वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

पुर्तगाल में ऐतिहासिक क्रान्ति के 50 वर्ष, अहम प्रभावों पर परिचर्चा

पुर्तगाल में कार्नेशन क्रान्ति की 50वीं वर्षगाँठ पर यूएन न्यूज़ ने एक परिचर्चा का आयोजन किया.
UN Photo/Mark Garten
पुर्तगाल में कार्नेशन क्रान्ति की 50वीं वर्षगाँठ पर यूएन न्यूज़ ने एक परिचर्चा का आयोजन किया.

पुर्तगाल में ऐतिहासिक क्रान्ति के 50 वर्ष, अहम प्रभावों पर परिचर्चा

शान्ति और सुरक्षा

पुर्तगाल के सैन्य अधिकारियों ने 25 अप्रैल 1974 को लगभग 50 वर्षों से चली आ रही तानाशाही को उखाड़ फेंका था. शान्तिपूर्ण ढंग से हुई सैन्य तख़्तापलट की इस घटना को ‘कार्नेशन क्रान्ति’ (Carnation Revolution) का नाम दिया गया.

ये नाम उन फूलों के आधार पर दिया गया, जिनसे आम लोगों ने सैनिकों की बन्दूकों की नाल को भर दिया था. 

पुर्तगाल, इस क्रांति के बाद, लोकतंत्र की राह पर आगे बढ़ा और अफ़्रीका से लेकर प्रशान्त क्षेत्र तक उसके शेष छह औपनिवेशिक इलाक़ों को भी स्वाधीनता मिल गई.

इस घटनाक्रम का असर ब्राज़ील तक भी देखा गया, जोकि 1822 से ही स्वतंत्र रहा है, मगर 1970 दशक में सैन्य शासन था. 

पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के अनुसार, ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो यह विद्रोह कई दशक पहले ही हो जाना चाहिए था.

चिन्तन व विश्लेषण

इस क्रांति को 25 अप्रैल के रूप में भी जाना जाता है, जिसकी 50वीं वर्षगाँठ से पहले, यूएन प्रमुख और पुर्तगाली भाषी देशों के राजदूतों ने उस घटनाक्रम के महत्व और प्रभावों पर चिन्तन मनन किया.

इस चर्चा में यूएन में अंगोला, ब्राज़ील, काबो वर्डे, मोज़ाम्बीक़, पुर्तगाल और तिमोर-लेस्ते के स्थाई प्रतिनिधियों ने शिरकत की. 

ये सभी पुर्तगाली भाषी देशों के समूह के सदस्य (Community of Portuguese Language Countries /CPLP) हैं, जिसे क्रांति के लगभग एक दशक बाद स्थापित किया गया था. अन्य सदस्यों में गिनी-बिसाउ और साओ तोमे एंड प्रिंसिपे हैं. 

पुर्तगाल में कार्नेशन क्रान्ति की 50वीं वर्षगाँठ पर यूएन न्यूज़ ने एक परिचर्चा का आयोजन किया.
UN Photo/Mark Garten

यूएन न्यूज़ की पुर्तगाली भाषा की टीम ने इस उच्चस्तरीय चर्चा का आयोजन किया, जिसका संचालन पुर्तगाली पत्रकार मार्ता मोरिएरा और ब्राज़ील के फ़ेलिपे कोआग्लियो ने किया. 

इस चर्चा को पुर्तगाली भाषी देशों में समाचार माध्यमों पर प्रसारित किया जाएगा. एक अनुमान के अनुसार, विश्व भर में क़रीब 25 करोड़ लोग पुर्तगाली भाषा बोलते हैं.

इतिहास में सही चयन

महासचिव गुटेरेश ने प्रत्यक्ष रूप से ‘कार्नेशन क्रान्ति’ के दौरान हुए घटनाक्रम को देखा था. उन्होंने कहा कि दमन के विरुद्ध आज़ादी का पक्ष लेने का अर्थ, इतिहास में आपका सही ओर खड़ा होना है.

उनके अनुसार यह स्पष्ट है कि एक अस्वीकार्य औपनिवेशिक अतीत के बाद, हम इतिहास में सही ओर खड़े हैं, एक देश को तानाशाही से मुक्ति दिलाते हुए, अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्धों में न्याय को फिर स्थापित करते हुए.

यूएन प्रमुख ने बताया कि अफ़्रीका में मुक्ति आन्दोलनों के संघर्ष के बिना 25 अप्रैल की क्रान्ति सम्भव नहीं हुई होती और इसीलिए दोनों बातें आपस में जुड़ी हुई हैं.

इस क्रम में, एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि यदि 25 अप्रैल की किसी प्रकार की आलोचना हुई भी होती, तो यह कि इस घटना को कई दशक पहले ही हो जाना चाहिए था.

उन्होंने कहा कि पुर्तगाली भाषी देशों में आज सहयोगपूर्ण सम्बन्ध है और ये शान्ति का एक ऐसा प्रतीक है, जिससे दुनिया भर को प्रेरित होना चाहिए. 

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने पुर्तगाल में कार्नेशन क्रान्ति की 50वीं वर्षगाँठ पर यूएन न्यूज़ द्वारा आयोजित चर्चा में हिस्सा लिया.
UN Photo/Mark Garten