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यूक्रेन युद्ध के दो साल: 'यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होना चाहिए था'

यूक्रेन में दो साल के युद्ध से, जान-माल का भीषण विनाश हुआ है.
© UNOCHA/Alina Basiuk
यूक्रेन में दो साल के युद्ध से, जान-माल का भीषण विनाश हुआ है.

यूक्रेन युद्ध के दो साल: 'यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होना चाहिए था'

शान्ति और सुरक्षा

यूक्रेन में शान्ति अब भी एक दूर की सम्भावना लगती हैलेकिन हज़ारों संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी वहाँ मुस्तैदी से लोगों की मदद करना जारी रखे हुए हैं. यहाँ तक ​​​​कि रोज़ाना हो रहे हमलों का निशाना बन रहे सीमावर्ती क़स्बों में भी. रूस ने 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने का आक्रमण शुरू किया था. इसमें अब तक 40 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैंऔर 60 लाख देश छोड़कर जा चुके हैं. बड़े पैमाने पर बुनियादी ढाँचेस्वास्थ्य क्लीनिक व स्कूल क्षतिग्रस्त हुए हैं. देश में संयुक्त राष्ट्र की रैज़िडेंट कोऑर्डिनेटर डेनिस ब्राउन ने, इस युद्ध के दो साल होने के अवसर पर, यूएन न्यूज़ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा है कि वहाँ कर्मचारियों एवं नागरिकों के लिए मौजूद ख़तरों के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता जारी रखेगा.

डेनिस ब्राउन: मुझे लगता है कि इस बात पर ज़ोर देना ज़रूरी है कि देश के कई हिस्सों में ऐसे हमले लगभग हर दिन होते हैं. सबसे पहले तो भय की प्रतिक्रिया होती है, सायरन बजने से उत्पन्न डर, न जाने क्या होने वाला है, विस्फोटों की आवाज़ - और क्या यह देश की सैन्य प्रणाली की गोलीबारी है, मिसाइलों व ड्रोनों को मार गिराने की या वो मिसाइल और ड्रोन के हमले हैं?

और फिर सरकार की ओर से अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया व मानवीय संगठनों की संयुक्त प्रतिक्रिया होती है, जिसमें कई बार मनोसामाजिक समर्थन भी दिया जाता है. और विस्फोटों से क्षतिग्रस्त हुए खिड़कियाँ, दरवाज़ों और छतों की तत्काल मरम्मत व अक्सर भोजन या नक़दी भी तुरन्त उपलब्ध करा दी जाती है. लेकिन उन हमलों के साथ आती है, क्षति, ख़ासतौर पर आबादी के लिए.ज़िन्दगियों की हानि. घरों की क्षति. सुरक्षा की भावना की क्षति. 

और अक्सर जब स्कूलों या स्वास्थ्य क्लीनिकों, अस्पतालों या स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों पर हमला होता है, तो सेवाओं तक पहुँच से भी वंचित होना पड़ता है. डॉक्टरों तक पहुँच में कमी होती है, या नर्सों तक, क्लीनिक तक, स्कूल तक पहुँच में कमी आती है. तो एक ही समय में इन सभी चीजों के नुक़सान से गुज़रना पड़ता है. कुछ न कुछ खो देने की भावना यहाँ चारों ओर दिखाई देती है. बड़े दुख के साथ मुझे कहना पड़ रहा है कि हम इसमें पारंगत होते जा रहे हैं, और ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग हर दिन हम इससे गुज़रते हैं.

यूएन न्यूज़: आप पूरे देश में राहत कार्यों का समन्वय किस तरह करते हैं?

डेनिस ब्राउन: मेरे ख़याल से इन क्षेत्रों में, हमारी मौजूदगी मूल्यवान है. मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय, OCHA  के ज़रिए तत्काल समन्वय किया जाता है - और ओब्लास्ट के क्षेत्रों में हमारे लोग तैनात हैं, जो इन क्षेत्रीय व स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम करते हैं.हमारे पास 500 से अधिक भागीदारों का एक नैटवर्क है और इसमें  स्थानीय व राष्ट्रीय भागीदार वास्तव में वो लोग हैं, जो इन समुदायों से ही आते हैं. तो यह एक अच्छा नैटवर्क है, जिससे अच्छी तरह से समन्वय हो जाता है.

यूएन न्यूज़: क्या आप अभी भी पूरे देश का दौरा कर पा रही हैं?

डेनिस ब्राउन: संयुक्त राष्ट्र की ओर से हमारे पास यहाँ 3000 से अधिक कर्मचारी मौजूद हैं. कई लोग ख़ारकीफ़ में, मायकोलाइफ़ में, निप्रो में, ओडेसा में ज़ैपोरिझझिया व दोनेस्तक में तैनात हैं, जहाँ रोज़ाना गोलाबारी होती है. मतलब यह मेरे लिए व संयुक्त राष्ट्र में मेरे वरिष्ठ सहयोगियों के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है कि हम जितना सम्भव हो सके बाहर जाकर मदद करें. 

मैं संयुक्त राष्ट्र के राष्ट्रीय या अन्तरराष्ट्रीय कर्मचारियों से यह उम्मीद नहीं कर सकती कि जब वो ख़ारकीफ़ में दैनिक मिसाइल हमलों के बीच में काम कर रहे हैं तो मैं उनके साथ नहीं रहूँ. तो बस मैं यही कर रही हूँ. इससे मुझे क्षेत्रीय व स्थानीय अधिकारियों से बात करने, युद्धक्षेत्र में राहत सामग्री ले जाने वाले क़ाफ़िले के साथ जाने का अवसर भी मिलता है. 

इससे अधिकारियों का हौसला भी बढ़ता है कि यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र की सबसे वरिष्ठ व्यक्ति उनका साथ देने के लिए तैयार है. यह केवल हमारी सामान आपूर्ति पहुँचाने के बारे में नहीं है. हम ग़ैर सरकारी संस्थान, सहायता प्रदान कर रहे हैं. मुझे लगता है कि यह हमारी ओर से एक महत्वपूर्ण संकेत है कि चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, हम उनके साथ देने का हर सम्भव प्रयास करेंगे.

यूएन न्यूज़: क्या आपने कभी सोचा था कि युद्ध इतने लम्बे समय तक चलेगा?

यूक्रेन में मानवतावादी समन्वयक और संयुक्त राष्ट्र की रैज़िडेंट कोऑर्डिनेटर, डेनिस ब्राउन (केंद्र में दाएँ), यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्र के ह्रोज़ा के निवासियों से बात करते हुए.
© UNOCHA/Saviano Abreu

डेनिस ब्राउन: मैं आश्चर्यचकित हूँ कि युद्ध इतना लम्बा खिंच गया है क्योंकि यह इसका जवाब नहीं है. यह जवाब हो ही नहीं सकता. और यूक्रेन के लोग इतनी हिंसा, हानि व पीड़ा में रह रहे हैं. मैं बस यही कह सकती हूँ कि अब इसका अन्त होना चाहिए. 

अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, नागरिक बुनियादी ढाँचे को नियमित रूप से निशाना बनाया जा रहा है. जीवन की हानि. परिवार टूट गए हैं. लिंग आधारित हिंसा में वृद्धि हुई है. इन सभी से यूक्रेन के लोगों पर बुरा असर पड़ रहा है. यहाँ शान्ति की ज़रूरत है. इन लोगों को अपने जीवन में वापस लौटने की ज़रूरत है.

यूएन न्यूज़: लेकिन इसका कोई अन्त नज़र नहीं रहा. अगर यह युद्ध जारी रहता है, तो क्या आपने उस स्थिति के लिए कोई योजना बनाई है? 

डेनिस ब्राउन: मैं आँकड़ों के आधार पर योजना बनाती हूँ. इन लोगों की आवश्यकताएँ बहुत हैं. और यदि युद्ध कल ख़त्म भी हो जाए, तो भी इस देश में ज़रूरतें बहुत अधिक रहेंगी. इस देश के पुनर्निर्माण में वर्षों लगेंगे और कई साल लग जाएंगे, इसके सदमे से उबरने में. तो मेरा अनुमान यह है कि इस भयानक और अवैध युद्ध में चाहे जो हो, यूक्रेन के लोगों को निकट भविष्य में मानवीय एवं पुनर्बहाली के लिए, समर्थन की आवश्यकता बनी रहेगी.