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हेती संकट से निपटने के लिए, व्यापक स्तर पर क़दम उठाए जाने का आग्रह

हेती में आपराधिक गुटों की हिंसा के कारण बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं.
© UNICEF/Herold Joseph
हेती में आपराधिक गुटों की हिंसा के कारण बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं.

हेती संकट से निपटने के लिए, व्यापक स्तर पर क़दम उठाए जाने का आग्रह

मानवीय सहायता

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि हेती में मौजूदा संकट का आम नागरिकों पर विनाशकारी असर हो रहा है. देश की 50 फ़ीसदी से अधिक आबादी खाद्य असुरक्षा का शिकार है और 10 लाख से अधिक लोग आपात स्तर पर भरपेट भोजन ना मिल पाने का सामना कर रहे हैं. 

यूएन एजेंसी के कार्यकारी उपनिदेशक कार्ल स्काउ ने हाल ही में हेती का दौरा किया, और अपनी वापसी के बाद गुरूवार को न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में पत्रकारों को जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि फ़िलहाल देश, 2010 में आए भूकम्प से उपजे संकट से भी गम्भीर चुनौती का सामना कर रहा है.  

हेती के नागरिकों के समक्ष पिछले कुछ वर्षों में अनेक प्रकार की राजनैतिक, सुरक्षा, सामाजिक व आर्थिक चुनौतियाँ उपजी हैं, जो आपराधिक गुटों की बर्बर हिंसा की वजह से और गहन हुई हैं.

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बताया गया है कि वर्ष 2024 के पहले तीन महीनों में हिंसा के कारण ढाई हज़ार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.

यूएन एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, देश की आधी आबादी, क़रीब 50 लाख लोग पिछले कुछ समय में खाद्य असुरक्षा का शिकार हुए हैं. वहीं, 10 लाख से अधिक आपात स्तर पर भूख को झेल रहे हैं.

कार्ल स्काउ ने ज़ोर देकर कहा कि हेती संकट से निपटने के लिए राजनैतिक व सुरक्षा सम्बन्धी क़दम उठाए जाने के साथ-साथ, मानवीय सहायता पर भी ध्यान केन्द्रित किया जाना होगा.

“मैंने जो ज़मीन पर देखा कि इसे किया जा सकता है. और संकट के केन्द्र, पोर्त-ओ-प्रिन्स में भी. मगर हमें अन्य जगहों पर सहनसक्षमता और विकास के लिए और अधिक करने की आवश्यकता है, ताकि इस घातक चक्र को तोड़ा जा सके.”

देश के अन्य हिस्से भी प्रभावित

मानवीय सहायता मामलों के लिए यूएन एजेंसी, OCHA, ने बताया कि राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स के महानगरीय क्षेत्र में 90 हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, और इस संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है.

इस बीच, देश के अन्य हिस्सों में व्यापार में व्यवधान आया है. मुद्रास्फीति में तेज़ उछार दर्ज किया गया है और ज़रूरी सामान की क़िल्लत हो रही है.

WFP के कार्यकारी उपनिदेशक ने कहा कि इस संकट को हर जगह महसूस किया जा रहा है और इसलिए स्थिति के अनुरूप क़दम उठाए जाने होंगे.

“हमें पोर्त-ओ-प्रिन्स में आपात कार्रवाई की आवश्यकता है, लेकिन हम अन्य प्रकार से समर्थन जारी रख सकते हैं, जिनमें देश के अन्य हिस्सों में विकास सम्बन्धी समर्थन भी है.”

यूएन एजेंसी के अधिकारी ने चिन्ता जताई कि ज़मीनी स्तर पर मानवीय सहायता सामग्री ख़त्म होती जा रही है, और इसलिए ज़रूरी आपूर्ति को जल्द यहाँ पहुँचाया जाना होगा.

उन्होंने उम्मीद जताई कि अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कम से कम एक उड़ान के लिए खुला रहेगा, और ज़रूरत होने पर उसमें विस्तार किया जा सकेगा. साथ ही, पोर्त-ओ-प्रिन्स में एक बन्दरगाह खोले जाने की सम्भावना है.