वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

यूएन झरोखा: कॉलिन पॉवेल की प्रस्तुति, जिसने शुरू कर दिया था इराक़ युद्ध

संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री (2003) कॉलिन पॉवेल, सुरक्षा परिषद में, इराक़ के सामूहिक विनाश के हथियारों के बारे में जानकारी प्रस्तुत करते हुए, जो बाद में ग़लत साबित हुई.
UN Photo/Mark Garten
संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री (2003) कॉलिन पॉवेल, सुरक्षा परिषद में, इराक़ के सामूहिक विनाश के हथियारों के बारे में जानकारी प्रस्तुत करते हुए, जो बाद में ग़लत साबित हुई.

यूएन झरोखा: कॉलिन पॉवेल की प्रस्तुति, जिसने शुरू कर दिया था इराक़ युद्ध

यूएन मामले

अब से 21 वर्ष पहले, साल 2003 में, अमेरिकी विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल ने, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नीली टोपी वाली एक पतली-छोटी सी शीशी, हाथों में हिलाते-डुलाते हुए दावा किया गया था कि इराक़ और वहाँ के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन, सामूहिक विनाश के हथियार (WMD) का उत्पादन कर रहे थे.

5 फ़रवरी 2003 को, कॉलिन पॉवेल ने ख़चाख़च भरे, सुरक्षा परिषद चैम्बर को सम्बोधित किया, जिसमें अगले महीने यानि मार्च में, इराक़ पर अमेरिकी आक्रमण के समर्थन में दलीलें पेश कीं.

उन्होंने कहा, "आज मैं जो भी वक्तव्य यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ, वह ठोस स्रोतों पर आधारित है. हम आपके सामने जो चीज़ें रख रहे हैं, वो तथ्य और निष्कर्ष हैं.”

“स्पष्ट रूप से, सद्दाम हुसैन और उनका शासन तब तक नहीं रुकेगा जब तक कि कोई चीज़ उन्हें रोक नहीं दे.”

अमेरिकी विदेश मंत्री कॉलेन पॉवेल ने, घंटे भर की मल्टीमीडिया प्रस्तुति के दौरान, सैटेलाइट तस्वीरों, गुप्त तरीक़े से रिकॉर्ड किए गए फ़ोन वार्तालापों की ऑडियो रिकॉर्डिंग और अन्य चीज़ों के अलावा, कथित तौर पर जैविक एजेंटों के लिए सचल उत्पादन सुविधाओं के रूप में काम करने वाले ट्रकों और ट्रेन डिब्बों का एक विस्तृत वीडियो और स्लाइड शो प्रस्तुत किया था.

अमेरिका के तर्कों के केन्द्र में यह दावा था कि सद्दाम हुसैन, सामूहिक विनाश के हथियारों (WMD) को बनाए रखने और एंथ्रेक्स नामक एक जैविक एजेंट सहित, और भी अधिक हथियारों का उत्पादन करने के लिए दृढ़ थे.

अमेरिका के तत्कालीन विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल, फ़रवरी 2003 में, सुरक्षा परिषद में, इराक़ के ख़िलाफ़ अपनी दलीलें पेश करते हुए.
UN Photo/Mark Garten

कॉलिन पॉवेल ने हल्के पीले रंग के पाउडर नुमा पदार्थ से भरी एक छोटी शीशी दिखाते हुए समझाया था: "एक चम्मच से भी कम इस सूखे एंथ्रेक्स... लगभग इतनी ही मात्रा... ने, वर्ष 2001 में संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट को ठप कर दिया था."

उन्होंने अज्ञात पदार्थ से भरी शीशी को अपनी उंगलियों के बीच हिलाते-डुलाते हुए कहा था, "सद्दाम हुसैन ने इस घातक सामग्री की एक चम्मच बराबर मात्रा का भी प्रमाणिक रूप से हिसाब नहीं दिया है,"

“इराक़ियों ने कभी भी उन सभी जैविक हथियारों का हिसाब नहीं दिया है जिनके बारे में उन्होंने स्वीकार किया है कि उनके पास हैं. यह बात सबूत है, अनुमान नहीं.”

कॉलिन पॉवेल ने सुरक्षा परिषद में जो कुछ प्रस्तुत किया था, परिषद ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की, और इराक़ में सैन्य हमले को अधिकृत करने वाला कोई प्रस्ताव नहीं था.

फिर भी सुरक्षा परिषद की उस बैठक के एक महीने से कुछ अधिक समय बाद ही, संयुक्त राज्य अमेरिका ने, मध्य पूर्वी देश - इराक़ पर पूर्ण आक्रमण कर दिया था.

दो महीने बाद, सुरक्षा परिषद द्वारा अधिकृत, संयुक्त राष्ट्र के एक निगरानी, सत्यापन और निरीक्षण आयोग (UNMOVIC - यूएनएमओवीआईसी) ने एक रिपोर्ट में इराक पर अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए. 

आयोग को इराक़ द्वारा सामूहिक विनाश के हथियारों या प्रतिबन्धित वस्तुओं की महत्वपूर्ण मात्रा के कार्यक्रमों को जारी रखने या फिर से शुरू करने का कोई सबूत नहीं मिला.

कॉलिन पॉवेल ने बाद में कहा था कि उन्हें, सुरक्षा परिषद में प्रस्तुत की गईं उनकी टिप्पणियों पर खेद है.