वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

साक्षात्कार

UNICEF/Akash

पश्चिम बंगाल के तटीय इलाक़ों से टकराया 'अम्फन'

बेहद गम्भीर चक्रवाती तूफ़ान  ‘बताए जा रहे अम्फन’ ने भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में बुधवार को दस्तक दे दी जहाँ सात ज़िलों में इसका प्रकोप ज़्यादा होने की आशंका है. इस तूफ़ान के तटीय इलाक़ों से टकराते समय हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रति घण्टा आँकी गई है.

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© UNICEF/Bernadino Soares

कोविड-19: एशिया-प्रशान्त क्षेत्र के उबरने में महासागर करेंगे अहम योगदान

एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण फैलने, ज़रूरत से ज़्यादा मछलियाँ पकड़े जाने और जलवायु परिवर्तन के कारण महासागरों के स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है. 

इस क्षेत्र में आबादी का एक बड़ा हिस्सा अपने भोजन व आजीविका के लिए महासागरों पर ही निर्भर है. एशिया और प्रशान्त क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी के दौरान जीवन की रफ़्तार ठहरने से समुद्री पर्यावरण को राहत पहुँची है.

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UNEP

कोविड-19: संक्रमण की रोकथाम के लिए मेडिकल कचरे का सही निस्तारण ज़रूरी

वैश्विक महामारी कोविड-19 से मुक़ाबला करने में संक्रामक मेडिकल कचरे के बेहतर प्रबन्धन की अहम भूमिका है. कोरोनावायरस संक्रमण के फैलाव के दौरान प्रतिदिन एकत्र होने वाले मेडिकल कचरे की मात्रा में बढ़ोत्तरी हुई है. 

मेडिकल कचरे के प्रबन्धन में असावधानी बरते जाने से संक्रमण फैलने का ख़तरा बढ़ जाता है और इस वजह से उपयुक्त सुरक्षा उपायों व मानकों का पालन करना अहम है.

साथ ही कचरा प्रबन्धन में जुटे सफ़ाई कर्मचारियों को भी सतर्कता बरतने और निजी बचाव के लिए उपाय करना ज़रूरी है.   

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Visual News Associates/World Bank. UN Women/Joe Saade. UN Women/Gaganjit Singh

महिला उद्यमियों के लिए मददगार माहौल के सृजन का प्रयास

भारत में कुल उद्यमियों में महज़ 14 फ़ीसदी महिलाएं हैं. इनमें भी अधिकांश सूक्ष्म और लघु उद्योग हैं जिनमें बाहरी वित्तीय मदद के अभाव में उन्होंने ख़ुद निवेश किया है. 

लैंगिक भेदभाव और सामाजिक व सांस्कृतिक अवरोध अक्सर उद्यमों में महिलाओं की प्रगति के रास्ते में आड़े आते हैं. साथ ही ज्ञान, प्रशिक्षण, बाज़ार व्यवस्था और वित्तीय संसाधनों तक पहुंच का ना होना भी उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है. 

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UN News/Anshu Sharma

कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में यूएन वॉलन्टियर्स की मुस्तैदी

भारत में  संयुक्त राष्ट्र के वॉलन्टियर्स (स्वयंसेवक) सरकार के साथ मिलकर 58 ज़िलों में समन्वयक के रूप में काम कर रहे हैं और इस नेटवर्क से अनेक अन्य स्वयंसेवक जुड़े हुए हैं.

संयुक्त राष्ट्र वॉलन्टियर्स (यूएनवी) नामक इस नैटवर्क में पिछले कुछ सालों में लगभग आठ हज़ार युवा क्लब और महिला मंडल भी शामिल किए गए हैं और सभी कार्यकर्ता युवाओं से संबंधित कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं.

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© UNICEF/Noorani

कोविड-19: 'घरेलू हिंसा की रोकथाम के उपाय कार्रवाई का हिस्सा बनें'

दुनिया के अनेक देशों में जबरन तालाबंदी होने और आवागमन पर पाबंदी लगाने से महिलाओं व लड़कियों के ख़िलाफ़ घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है जो गहरी चिंता का कारण है.

संयुक्त राष्ट्र की महिला सशक्तिकरण संस्था – यूएन वीमेन में कार्यक्रम विशेषज्ञ अंजू पांडे का कहना है कि महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा की रोकथाम और उसके निवारण के उपायों को कोविड-19 से निपटने की योजनाओं का अहम हिस्सा बनाना होगा.

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Worldbank/Abbas Farzami

कोविड-19: स्वास्थ्य व आजीविका की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कोविड-19 के विनाशकारी नतीजों से निपटने के लिए एक नई योजना को पेश किया है जिसमें इस महामारी से लोगों के स्वास्थ्य और उनकी आजीविका की रक्षा करने की रूपरेखा तैयार की गई है. 

साथ ही निम्न व मध्य आय वाले देशों की सहायता के लिए एक वैश्विक फ़ंड की स्थापना की गई है.

 रिपोर्ट दर्शाती है कि कितनी तेज़ी से यह महामारी फैली है और उसका दायरा किस तरह विस्तृत और गंभीर होता गया है.

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UN Photo/Mark Garten

तालाबंदी के दौरान सूचना-तकनीक का सहारा

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के कारण दुनिया के कई देशों में तालाबंदी लागू कर दी गई है और लोग अपने घरों तक सीमित हो गए हैं. लेकिन इस कठिन समय में भी इंटरनेट और सूचना-तकनीक साधनों की उपलब्धता से लॉकडाउन के दौरान ज़रूरी कामों को पूरा किया जा रहा है. 

संयुक्त राष्ट्र के भारत कार्यालय में सूचना व संचार टैक्नॉलजी विभाग के प्रमुख चॉंद कौशल का कहना है कि कनेक्टिविटी बेहतर होने से तालाबंदी के समय में भी घर से काम करना आसान हुआ है. 

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UNICEF/Vishwanathan

कोविड-19: शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें महिलाएं

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र तालाबंदी होने से महिलाओं की मुश्किलें बढ़ी हैं लेकिन उन्हें पारिवारिक ज़रूरतों के साथ-साथ अपने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान भी रखना होगा.

यह कहना है यूएन वीमेन संस्था की भारत में उपप्रतिनिधि निष्ठा सत्यम का, जिन्होंने कोविड-19 के कारण उपजी चिंताओं से निपटने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की अहमियत पर बल दिया है. 

दिल्ली में हमारी सहयोगी अंशु शर्मा ने उपप्रतिनिधि निष्ठा सत्यम से बात की और सबसे पहले जानना चाहा कि कोविड-19 के कारण तालाबंदी से महिलाएं किस तरह प्रभावित हुई हैं. 
 

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संदीप दत्ता

कोविड-19: भारत में ऐहतियाती उपायों का जनता पर असर

वैश्विक महामारी कोविड-19 का मुक़ाबला करने के प्रयासों में भारत ने भी अनेक क़दम उठाए हैं. इनमें एक प्रमुख क़दम देश भर में 21 दिनों के लिए पूर्ण तालाबंदी करने की घोषणा भी है. भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में इस तरह के ऐहतियाती उपाय कितने कारगर साबित होंगे और दुनिया के दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत में ग्रामीण इलाक़ों और हाशिए पर रहने वाले लोगों पर क्या असर पड़ेगा. 

कुछ इसी तरह के सवालों के साथ यूएन न्यूज़ हिन्दी की अंशु शर्मा ने भारत में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के एक पदाधिकारी डॉक्टर नीलेश देशपाँडे से बातचीत की.

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