वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

साक्षात्कार

Vidyut Mohan

विद्युत मोहन: एक तीर से दो निशाने

भारत में सर्दी के मौसम में, खेतों में फ़सलों की उपज काटने के बाद बचे हुए पुआल और अन्य कचरे को खुले मैदानों में जला दिया जाता हैं. इससे प्रदूषण की समस्या पैदा होती है और साँस की बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है. 

भारत के एक युवा इंजानियर व अन्वेषक विद्युत मोहन ने इस समस्या के निदान के लिये एक ऐसी मशीन ईजाद की है, जिससे पुआल या पराली को उच्च तापमान में तपा कर चारकोल, खाद व ईंधन जैसी वस्तुओं में तब्दील किया जा सकता है. इससे प्रदूषण की समस्या तो हल होती ही है, किसान की आमदनी भी बढ़ती है. 

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UN News/Sachin Gaur

हरित तकनीकों में निवेश की आवश्यकता पर बल

भारत में ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (Council on Energy, Environment and Water) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूणभा घोष का मानना है कि 12 दिसम्बर को आयोजित जलवायु महत्वाकाँक्षी सम्मेलन से अगले वर्ष होने वाले संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन कॉप-26 की नींव रखने में मदद मिलेगी. 

उन्होंने कहा कि विशेष रूप से बिजली और जल क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिये सार्थक नीतियाँ बनानी ज़रूरी होंगी और भारत के जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने के लिये हरित निवेश बढ़ाना बेहद आवश्यक होगा.

सुनिए यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा के साथ उनकी ख़ास बातचीत.

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UN India

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये सभी को साथ लेकर चलना होगा

पेरिस समझौते की पाँचवी वर्षगाँठ से ठीक पहले संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की  एक नई रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि कोविड-19 के कारण वैश्विक स्तर पर कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कुछ गिरावट हुई है, लेकिन संकेत यही हैं कि वर्तमान स्थिति से, जलवायु परिवर्तन की बड़ी चुनौती का सामना करने में कोई ख़ास फर्क़ नहीं पड़ा है, और इस सदी के अन्त तक, वैश्विक तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है.

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UNEP India/Karan Mangotra

पेरिस समझौता उपलब्धिपूर्ण, लेकिन चुनौतियाँ भी कम नहीं

भारत में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारी, करण मंगोत्रा ने यूएन न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि पाँच साल पहले हुए पेरिस समझौते के कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन की रोकथाम की ख़ातिर, ज़रूरी तकनीकी बदलाव करने के लिये, कम लागत वाली तकनीकें उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती रहेगी.   

करण मंगोत्रा के साथ ये बातचीत की यूएन न्यूज़ हिन्दी की अंशु शर्मा ने...

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Video screenshot

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये अधिक प्रयास करने होंगे

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूनेप) के न्यूयॉर्क कार्यालय के प्रमुख और सहायक महासचिव, सत्या त्रिपाठी का मानना है कि हालाँकि बहुत से देश, जलवायु आपातस्थिति से निपटने के लिये अनेक सार्थक क़दम उठा रहे हैं, लेकिन अब भी बहुत कुछ किया जाना बाक़ी है. सत्या त्रिपाठी ने, यूएन न्यूज़-हिन्दी की प्रतिष्ठा जैन के साथ एक ख़ास बातचीत में, शनिवार को होने वाले वर्चुअल जलवायु सम्मेलन के बारे में विस्तार से बातचीत की... 

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TERI

स्वच्छ ऊर्जा ही उज्जवल भविष्य का मूल मन्त्र

पेरिस जलवायु समझौते को इस वर्ष पाँच साल पूरे हो गए हैं. 2015 में इस ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले सभी देश शनिवार, 12 दिसम्बर को एक वर्चुअल जलवायु महत्वाकाँक्षी शिखर सम्मेलन में एकजुट हो रहे हैं.

इस सम्मेलन में, आने वाले पाँच वर्षों के लक्ष्य परिभाषित किये जाएँगे, जो संभवत: अगले साल नवम्बर में स्कॉटलैण्ड के ग्लास्गो शहर में होने वाले कॉप26 सम्मेलन के लिये भविष्य का रास्ता तय करने में मदद करेंगे. 

शून्य उत्सर्जन की दिशा में विकासशील देश भी बहुत अहम क़दम उठा रहे हैं, जो कोविड-19 के पुनर्बहाली के लिये आबण्टित प्रोत्साहन पैकेजों में स्पष्ट दिखाई देते हैं.

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UN News/Anshu Sharma

स्वयंसेवा को जीवन का हिस्सा बनाएँ

संयुक्त राष्ट्र, हर वर्ष 5 दिसम्बर को अन्तरराष्ट्रीय स्वैच्छिक कार्यकर्ता दिवस (International Volunteers Day) मनाता है, जिसके ज़रिये दुनिया भर के उन स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं के योगदान को पहचान दी जाती है जो इस संगठन के काम में किसी भी तरह की मदद करते हैं. वर्ष 2020 में कोविड महामारी से निपटने के प्रयासों में भी यूएन वॉलन्टियर्स (UNV) ने असाधारण काम किया है और इनमें से अनेक तो अग्रिम मोर्चों पर पूरी निष्ठा के साथ डटे रहे.

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UNICEF India

विश्व शौचालय दिवस: स्वच्छता की अहमियत

शौचालयों की अहमियत और स्वच्छता पर जागरूकता बढ़ाने के लिये दुनिया भर में 19 नवम्बर को विश्व शौचालय दिवस मनाया जाता है. दुनिया की कुल आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा, यानि लगभग 25 प्रतिशत आबादी को बुनियादी सुविधाएँ हासिल नहीं हैं.

इसके तहत, खुले में शौच करने के चलन या मजबूरी को ख़त्म करने, महिलाओं व लड़कियों और नाज़ुक परिस्थितियों में रहने को मजबूर लोगों की विशेष आवश्यकताओं का ख़ास ध्यान रखने का आहवान किया गया है. 

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FAO India

एंटीबायोटिक्स के बढ़ते इस्तेमाल से घटती रोग-प्रतिरोधक क्षमता

संयुक्त राष्ट्र ने 18 से 24 नवम्बर तक विश्व एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध जागरूकता सप्ताह मनाया है.  

आज दुनिया भर में, इनसानों, पेड़ - पौधों और जानवरों की मौतें ऐसी बीमारियों से हो रही है, जिनका दवाओं से आसानी से इलाज किया जा सकता है. इसकी वजह है - रोगाणुरोधी प्रतिरोध में वृद्धि, यानि एंटी माइक्रोबियल प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance AMR), जिसके कारण एंटीबायोटिक दवाएँ और अन्य जीवनरक्षक दवाएँ अनेक प्रकार के संक्रमणों पर असर नहीं कर पाते. 

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WFP India

भुखमरी के ख़िलाफ़ लड़ाई में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) अग्रणी

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) को वर्ष 2020 का नोबेल शान्ति पुरस्कार विजेता घोषित किया गया है. इस पुस्कार के ज़रिये, भुखमरी के ख़िलाफ़ लड़ाई और संघर्ष प्रभावित इलाक़ों में शान्ति बहाली के लिये एजेंसी के योगदान को मान्यता दी गई है.

नोबेल समिति के मुताबिक यूएन एजेंसी युद्ध व हिंसा के दौरान भुखमरी को एक औज़ार के रूप में इस्तेमाल किये जाने की रोकथाम में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है.

इस बारे में और ज़्यादा जानकारी के लिये यूएन न्यूज़ हिन्दी की अंशु शर्मा ने बात की, भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रतिनिधि और निदेशक, बिशउ पाराजूली से...

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