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ग़ाज़ा: रफ़ाह में इसराइली सैन्य कार्रवाई की गहराती आशंका

ग़ाज़ा में जारी हिंसक टकराव के बीच वहाँ मानवीय हालात बद से बदतर हो रहे हैं.
© UNRWA
ग़ाज़ा में जारी हिंसक टकराव के बीच वहाँ मानवीय हालात बद से बदतर हो रहे हैं.

ग़ाज़ा: रफ़ाह में इसराइली सैन्य कार्रवाई की गहराती आशंका

शान्ति और सुरक्षा

ग़ाज़ा पट्टी के दक्षिणी छोर पर स्थित रफ़ाह में हवाई बमबारी और वहाँ स्थित नासेर अस्पताल परिसर में इसराइली सैन्य बलों की कार्रवाई की ख़बरों के बीच, घनी आबादी वाले इस शहर में सम्भावित ज़मीनी सैन्य अभियान के प्रति चिन्ता गहरा रही है.

इसराइली सेना ने गुरूवार को अपने एक ट्वीट में बताया कि विशेष बलों ने दक्षिणी ग़ाज़ा में नासेर अस्पताल में ‘लक्षित और सीमित स्तर’ पर कार्रवाई की है. 

यह इस इलाक़े में स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने वाला सबसे बड़ा केन्द्र है.

उससे पहले, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने बुधवार को रफ़ाह में स्थित इस अस्पताल में बिगड़ती स्थिति पर अलार्म व्यक्त किया था. 

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“अस्पताल तक पहुँचने में अब भी अवरोध हैं – ज़रूरतमन्दों के लिए यहाँ आने का कोई सुरक्षित रास्ता नहीं है.”

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक के अनुसार, पिछले चार दिनों में संगठन द्वारा वहाँ दो मिशन भेजे जाने के अनुरोधों को ख़ारिज कर दिया गया, और अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ सम्पर्क कट गया है.

उन्होंने मानवीय सहायता मार्ग उपलब्ध कराए जाने, लड़ाई के दौरान सभी पक्षों से अस्पतालों की रक्षा किए जाने और आम नागरिकों के लिए वहाँ की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की पुकार लगाई.

रफ़ाह में गम्भीर हालात

आपात राहत मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) का नवीनतम अपडेट दर्शाता है कि दक्षिणी सीमावर्ती शहर, रफ़ाह में शरण लेने वाली आबादी, अब डेइर अल बालाह और नुसेइरात शरणार्थी शिविरों का रुख़ कर रही है.

इस सप्ताह, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने मिस्र की सीमा से लगने वाले इस शहर में लाखों लोगों ने शरण ली हुई है, और यदि अब यहाँ से और विस्थापन होता है, तो वहाँ शरण की तलाश करने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

फ़लस्तीन के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम के देशीय निदेशक मैथ्यू हॉलिन्गवर्थ ने बताया कि रफ़ाह की सड़कों पर लोगों की भारी मौजूदगी है, और शहर में हर उपलब्ध स्थान अब एक अस्थाई आश्रय स्थल बन गया है.

ग़ाज़ा में हिंसक टकराव के कारण विस्थापन का शिकार हुए 15 लाख लोगों ने रफ़ाह में पनाह ली है.

WFP के देशीय निदेशक ने गुरूवार को सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म, X, पर जारी अपने एक वीडियो में बताया कि रफ़ाह में हताशा भरे हालात हैं, लोग बेहद कठिन माहौल व कठोर सर्दी में मदद, ईंधन और गुज़र-बसर के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

यूएन एजेंसी ने रफ़ाह में ज़रूरतमन्दों तक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए अपने प्रयास जारी रखे हैं, और इस कार्य में अन्य साझेदार संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है.

मगर, इन संगठनों ने आशंका जताई है कि यदि इसराइली सेना द्वारा रफ़ाह में ज़मीनी सैन्य अभियान शुरू किया जाता है, तो वहाँ पर राहत गतिविधियाँ रोकने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.

इस बीच, ग़ाज़ा के अनेक हिस्सों में इसराइल की भीषण बमबारी हो रही है, जिसमें लगातार आम नागरिक हताहत हो रहे हैं और बुनियादी ढाँचे को नुक़सान पहुँच रहा है.

बढ़ता मृतक आँकड़ा

ग़ाज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक लड़ाई में 28 हज़ार से अधिक फ़लस्तीनियों की जान जा चुकी है और 68 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं. 

13 से 14 फ़रवरी के दौरान, कम से कम 103 फ़लस्तीनी मारे गए और 145 घायल हुए.

पिछले वर्ष 7 अक्टूबर को इसराइल में हमास के आतंकी हमलों में 1,200 इसराइली मारे गए थे, और लगभग 250 को बंधक बना लिया गया था, इनमें से 134 लोगों के अब भी ग़ाज़ा में होने की ख़बर है.  

इसके बाद इसराइल ने बड़े पैमाने पर ग़ाज़ा में सैन्य अभियान शुरू किया, जिसमें इसराइली सेना के अनुसार, अब तक 230 सैनिकों की जान गई है और 1,352 घायल हुए हैं.