वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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सूडान युद्ध में लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और लाखों लोगों को देश के बाहर भी जाना पड़ा है.
© UNHCR/Tiksa Negeri

दारफ़ूर संकट: 5 प्रमुख तथ्य

सूडान में अप्रैल 2023 में भड़के युद्ध के कारण "एक बिगड़ती मानवीय आपदा और एक विनाशकारी मानवाधिकार संकट परस्पर मिल" गए हैं, जिससे दारफ़ूर क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है, जोकि बहुत अशान्त क्षेत्र बन चुका है. इस संकट के बारे में 5 अहम तथ्य... (वीडियो). 

म्याँमार की पूर्व राजधानी और व्यावसायिक केन्द्र यंगून के एक बाहरी इलाक़े में नज़र आता एक पगोड़ा.
Unsplash/Kyle Petzer

म्याँमार: सैन्य तख़्तापलट का गहरा असर, ‘हिंसा व राजनैतिक दमन का अन्त ज़रूरी’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने म्याँमार में सैन्य तख़्तापलट के तीन वर्ष पूरे होने पर आगाह किया है कि वहाँ हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, जिसका आम नागरिकों पर विनाशकारी असर हुआ है. इसके मद्देनज़र, उन्होंने म्याँमार को फिर से लोकतंत्र की दिशा में ले जाने के लिए एक रास्ता तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया है.

ग़ाज़ा में कड़ी सर्दी और बारिश ने, अस्थाई आश्रयों को, रहने के लिए मुश्किल बना दिया है.
© UNRWA

ग़ाज़ा की आर्थिक पुनर्बहाली में लग सकते हैं दशकों और खरबों डॉलर, अंकटाड

संयुक्त राष्ट्र के व्यापार और विकास संगठन - UNCTAD ने बुधवार को एक नई रिपोर्ट में कहा कि ग़ाज़ा में युद्ध के परिणामस्वरूप, वहाँ की अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व विनाश हुआ है, जिसे उलटने में दसियों अरब डॉलर की रक़म और दशकों का समय लगेगा.

मध्य पूर्व में उपजे संकट पर सुरक्षा परिषद की बैठक में चर्चा.
UN Photo/Eskinder Debebe

मध्य पूर्व संकट पर सुरक्षा परिषद की बैठक, ‘हर दिन बीतने के साथ गहराती पीड़ा’

ग़ाज़ा में जारी भीषण लड़ाई और मध्य पूर्व में गहराते संकट के बीच न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय फिर से कूटनैतिक गतिविधियों के केन्द्र में है. बुधवार को सुरक्षा परिषद की एक अहम बैठक हो रही है, जिसमें इसराइल पर जनसंहार को अंजाम देने के आरोपों पर अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के अन्तरिम आदेश पर चर्चा हो रही है. साथ ही, यूएन मानवतावादी कार्यालय के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सदस्य देशों को ग़ाज़ा में उपजे हालात से अवगत कराया है.

सफ़ाई साथी, अहमद अली को इस बात की ख़ुशी है, कि उनके छोटे-छोटे प्रयास, उनके ग्रह, और ख़ासतौर पर उनके शहर को साफ़ व स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
UNDP India

भारत: उत्थान ने जगाया दरियादिली का अहसास

 दिल्ली में रहने वाले एक सफ़ाई साथी अहमद अली, अब अपने निवास स्थान के कल्याण के लिए तत्पर हैं. उनके भीतर दरियादिली की ये भावना, ख़ासतौर से, भारत में यूएनडीपी द्वारा चलाई गई उत्थान परियोजना के ज़रिए मज़बूत हुई है. इस पहल का मक़सद है सामाजिक सुरक्षा तक पहुँच व आजीविका के सहनसक्षम स्रोतों में वृद्धि के ज़रिए, सफ़ाई कर्मियों को सशक्त बनाना.

भारत के तेलंगाना राज्य की एक किसान. आजीविका की तलाश में पुरुषों के विदेश प्रवासन से घर का बोझ महिलाओं के कंधों पर आ पड़ता है.
ICRISAT

भारत: जलवायु परिवर्तन से प्रेरित प्रवासन से निपटने हेतु, FAO और IOM की संयुक्त पहल

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) और अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM – UN Migration) ने साथ मिलकर, कमज़ोर वर्ग के प्रवासियों की जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनसक्षमता बढ़ाने के लिए, संयुक्त कार्यक्रम शुरू किया है. इस तीन वर्षीय परियोजना में, ओडिशा और तेलंगाना प्रदेशों में प्रवासन, कृषि एवं जलवायु परिवर्तन के तिहरे प्रभावों से जूझ रहे लोगों के लिए, वैकल्पिक योजनाएँ लागू की जाएंगी.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने फ़लस्तीनियों के अपरिहार्य अधिकारों पर यूएन समिति को सम्बोधित किया.
UN Photo

ग़ाज़ा में मौत, विध्वंस, विस्थापन, 'साझा मानवता व चेतना पर धब्बा'

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने क्षोभ प्रकट किया है कि इसराइली सेना द्वारा ग़ाज़ा पर अनवरत बमबारी से जिस गति व स्तर पर आम नागरिकों की जान गई है और बर्बादी हुई है, वह हाल के वर्षों में पहले कभी नहीं देखी गई. यूएन प्रमुख ने बुधवार को फ़लस्तीनी लोगों के अपरिहार्य अधिकारों के इस्तेमाल पर यूएन समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है.

ग़ाज़ा में UNRWA आश्रय स्थलों में तब्दील हुए स्कूलों में खाद्य सहायता पहुँची है.
© UNRWA

'हम ग़ाज़ा के लोगों को बेसहारा नहीं छोड़ सकते': UNRWA के समर्थन में यूएन एजेंसियों की अपील

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवतावादियों और ग़ैर सरकारी संगठनों के प्रमुखों ने, हमास के साथ मिलीभगत के आरोपों का सामना कर रही संयुक्त राष्ट्र एजेंसी UNRWA का वित्त-पोषण बन्द करने के "विनाशकारी परिणाम" होने की चेतावनी दी है, इस बीच, दक्षिणी ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस में बुधवार रात को, घातक झड़पें और गोलीबारी जारी रही.

यूक्रेन की राजधानी कीयेव में, युद्ध में तबाह हुई एक इमारत में बचाव कार्य.
© UNICEF/Aleksey Filippov

संयुक्त राष्ट्र ने, यूक्रेन में 2023 में, 1.1 करोड़ लोगों को कराई मदद मुहैया

यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता समन्वयक डेनिस ब्राउन ने मंगलवार को बताया है कि संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगियों ने देश में, वर्ष 2023 में लगभग 1.1 करोड़ लोगों को महत्वपूर्ण मानवीय सहायता प्रदान की.

ग़ाज़ा के लिए यूएन की वरिष्ठ मानवतावादी व पुनर्निर्माण समन्वयक सिग्रिड काग, न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी दे रही हैं.
UN Photo/Manuel Elias

ग़ाज़ा: जीवनरक्षक सहायता में UNRWA की भूमिका का 'कोई विकल्प नहीं'

ग़ाज़ा के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी और पुनर्निर्माण समन्वयक सिग्रिड काग ने ज़ोर देकर कहा है कि मानवीय सहायता प्रयासों में फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) की महत्वपूर्ण भूमिका है और कोई अन्य संगठन उसका विकल्प नहीं हो सकता है. उन्होंने सभी पक्षों से आग्रह किया है कि ग़ाज़ा पट्टी में मौजूदा संकट के स्तर, स्थानीय आबादी की आवश्यकताओं व जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए प्रयास किए जाने होंगे.