वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस के एक अस्पताल में एक घायल बच्चे की देखभाल की जा रही है.
© UNICEF/Abed Zaqout

ग़ाज़ा: स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों व सेवाओं पर हमले जारी, WHO ने जताया क्षोभ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि ग़ाज़ा पट्टी में जारी भीषण लड़ाई से अस्पतालों, स्वास्थ्यकर्मियों और वहाँ शरण लेने वाले लोगों पर गम्भीर असर हुआ है. यूएन एजेंसी द्वारा जारी किए गए आँकड़े दर्शाते हैं कि हिंसक टकराव की शुरुआत से अब तक स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों व सेवाओं पर 350 से अधिक हमले हो चुके हैं.

अब्दुल मजीद, पशुओं के चारे से, अपने परिवार के लिए रोटी बनाते हुए. आग चलाने के लिए लकड़ियाँ भी युद्ध में ध्वस्त हुईं इमारतों में से एकत्र की गई हैं.
UN News

ग़ाज़ा में लोग ‘पशु चारे’ पर जीवित, अकाल की पीड़ाजनक दस्तक

ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में अकाल दस्तक दे रहा है, बहुत से लोग जीवित रहने के लिए पशु चारे का सहारा ले रहे हैं. जैसे-जैसे मौत और विनाश का सायाग़ाज़ा पट्टी पर हावी होता जा रहा है, बहुत से परिवार बहुत न्यूनतम चीज़ों पर जीवित रहने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. लगभग चार महीनों से चल रहे युद्ध की तबाही के बीच, जबालिया शरणार्थी शिविर एक भूतिया शहर जैसा बन गया है. अकाल मुँह बाएँ नज़र आ रहा है, भोजन, सुरक्षित पानी और सबसे बुनियादी ईंधन जैसी बेहद ज़रूरी चीज़ें भी ख़त्म हो रही हैं.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, न्यूयॉर्क मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे हैं.
UN Photo/Loey Felipe

ग़ाज़ा: आम फ़लस्तीनियों के लिए ‘ना तो कोई घर, ना ही कोई उम्मीद’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ग़ाज़ा पट्टी में हालात पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए, तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने की अपील दोहराई है और कहा है कि बन्धक बना कर रखे गए लोगों को तत्काल, बिना किसी शर्त के रिहा किया जाना होगा. उन्होंने ध्यान दिलाया कि ग़ाज़ा की क़रीब आधी आबादी ने रफ़ाह में शरण ली हुई है, और ना तो उनके पास जाने के लिए कोई घर है और ना ही कोई उम्मीद है.

ईरान की राजधानी तेहरान के एक इलाक़े का दृश्य. ईरान अनेक वर्षों से, संयुक्त राज्य अमेरिका की, आतंकवाद समर्थक देशों की सूची में रहा है.
© Unsplash/Arman Taherian

‘देशों को आतंकवाद के प्रायोजक के दर्जे व प्रतिबन्धों के भयानक प्रभाव’

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) से, अपने उस घरेलू ढाँचे की समीक्षा करने का आग्रह किया जो किन्हीं देशों को, इकतरफ़ा तौर पर, आतंकवाद के प्रायोजक के रूप में चिन्हित करके, उनके ख़िलाफ़ विशिष्ट प्रतिबन्ध लगाता है.

ग़ाज़ा पट्टी में हवाई हमलों के दौरान ध्वस्त इमारतें. (फ़ाइल फ़ोटो)
© UNRWA/Ashraf Amra

ग़ाज़ा: ‘बफ़र ज़ोन’ बनाने के लिए इमारतों का विध्वंस, ‘सम्भावित युद्ध अपराध’

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) प्रमुख वोल्कर टर्क ने आगाह किया है कि इसराइली सैन्य बल, इसराइल-ग़ाज़ा पट्टी सीमा पर एक 'बफ़र ज़ोन' बनाने के इरादे से, वहाँ एक किलोमीटर के दायरे में आने वाली इमारतों को ध्वस्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे मामले जिनीवा सन्धि का उल्लंघन हैं और उन्हें युद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.

ग़ाज़ा में, UNRWA के एक स्कूल आश्रय स्थल में, बहुत से फ़लस्तीनी परिवार, पनाह लिए हुए हैं.
© UNRWA

ग़ाज़ा में युद्ध के बीच, आम लोगों पर 'भूख, बीमारी व मौत का साया'

ग़ाज़ा पट्टी के अनेक हिस्सों में युद्ध गुरूवार को भी जारी रहा और रफ़ाह गवर्नरेट में घातक हवाई हमलों की ख़बरें मिली हैं. इस स्थिति को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र आपात राहत मामलों के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने, हिंसा के और गहन रूप धारण करने की आशंका व्यक्त की है.

ग़ाज़ा युद्ध में, दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह में हुई तबाही का एक दृश्य.
© UNICEF/Eyad El Baba

मध्य पूर्व के लिए यूएन दूत का, ग़ाज़ा युद्धविराम की ज़रूरत पर ज़ोर

मध्य पूर्व में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी टोर वैनेसलैंड ने बुधवार को यूएन मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए, ग़ाज़ा में युद्धविराम के महत्व को रेखांकित किया है.

पूर्वी म्याँमार के कायाह प्रान्त में डिमॉहसो नगर में घरेलू विस्थापितों के लिए स्थापित एक शिविर का दृश्य.
© UNOCHA/Siegfried Modola

म्याँमार: स्कूलों पर हमलों में चार बच्चों समेत छह की मौत, यूनीसेफ़ ने की निन्दा

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) म्याँमार के पूर्वी हिस्से में स्थित दो स्कूलों पर हुए घातक हवाई हमलों की कठोर शब्दों में निन्दा की है, जिनमें कम से कम चार बच्चे और दो अध्यापक मारे गए हैं और अनेक अन्य घायल हुए हैं.

सूडान में युद्ध से प्रभावित देश के भीतर ही विस्थापितों के लिए, पश्चिमी दारफ़ूर इलाक़े में भी कुछ आश्रय बनाए गए हैं.
© UNOCHA/Mohamed Khalil

युद्धग्रस्त सूडान की मदद के लिए $4.1 अरब की अपील

संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को देशों से आग्रह किया कि वे सूडान में प्रतिद्वंद्वी सेनाओं के बीच युद्ध में फँसे लाखों लोगों को नहीं भूलें. संगठन ने साथ ही, अकाल से निपटने और पड़ोसी देशों में पनाह लेने वाले लोगों की मदद के लिए, 4.1 अरब डॉलर की धनराशि की सहायता अपील की है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (स्क्रीन पर) यूएन महासभागार में अपने संगठन के कामकाज का लेखाजोखा और 2024 के लिए अपनी प्राथमिकताएँ साझा कर रहे हैं. में
UN Photo/Eskinder Debebe

विश्व शान्ति, संयुक्त राष्ट्र का मुख्य ध्येय - यूएन महासचिव

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने दुनिया में बढ़ते हिंसक टकरावों, ध्रुवीकरण और गहराती दरारों की पृष्ठभूमि में आगाह किया है कि शान्ति, मानवता का सर्वोपरि दायित्व है, और उसे मौजूदा व भावी पीढ़ियों के लिए साकार करना होगा.