'महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा समाज के लिए ‘शर्म की बात’ है'
महिलाओं और बच्चियों के ख़िलाफ़ हिंसा न सिर्फ मानवाधिकार का मुद्दा है, बल्कि यह ‘नैतिक रूप से उनका तिरस्कार’ भी है और सभी समाजों के लिए ‘शर्म की बात’. महिलाओं विरुद्ध हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतॉनियो गुटेरेश ने यह बात कही. उन्होंने इस उत्पीड़न को समाप्त करने के लिए दुनिया भर के देशों का आह्वान किया.