाँ से भी नुक़सान की ख़बरें मिली हैं लेकिन कुछ ही समय बाद उसकी तीव्रता में कमी की भी ख़बरें आईं. 

रन्जनी मुखर्जी ने यूएन न्यूज़ हिन्दी की अंशु शर्मा के साथ बातचीत में, तूफ़ान के बाद के हालात पर जानकारी दी. एक अपडेट...

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UNICEF/Akash

पश्चिम बंगाल के तटीय इलाक़ों से टकराया 'अम्फन'

बेहद गम्भीर चक्रवाती तूफ़ान  ‘बताए जा रहे अम्फन’ ने भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में बुधवार को दस्तक दे दी जहाँ सात ज़िलों में इसका प्रकोप ज़्यादा होने की आशंका है. इस तूफ़ान के तटीय इलाक़ों से टकराते समय हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रति घण्टा आँकी गई है.

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© UNICEF/Bernadino Soares

कोविड-19: एशिया-प्रशान्त क्षेत्र के उबरने में महासागर करेंगे अहम योगदान

एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण फैलने, ज़रूरत से ज़्यादा मछलियाँ पकड़े जाने और जलवायु परिवर्तन के कारण महासागरों के स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है. 

इस क्षेत्र में आबादी का एक बड़ा हिस्सा अपने भोजन व आजीविका के लिए महासागरों पर ही निर्भर है. एशिया और प्रशान्त क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी के दौरान जीवन की रफ़्तार ठहरने से समुद्री पर्यावरण को राहत पहुँची है.

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UNEP

कोविड-19: संक्रमण की रोकथाम के लिए मेडिकल कचरे का सही निस्तारण ज़रूरी

वैश्विक महामारी कोविड-19 से मुक़ाबला करने में संक्रामक मेडिकल कचरे के बेहतर प्रबन्धन की अहम भूमिका है. कोरोनावायरस संक्रमण के फैलाव के दौरान प्रतिदिन एकत्र होने वाले मेडिकल कचरे की मात्रा में बढ़ोत्तरी हुई है. 

मेडिकल कचरे के प्रबन्धन में असावधानी बरते जाने से संक्रमण फैलने का ख़तरा बढ़ जाता है और इस वजह से उपयुक्त सुरक्षा उपायों व मानकों का पालन करना अहम है.

साथ ही कचरा प्रबन्धन में जुटे सफ़ाई कर्मचारियों को भी सतर्कता बरतने और निजी बचाव के लिए उपाय करना ज़रूरी है.   

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