वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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दक्षिणी ग़ाज़ा पट्टी के रफ़ाह शहर में नष्ट हुए घरों के मलबे के पास से गुज़रता एक लड़का.
© UNICEF/Eyad El Baba

रफ़ाह में सैन्य हमलों से, क़त्लेआम का रास्ता निकलने का ख़तरा, मार्टिन ग्रिफ़िथ्स

संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत मामलों के समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने मंगलवार को कहा है कि ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह में, अगर इसराइल का सम्भावित सैन्य हमला होता है तो, उससे आम लोगों के क़त्लेआम का रास्ता निकल सकता है और पहले से ही कमज़ोर पड़ चुके मानवीय सहायता अभियान को भी मौत के दरवाज़े पर धकेल दिया जाएगा.

ग़ाज़ा में युद्ध से हुई भीषण तबाही से बचने के लिए, लाखों विस्थापित फ़लस्तीनी, अस्थाई शिविरों में रहने को मजबूर हैं.
© OHCHR/Media Clinic

रफ़ाह में, इसराइल के सम्भावित हमले को लेकर, ग़ाज़ावासियों में भारी चिन्ता

फ़लस्तीनियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA के मुखिया फ़िलिपे लज़ारिनी ने, मंगलवार को चेतावनी दी कि ग़ाज़ा पट्टी में रहने वाले लोग इसराइल के साथ युद्ध से गहरे सदमे में हैं और रफ़ाह पर इसराइल के सम्भावित पूर्ण पैमाने पर हमले के बारे में उनके भीतर भारी डर है. इस बीच ग़ाज़ा में युद्धविराम सुनिश्चित करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय प्रयास जारी हैं.

ग़ाज़ा में युद्ध से विस्थापित लोग, एक अस्थाई आश्रय स्थल के पास, खाद्य सामग्री के वितरण की प्रतीक्षा करते हुए.
© UNRWA/Ashraf Amra

UNRWA की कार्य तटस्थता प्रक्रिया की जाँच के लिए, समीक्षा समूह का गठन

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यह आकलन करने के लिए एक स्वतंत्र समीक्षा समूह का गठन किया है कि फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA, अपनी कार्य तटस्थता सुनिश्चित करने के लिए, अपनी शक्तियों के भीतर सभी कुछ कर रही है या नहीं.

ग़ाज़ा में लाखों लोग, युद्ध के कारण रोटी और पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
© UNRWA

ग़ाज़ा - UNRWA है लाखों लोगों का आख़िरी सहारा

हमास के साथ, अपने लगभग 12 कर्मचारियों की मिलीभगत के आरोपों का सामना कर रही, संयुक्त राष्ट्र एजेंसी - UNRWA का वित्त-पोषण बन्द करने के "विनाशकारी परिणाम" सामने आने की आशंका. यह एजेंसी फ़लस्तीनी शरणार्थियों की मदद के लिए, संयुक्त राष्ट्र ने 1949 में गठित की थी. (वीडियो)

सूडान युद्ध में लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और लाखों लोगों को देश के बाहर भी जाना पड़ा है.
© UNHCR/Tiksa Negeri

दारफ़ूर संकट: 5 प्रमुख तथ्य

सूडान में अप्रैल 2023 में भड़के युद्ध के कारण "एक बिगड़ती मानवीय आपदा और एक विनाशकारी मानवाधिकार संकट परस्पर मिल" गए हैं, जिससे दारफ़ूर क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है, जोकि बहुत अशान्त क्षेत्र बन चुका है. इस संकट के बारे में 5 अहम तथ्य... (वीडियो). 

महासभा अध्यक्ष, डेनिस फ़्रांसिस, यूएन में भारत की स्थाई प्रतिनिधि, रुचिरा काम्बोज के साथ, यूनेस्को धरोहर स्थल पर.
UN India/Vishal Bhatnagar

यूएन महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस की भारत यात्रा की झलकियाँ

यूएन महासभा अध्यक्ष, डेनिस फ़्रांसिस ने अपनी पाँच दिवसीय भारत यात्रा के दौरान कई स्थानों का दौरा किया व द्विपक्षीय वार्ताओं के अलावा, अनेक कार्यक्रमों में भाग लिया. (वीडियो झलकियाँ)

अफ़ग़ानिस्तान में आए भूकम्पों से ऐसे 68 हज़ार घर-परिवार प्रभावित हुए, जिनकी मुखिया महिला थीं.
UNDP Afghanistan

अफ़ग़ानिस्तान: अस्थाई आश्रय स्थलों से भूकम्प प्रभावितों को बंधी आस

कुछ महीने पहले अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में आए भूकम्प से उजड़े 200 से अधिक परिवारों को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा निर्मित मज़बूत अस्थाई आश्रय स्थलों में शरण मिली है, जिससे कड़ाके की सर्दी में उन्हें गुज़र-बसर कर पाने में मदद मिली है. मिलिए सुहेला से जो इन्हीं भूकम्प प्रभावितों में से हैं और जिनके लिए यह सहायता मायने रखती है. (वीडियो)

क्यूबा के तत्कालीन प्रधानमंंत्री फ़िदेल कास्त्रो, 26 सितम्बर 1960 को, यूएन महासभा के 15वें संत्र को सम्बोधित करते हुए. इस चित्र में फ़िदेल कास्त्रो अपने नोट्स को फाड़कर फेंकते हुए.
UN Photo/Yutaka Nagata

यूएन इतिहास के झरोखे से: संयुक्त राष्ट्र में क्यूबा का सबसे लम्बा 'संक्षिप्त' भाषण

संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए अभी तक के सबसे लम्बे भाषण की अवधि कितनी थी.

न्यूयॉर्क में 2023 संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार पुरस्कार प्राप्त करने के बाद एक चित्र में, नागरिक समाज संगठन के वैश्विक गठबंधन के कुछ सदस्य.
OFMCap/Benedict Ayodi

मानवाधिकार पुरस्कार विजेता: स्वस्थ पर्यावरण के अधिकार के लिए वैश्विक गठबन्धन

"स्वच्छस्वस्थ और टिकाऊ पर्यावरण के अधिकार की सार्वभौमिक मान्यता" के लिए नागरिक समाज संगठनोंआदिवासी लोगोंसामाजिक आन्दोलनों और स्थानीय समुदायों के वैश्विक गठन्धन में, 75 देशों के 1,350 से अधिक संगठन और अन्य संस्थाएँ शामिल हैं. गठन्धन ने स्वच्छस्वस्थ और टिकाऊ पर्यावरण के अधिकार की ऐतिहासिक मान्यता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मानवाधिकार परिषद ने 8 अक्टूबर 2021 को 48/13 प्रस्ताव के तहत इस अधिकार को मान्यता दीजिसके बाद 28 जुलाई 2022 को महासभा प्रस्ताव 76/300 अपनाया गया. गठन्धन 2023 के मानवाधिकार पुरस्कार विजेताओं में से एक है. एक वीडियो.

अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ), नैदरलैंड की राजधानी द हेग में पीस पैलेस (शान्ति भवन) में स्थित है.
UN Photo

अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के बारे में 5 अहम तथ्य

अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) की स्थापना, देशों के बीच विवाद निपटाने के एक तरीक़े के रूप में, 1945 में नैदरलैंड के हेग शहर स्थित, पीस पैलेस में की गई थी. अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय, संयुक्त राष्ट्र के अन्य अधिकृत निकायों द्वारा निर्दिष्ट क़ानूनी प्रश्नों पर भी अपनी राय देता है. व्यापक रूप से 'विश्व न्यायालय' के रूप में जाना जाने वाला, ICJ, संयुक्त राष्ट्र के छह "प्रमुख अंगों" में से एक है, और उसका ओहदा महासभा, सुरक्षा परिषद, आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC), ट्रस्टीशिप परिषद और सचिवालय के बराबर ही है. संयुक्त राष्ट्र का यह एकमात्र ऐसा अंग है, जो न्यूयॉर्क मुख्यालय में स्थित नहीं है. (वीडियो)