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ग़ाज़ा युद्ध की पृष्ठभूमि में, सीरिया में गहराता संकट

सीरिया में पिछले एक दशक से अधिक समय से जारी लड़ाई में बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि हुई है.
© UNOCHA/Ali Haj Suleiman
सीरिया में पिछले एक दशक से अधिक समय से जारी लड़ाई में बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि हुई है.

ग़ाज़ा युद्ध की पृष्ठभूमि में, सीरिया में गहराता संकट

शान्ति और सुरक्षा

ग़ाज़ा में युद्ध की वजह से वृहद मध्य पूर्व क्षेत्र पर एक स्याह छाया पसरी हुई है, विशेष रूप से सीरिया में जहाँ सिलसिलेवार हवाई हमलों के कारण पहले से ही गम्भीर मानवीय स्थिति और बिगड़ती जा रही है. सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को वहाँ हालात से अवगत कराया.

इसके मद्देनज़र, विशेष दूत पैडरसन ने क्षेत्र में व्याप्त तनाव में कमी लाने पर बल दिया है, और इसकी शुरुआत ग़ाज़ा पट्टी में तत्काल युद्धविराम के साथ की जानी होगी. 

उन्होंने सुरक्षा परिषद में प्रतिनिधियों को बताया कि ग़ाज़ा में संकट का वृहद मध्य पूर्व में असर होने की आशंका है, मगर सीरिया में जारी हिंसक टकराव पर भी इसका गहरा असर हो सकता है.

गेयर पैडरसन ने कहा कि सीरिया में स्थिति के शान्त होने का किसी भी प्रकार कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहा है. केवल अनसुलझे हिंसक टकराव, उबाल लेती हिंसा, और शत्रुता में आई तेज़ी, इनमें से कुछ भी एक नई चिन्गारी को भड़का सकता है.

मानवीय हालात

यूएन दूत ने बताया कि सीरिया फ़िलहाल एक गम्भीर मानवीय संकट का सामना कर रहा है, जिसके मद्देनज़र यह ज़रूरी है कि लाखों लोगों को पीड़ा से उबारने के लिए दानदाताओं द्वारा उदार समर्थन दिया जाए. 

साथ ही, देश में आर्थिक स्थिति चिन्ताजनक है और भोजन की क़ीमतें पिछले एक वर्ष में दोगुनी हो चुकी हैं. अमेरिकी डॉलर की तुलना में वर्ष 2020 से अब तक सीरियाई पाउंड के मूल्य में भारी गिरावट दर्ज की गई है.

गेयर पैडरसन न कहा कि सीरियाई जनता की अन्तहीन पीड़ा का सबसे अधिक असर निर्बल समुदायों पर हो रहा है.

लिंग-आधारित हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई है और कठिन हालात में गुज़ारा करने के लिए स्थानीय परिवार अपने बच्चों की जल्द शादी कर रहे हैं या उन्हें वेश्यावृत्ति में धकेल रहे हैं.

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यूएन के विशेष दूत ने कहा कि सीरिया के समक्ष मौजूद बहुआयामी चुनौतियों से निपटने के लिए यह ज़रूरी है कि एक नई व व्यापक दृष्टि को अपनाया जाए.

इस क्रम में, उन्होंने सीरिया में शान्ति की दिशा में नया मार्ग तैयार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.

युद्ध के अवशेष

मानवीय सहायता मामलों के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) में समन्वय निदेशक रमेश राजासिंहम ने मानवीय सहायताकर्मियों के लिए मौजूदा ख़तरों के प्रति आगाह किया.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि मार्च महीने में, पूर्वी सीरिया के डेर इज़-ज़ोर में जल व स्वच्छता सहायता कार्य में जुटे विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक कर्मचारी की हवाई कार्रवाई में मौत हो गई थी.

यूएन एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बिना फटी हुई विस्फोटक सामग्री, बारूदी सुरंगों और अन्य हथियारों का आम लोगों पर गहरा असर हो रहा है. ऐसी घटनाओं में हताहत होने वाले में बच्चो की संख्या अधिक है.

उन्होंने कहा कि “कृषि भूमि विशेष रूप से प्रभावित हुई है, जिसके खाद्य उत्पादन व आजीविका पर गहरे नतीजे हुए हैं.” 

बीमारियों का प्रकोप

रमेश राजासिंहम ने सचेत किया है कि गर्मियों का मौसम नज़दीक आने के साथ ही, सूखे, ताप लहरों, हैज़ा और अन्य रोगों के फैलने का जोखिम भी बढ़ेगा. 

जल आपूर्ति और साफ़-सफ़ाई सेवाओं की क्षमता सीमित होने की वजह से यह और चुनौतीपूर्ण है.

इस वजह से महिलाओं व किशोर लड़कियों के लिए यौन व प्रजनन स्वास्थ्य और संरक्षण सम्बन्धी ख़तरे बढ़ने की आशंका है.

महिलाओं व लड़कियों के लिंग-आधारित हिंसा का शिकार बनने का जोखिम अधिक होता है, जिसकी एक बड़ी वजह साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता स्थलों पर निजता की कमी है और उन्हें अक्सर पानी लाने के लिए लम्बी दूरियाँ तय करनी पड़ती हैं.