ग़ाज़ा में युद्ध से हुई भीषण तबाही के बीच, बहुत से बेरोज़गार युवक, गुज़र-बसर के लिए, बाज़ारों में जंगली पौधे बेचने को मजबूर हो गए हैं. ये युवक, हर सुबह, खुले मैदानों में ऐसे जंगली पौधे बीनते हैं, जिन्हें मध्य पूर्व में पीढ़ियों से मध्य पूर्व में पूरक भोजन के रूप में खाया जाता रहा है. ये जंगली पौधे अब, ग़ाज़ा पट्टी के निवासियों के लिए भोजन का प्रमुख स्रोत बन गए हैं. (वीडियो).