वीडियो - हब (Video-Hub)
मानवाधिकार पुरस्कार विजेता: जूलियो पेरेरा
उरुग्वे के जूलियो पेरेरा एक सामुदायिक शिक्षक और कार्यकर्ता हैं जो हाशिए पर रहने वाले समुदायों के साथ काम करते हैं. वह शैक्षिक प्रणाली में बच्चों के पुन: संस्थागतकरण पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, विकलांग बच्चों को चिकित्सा, शैक्षणिक सहायता और उपचार व दवाओं तक पहुँच प्रदान करते हैं. साथ ही, वह बाल श्रम और कुपोषण के साथ-साथ गाँवों, ग्रामीण क्षेत्रों व हाशिये पर धकेले गए लोगों, नशीली दवाओं की तस्करी वाले क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पर परियोजनाओं का नेतृत्व करते हैं. उन्हें 2023 के लिए यूएन मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. वीडियो...
2023 में इन बड़ी घटनाओं ने बटोरी सुर्ख़ियाँ
हिंसक टकरावों, प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों से उत्पन्न मानवीय संकटों के बीच, 2023 एक चुनौतीपूर्ण साल साबित हुआ. इस पृष्ठभूमि में, संयुक्त राष्ट्र ने शान्ति स्थापना व मानवीय सहायता, मानवाधिकारों की रक्षा, जलवायु कार्रवाई और टिकाऊ विकास के लिए अपने प्रयास जारी रखे. बीते साल की अहम घटनाओं पर एक वीडियो नज़र...
मानवाधिकार पुरस्कार विजेता: वियास्ना मानवाधिकार केन्द्र
बेलारूस में लोकतंत्र के समर्थन में विपक्ष द्वारा व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद, "वियास्ना" मानवाधिकार केन्द्र को 1996 में स्थापित किया गया था. इसका उद्देश्य लोकतंत्र व मानवाधिकारों को बढ़ावा देना, मानवाधिकारों के सम्मान पर आधारित नागरिक समाज के विकास में योगदान देना, और क़ानूनी सुरक्षा के क्षेत्र में नागरिक पहलों को व्यावहारिक सहायता देना था. इस केन्द्र को 2023 के यूएन मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया. एक वीडियो...
2023 संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार पुरस्कार विजेता
2023 के लिए मानवाधिकार क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार विजेता इस प्रकार हैं: मानवाधिकार केन्द्र "वियास्ना", बेलारूस; जूलिएन लुसेंज, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य; मानवाधिकार अध्ययन के लिए अम्मान केन्द्र, जॉर्डन; जूलियो पेरेरा, उरुग्वे; स्वच्छ, स्वस्थ और टिकाऊ पर्यावरण के अधिकार की सार्वभौमिक मान्यता के लिए नागरिक समाज संगठनों, आदिवासी लोगों समेत अन्य हितधारकों का वैश्विक गठबंधन. एक वीडियो...
किन मायनों में अहम है, ‘हानि व क्षति’ कोष
हाल ही में दुबई में कॉप28 जलवायु सम्मेलन के दौरान चरम मौसम घटनाओं से होने वाली हानि व क्षति के लिए एक कोष को संचालित करने पर सहमति बनी. इस हानि व क्षति कोष का लक्ष्य, जलवायु संकट के अग्रिम मोर्चे पर जूझ रहे देशों व समुदायों तक सहायता पहुँचाना है. यह कोष किन मायनों में अहम है, और यह किस तरह से संचालित होगा? एक वीडियो...
लिंग-आधारित हिंसा की रोकथाम: अब कोई बहाना नहीं!
हर तीन में से एक महिला को अपने जीवनकाल में एक बार, अंतरंग साथी द्वारा हिंसा का सामना करना पड़ता है. यानि अनगिनत महिलाएँ, अनेक बार हिंसा से जूझती हैं. महिला सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत यूएन संस्था (UN Women) द्वारा हाल ही में इस मुद्दे पर 16 दिनों की मुहिम, #16DaysOfActivism, के अवसर पर जागरूकता बढ़ाने और हिंसा की रोकथाम के लिए एकजुट होने का आहवान किया गया. 25 नवम्बर को शुरू हुए एक अभियान के ज़रिये अपील की गई कि लिंग-आधारित हिंसा से निपटने के लिए बहानेबाज़ी ख़त्म करें और लिंग-आधारित हिंसा के विरुद्ध कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताएँ. एक वीडियो...
अब कोई बहाना नहीं! भारत में लैंगिक हिंसा की रोकथाम मुहिम
भारत में, हर 3 में से एक महिला को अपने जीवनकाल में एक बार, अन्तरंग साथी के हाथों, हिंसा का सामना करना पड़ता है. मतलब अनगिनत महिलाएँ, अनेक बार इस पीड़ा से गुज़रती हैं. महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा की रोकथाम के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए, यूएनवीमेन के #16DaysOfActivism अभियान के अवसर पर एकजुट होने का आहवान - बहानेबाज़ी ख़त्म करें और लिंग-आधारित हिंसा के विरुद्ध कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताएँ. एक वीडियो फ़ीचर...
दुबई COP28: कितनी सफल रही, दुनिया की जलवायु पंचायत
दुबई में आयोजित #COP28 में, देशों ने "जीवाश्म ईंधन से दूर जाने" के लिए पहली बार एक रोडमैप को मंज़ूरी दी. लेकिन यह समझौता अब भी, तेल, कोयला और गैस के "चरणबद्ध" तरीक़े से ख़त्म किए जाने की, दीर्घकालीन माँग को पूरा करने से दूर रह गया.अनुकूलन और वित्त सम्बन्धित अन्य प्रगति भी हुई, जिसमें - हानि एवं क्षति कोष का संचालन भी शामिल है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने देशों से इन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए, आवश्यक कार्रवाई की स्पष्ट समझ बनाने का आग्रह किया. कॉप28 की कुछ प्रमुख गतिविधियों पर एक वीडियो फ़ीचर.
भारत: जलवायु: वैश्विक चुनौतियाँ, स्थानीय समाधान
संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (कॉप28), दुबई में मिली-जुली उम्मीदों व प्रतिक्रियाओं के बीच, बुधवार को सम्पन्न हो गया है. इस सन्दर्भ में भारत में संयुक्त राष्ट्र, वैश्विक जलवायु चुनौतियों और जलवायु कार्रवाई पर भारत के साथ मिलकर काम करने में सक्रिय है. #TeamUNinIndia द्वारा समर्थित स्थानीय समाधानों पर नज़र डालता एक वीडियो फ़ीचर...
कॉप28: एसडीजी और जलवायु परिवर्तन पर दिया मिर्ज़ा का नज़रिया
संयुक्त अरब अमीरात के दुबई शहर में जारी यूएन जलवायुू सम्मेलन - कॉप28 में, विश्व की नज़रें, जलवायु परिवर्तन व जीवाश्म ईंधन पर किसी ठोस परिणाम की अपेक्षा पर केन्द्रित हैं. इसमें सतत विकास एजेंडा भी बेहद अहम है, जिसे हासिल किए बिना, जलवायु लक्ष्य प्राप्त करना सम्भव नहीं होगा. एसडीजी और जलवायु परिवर्तन के इसी परस्पर सम्बन्ध पर, मशहूर अभिनेत्री और यूएन महासचिव की एसडीजी पैरोकार, दिया मिर्ज़ा ने यूएन न्यूज़ के साथ बातचीत की. एक वीडियो.