ताजिकिस्तान में पिछले एक दशक में काफ़ी-कुछ बदल चुका है. देश ने 7 प्रतिशत से अधिक की मज़बूत आर्थिक वृद्धि की है और ग़रीबी का स्तर घटकर केवल 12 प्रतिशत रह गया है. इसका श्रेय कुछ हद तक उन 15 लाख पुरुष श्रमिकों को जाता है, जो देश की सीमाओं से बाहर निकलकर, रूस व अन्य देशों में कार्यरत हैं, और वहाँ से स्वदेश को, अच्छी ख़ासी रक़म भेजते हैं. लेकिन कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएँ, आज भी पुरुषों से आदेश लेने की आदी हैं. हालाँकि अब चलन इसमें बदलाव आता नज़र आ रहा है. ताजिकिस्तान में महिला समूह, नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं और अपने देश में टिकाऊ कृषि व खाद्य सुरक्षा में अधिक योगदान दे रहे हैं. एक वीडियो फ़ीचर...