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शान्ति और सुरक्षा बलात्कार, हत्या, भूख से जूझ रहे लोग. सड़कों पर बिखरी हुई लाशों के बीच से गुज़रना दूभर. ठीक एक वर्ष पहले, 15 अप्रैल को सूडान एक ऐसे युद्ध के गर्त में धँस गया था, जो अब भी जारी है, और जिसमें अब तक क़रीब 15 हज़ार लोग अपनी जान गँवा चुके हैं. 80 लाख लोग विस्थापित हुए हैं, दो करोड़ 50 लाख लोगों को तात्कालिक सहायता की आवश्यकता है. वहीं, यूएन मानवतावादियों द्वारा अकाल की आशंका जताई जा रही है, राहत प्रयासों के मार्ग में बाधाएँ बरक़रार हैं और दोनों पक्षों द्वारा अंजाम दिए गए अत्याचार मामलों की सूची बढ़ती जा रही है.

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मानवीय सहायता विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि हेती में मौजूदा संकट का आम नागरिकों पर विनाशकारी असर हो रहा है. देश की 50 फ़ीसदी से अधिक आबादी खाद्य असुरक्षा का शिकार है और 10 लाख से अधिक लोग आपात स्तर पर भरपेट भोजन ना मिल पाने का सामना कर रहे हैं. 
मानवीय सहायता युद्ध से तबाह ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय सहायता की आपूर्ति में समन्वय की ज़िम्मेदारी संभाल रहीं सिगरिड काग ने कहा है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का ये कर्तव्य और ज़िम्मेदारी है कि वो ग़ाज़ा में जल्द से जल्द पुनर्बहाली के लिए काम करे, मगर, “हम वहाँ की आबादी से और इन्तज़ार करने को नहीं कह सके.”