ग़ाज़ा युद्ध: इसराइली बमबारी शुरू होने के बाद, 200 स्कूल बने 'सीधे निशाना'
संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक विश्लेषण में बुधवार को कहा गया है कि ग़ाज़ा पट्टी में, लगभग छह महीने की इसराइली भीषण बमबारी में 212 स्कूलों को “सीधे रूप” में निशाना बनाया गया है.
संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक विश्लेषण में बुधवार को कहा गया है कि ग़ाज़ा पट्टी में, लगभग छह महीने की इसराइली भीषण बमबारी में 212 स्कूलों को “सीधे रूप” में निशाना बनाया गया है.
संयुक्त राष्ट्र की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में, यूएन कर्मचारियों, सम्बद्ध कर्मियों और साझेदारों द्वारा यौन शोषण व दुर्व्यवहार सम्बन्धी 758 आरोपों में जानकारी मिली है.
यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार निगरानी मिशन (HRMMU) ने मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि रूसी सेनाओं द्वारा पकड़े गए यूक्रेन के युद्धबन्दियों का उत्पीड़न किए जाने और उनकी ज़िन्दगियाँ ख़त्म किए जाने के, विश्वसनीय आरोपों में बढ़ोत्तरी हुई है.
मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए संयुक्त के विशेष दूत टोर वैनेसलैंड ने ग़ाज़ा पट्टी में तुरन्त मानवतावादी युद्धविराम लागू किए जाने और सभी बंधकों की रिहाई के लिए मंगलवार को पुरज़ोर अपील जारी की है. उन्होंने ग़ाज़ा में गहरी पीड़ा और क़ाबिज़ पश्चिमी तट में हिंसा जारी रहने पर क्षोभ व्यक्त किया है.
क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में मानवाधिकारों की स्थिति पर स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ फ़्रांसेस्का अल्बानीज़ ने कहा है कि यह मानने का तर्कसंगत आधार है कि इसराइल द्वारा ग़ाज़ा में फ़लस्तीनियों के विरुद्ध जनसंहार को अंजाम दिया जा रहा है.
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने आगाह किया है कि हर तीन प्रवासी मौतों में से एक की वजह हिंसक टकराव है, जब जान बचाने के लिए भाग रहे प्रवासी रास्ते में ही अपनी जान गँवा देते हैं.
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने कहा है कि ग़ाज़ा में सहायता आपूर्ति को इसराइल की अनुमति नहीं मिलने से उत्पन्न बाधाओं की वजह से, अकाल जैसे हालात बन गए हैं. उधर इसराइली बलों और हमास के बीच मंगलवार को लड़ाई में, अनेक बच्चों की मौतें होने की ख़बरें हैं.
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने पार-अटलांटिक दास व्यापार के कारण गहरी पीड़ा झेलने वाले लाखों पुरुषों, महिलाओं व बच्चों को श्रृद्धांजलि अर्पित की है. मानव इतिहास में इसे एक भयावह अध्याय के रूप में देखा जाता है.
यमन में युद्ध, सोमवार (25 मार्च) को दसवें वर्ष में दाख़िल हो गया है. इसके मद्देनज़र संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता कर्मियों ने चेतावनी जारी की है कि देश की आधी से अधिक आबादी को सहायता की सख़्त ज़रूरत है.
संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने, रूसी महासंघ की राजधानी मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल में शुक्रवार (22 मार्च) को हुए आतंकवादी हमले की निन्दा की है, जिसमें कम से कम 137 लोगों की मौत हो गई थी और 180 से अधिक लोग घायल हुए थे. साथ ही, उन्होंने संदिग्धों के लिए मुक़दमे की निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने पर बल दिया है.