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यूक्रेन युद्ध के दो साल: 'यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होना चाहिए था'
यूक्रेन में शान्ति अब भी एक दूर की सम्भावना लगती है, लेकिन हज़ारों संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी वहाँ मुस्तैदी से लोगों की मदद करना जारी रखे हुए हैं. यहाँ तक कि रोज़ाना हो रहे हमलों का निशाना बन रहे सीमावर्ती क़स्बों में भी. रूस ने 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने का आक्रमण शुरू किया था. इसमें अब तक 40 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं, और 60 लाख देश छोड़कर जा चुके हैं. बड़े पैमाने पर बुनियादी ढाँचे, स्वास्थ्य क्लीनिक व स्कूल क्षतिग्रस्त हुए हैं. देश में संयुक्त राष्ट्र की रैज़िडेंट कोऑर्डिनेटर डेनिस ब्राउन ने, इस युद्ध के दो साल होने के अवसर पर, यूएन न्यूज़ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा है कि वहाँ कर्मचारियों एवं नागरिकों के लिए मौजूद ख़तरों के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता जारी रखेगा.
यूएन झरोखा: कॉलिन पॉवेल की प्रस्तुति, जिसने शुरू कर दिया था इराक़ युद्ध
अब से 21 वर्ष पहले, साल 2003 में, अमेरिकी विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल ने, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नीली टोपी वाली एक पतली-छोटी सी शीशी, हाथों में हिलाते-डुलाते हुए दावा किया गया था कि इराक़ और वहाँ के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन, सामूहिक विनाश के हथियार (WMD) का उत्पादन कर रहे थे.