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साक्षात्कार

FAO India

रोगाणु-रोधी प्रतिरोध एक बड़ी चुनौती, रोकथाम ज़रूरी

रोगाणु-रोधी प्रतिरोध (Anti-microbial Resistance/AMR) आम लोगों, पशुओं, पौधों और पर्यावरण के लिये एक ऐसा ख़तरा है, जिसकी वजह से एंटीबायोटिक और अन्य जीवनरक्षक दवाएँ अनेक प्रकार के संक्रमणों पर असर नहीं कर पाती हैं.

इन दवाओं के बेअसर होने से प्रभावितों की मौत होने का ख़तरा बढ़ जाता है. 

इस वर्ष, 18 से 24 नवम्बर तक मनाए जाने वाले रोगाणु-रोधी प्रतिरोध सप्ताह की थीम है: "एक-साथ मिलकर रोगाणु-रोधी प्रतिरोध की रोकथाम."

यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा ने इस विषय पर खाद्य एवं कृषि संगठन में रोगाणु-रोधी प्रतिरोध पर क्षेत्रीय विशेषज्ञ, डॉक्टर राजेश भाटिया से विस्तार से बातचीत की.

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UN News

आतंकवाद निरोधक समिति की बैठक: लैंगिक दृष्टिकोण अपनाए जाने की अहमियत रेखांकित

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधक समिति की दो-दिवसीय विशेष बैठक 28 व 29 अक्टूबर को भारत में आयोजित हुई है. इस बैठक में आतंकी गुटों द्वारा नई व उभरती टैक्नॉलॉजी के प्रयोग से पनप रहे ख़तरों के अनेक पहलुओं पर चर्चा हुई.

इस बैठक में हुई चर्चा में, सदस्य देशों के प्रतिनिधियों, यूएन अधिकारियों, नागरिक समाज संस्थाओं, निजी सैक्टर और शोधकर्ताओं ने शिरकत की. 

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5'6"
UN News

महिलाएँ, टैक्नॉलॉजी और टिकाऊ विकास लक्ष्य

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें वार्षिक सत्र के अवसर पर दुनिया भर से सभी क्षेत्रों की अग्रणी हस्तियाँ न्यूयॉर्क में एकत्र हुईं. इस दौरान, भारत में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने रिलायंस फ़ाउण्डेशन व ऑब्ज़र्वर रिसर्च फ़ाउण्डेशन के साथ मिलकर, 23 सितम्बर को, 'महिला, प्रौद्योगिकी और एसडीजी: परिवर्तन के रास्ते को फिर से आकार देना' विषय पर, न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम आयोजित किया.

इस चर्चा में महिलाओं की प्रगति के लिये, टैक्नोलॉजी की महत्ता पर ज़ोर देते हुए, ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं की प्रौद्योगिकी तक पहुँच हासिल करने के उपायों के बारे पर विस्तार से चर्चा हुई.

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UN India

भारत में एकल प्रयोग प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध की प्रासंगिकता

भारत में एक जुलाई से, एकल प्रयोग प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध लागू किया गया है, जिसके तहत प्लास्टिक कचरा फैलाने वाली 19 वस्तुओं का इस्तेमाल तुरन्त बन्द करने का प्रावधान है. एकल प्रयोग प्लास्टिक पर लगी रोक की प्रासंगिकता के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिये, यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा ने भारत में, यूएन पर्यावरण कार्यक्रम - UNEP की कार्यक्रम प्रबन्धक दिव्या दत्त के साथ बातचीत की... 
 

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UN News/Shivani Kala

टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये प्रयास, भारतीय मॉडल की प्रासंगिकता

संयुक्त राष्ट्र में टिकाऊ विकास लक्ष्यों और 2030 एजेण्डा पर एक उच्चस्तरीय राजनैतिक फ़ोरम के दौरान, यूएन में भारत के स्थाई मिशन ने हाल ही में एक कार्यक्रम का आयोजन किया.

इसका उद्देश्य 2030 एजेण्डा को लागू करने में भारत के अनुभवों को साझा करने के साथ-साथ, यह दर्शाना था कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने में, ग्लोबल साउथ क्षेत्र में स्थित विकासशील देश, किस प्रकार से सबक़ ले सकते हैं. 

नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी ने यूएन न्यूज़ के साथ एक संक्षिप्त बातचीत में इस कार्यक्रम के दौरान चर्चा के विशेष बिन्दुओं पर जानकारी दी. 

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4'1"
UN News

भारत: टिकाऊ विकास पर केन्द्रित कृषि परियोजना

भारत में खाद्य एवं कृषि संस्थान (FAO) कार्यालय, भारत सरकार के साथ मिलकर, टिकाऊ कृषि की परियोजनाओं पर काम कर रहा है.

इस क्रम में, Green-AG नामक एक परियोजना, भारत के मध्य प्रदेश, मिज़ोरम, ओडिशा, राजस्थान व उत्तराखण्ड राज्यों में शुरु की गई है, जिसके केन्द्र में हैं - जैव-विविधता, जलवायु कार्रवाई, भूमि क्षरण और टिकाऊ वन प्रबन्धन.

यूएन न्यूज़ हिन्दी की अंशु शर्मा ने विश्व पर्यावरण दिवस 2022 के अवसर पर, FAO में वरिष्ठ नीति सलाहकार व Green-AG परियोजना के निदेशक राकेश सिन्हा से बात की, जिन्होंने बताया कि यह परियोजना पर्यावरणीय सिद्धान्तों के अनुरूप है.

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Unsplash/Wesley Gibbs

मादक पदार्थों और सोशल मीडिया के बीच कड़ी को तोड़ना अहम

संयुक्त राष्ट्र समर्थित ड्रग नियंत्रण संस्था ने चेतावनी जारी की है कि सोशल मीडिया पर युवाओं को भांग, हेरोइन और अन्य नियंत्रित पदार्थों के सेवन के लिये उकसाया जा रहा है.

इण्टरनेशनल नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड (आईएनसीबी) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में सोशल मीडिया के प्रयोग और नशीली दवाओं के इस्तेमाल के बीच सम्बन्ध के बढ़ते सबूतों को रेखांकित किया है.

साथ ही, देशों की सरकारों और सोशल मीडिया कम्पनियों से लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म के ज़रिये फैलाये जा रहे ऐसे सन्देशों पर रोक लगाने का आहवान किया गया है.

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Sujata Chatterjee

परिधान उद्योग में बढ़ते प्रदूषण के विरुद्ध मुहिम

भारत के कोलकाता शहर की महिला उद्यमी सुजाता चैटर्जी का मानना है कि कपड़ों की बर्बादी एक बड़ा पर्यावरणीय मुद्दा है.

सुजाता अपने उद्यम के ज़रिये, घरों में बेकार पड़े कपड़ों को  एकत्र करके, उसका एक हिस्सा गाँव में ग़रीब लोगों को देती हैं, और बाकी कपड़ों को री-सायकिल करके नए उत्पाद बनाती हैं.

सुजाता का उद्यम पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित है और परिधान उद्योग में प्रदूषण से निपटने के अलावा ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण में भी अहम भूमिका निभा रहा है.

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UNDP India

जलवायु सहनक्षमता निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाती महिलाएँ

जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिये सहनक्षमता निर्माण को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है.

भारत में 'महिला हाउसिंग सेवा ट्रस्ट' नामक एक ग़ैर-सरकारी संगठन, दक्षिण एशियाई देशों के शहरी इलाक़ों में रहने वाले निम्न आय वाले परिवारों में, महिलाओं को संगठित करने व उनके सशक्तिकरण के लिये प्रयासरत है.

इसके तहत, ताप लहरों, जल की क़िल्लत, जल भराव या जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिये महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ताकि स्थानीय रूप से प्रासंगिक और ज़रूरतों के अनुरूप समाधानों को अपनाया जा सके.

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© WMO/Karolin Eichier

जलवायु कार्रवाई के नज़रिये से बेहद अहम हैं अगले 15 साल

​जलवायु परिवर्तन पर अन्तरसरकारी आयोग (IPCC) ने, अपनी एक नई रिपोर्ट में दुनिया पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में एक कड़ी चेतावनी जारी की है.

विशेषज्ञों का कहना है कि पारिस्थितिकी विघटन, प्रजातियों के विलुप्तिकरण, जानलेवा गर्मियाँ और बाढ़ें, ये ऐसे जलवायु ख़तरे हैं जिनका सामना विश्व को, वैश्विक तापमान वृद्धि के कारण, अगले दशकों में करना पड़ सकता है.

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