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भारत: सौर ऊर्जा से, महिला किसानों का भविष्य जगमग

अन्य महिला किसानों के साथ, चंदा देवी.
UNDP India
अन्य महिला किसानों के साथ, चंदा देवी.

भारत: सौर ऊर्जा से, महिला किसानों का भविष्य जगमग

महिलाएँ

भारत में महिला किसानों की ज़िन्दगी में सौर ऊर्जा ने, रौशनी भर दी है. भारत में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम UNDP,  महिला किसानों को सौर ऊर्जा संचालित कोल्ड स्टोरेज भंडारण सुविधाएँ मुहैया करवा रहा है. इससे इन किसानों की न केवल जलवायु सहनसक्षमता बढ़ी है, बल्कि फ़सलों को ख़राब होने से बचाने व उनके लिए बेहतर मूल्य हासिल करने में भी कामयाबी मिली है.

देश के उत्तरी प्रदेश बिहार के बुखारी गाँव की एक छोटी किसान चन्दा देवी, आसमान में उमड़ते बादलों की ओर इशारा करते हुए कहती हैं, “इन दिनों मौसम बहुत मनमौजी हो गया है - हम कुछ समझ नहीं पाते हैं. जब हम बारिश की उम्मीद करते हैं, तो बारिश नहीं होती, और फिर अचानक, इतनी भारी बारिश हो जाती है कि हमारी ज़यादातर फ़सलें बह जाती हैं.” 

मौसम की अप्रत्याशितता व अपर्याप्त कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं के कारण, किसान अक्सर परेशानी में पड़ जाते हैं.

सिन्धु-गंगा के उपजाऊ मैदानों में स्थित बिहार प्रदेश की 75% से अधिक आबादी, खेती व सम्बन्धित गतिविधियों पर निर्भर है. बिहार के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग एक चौथाई योगदान कृषि का है. लेकिन, चन्दा जैसे छोटे किसान, जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के कारण कमज़ोर हालात का सामना करने को विवश हैं, जिससे पारम्परिक कृषि चक्र बाधित हो रहा है, और उनकी फ़सलें एवं आमदनी ख़तरे में पड़ गई है.

सौर ऊर्जा संचालित कोल्ड स्टोरेज से, चंदा देवी की फ़सलें बर्बाद होने से बच गईं और उनकी आमदनी भी दोगुनी हो गई है.
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उचित भंडारण सुविधाओं के अभाव में, जलवायु सहनसक्षम फ़सलें भी बर्बाद होने के जोखिम में हैं, जिससे किसानों का पहले से ही कम मुनाफ़ा और घटता जा रहा है.

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के एक अध्ययन के अनुसार, 2022 में भारत में कटाई और उपभोग के बीच अपने फलों एवं सब्ज़ियों का 5% से 13% हिस्सा बेकार गया. इस नुक़सान को कम करने के लिए, एक मज़बूत कोल्ड स्टोरेज बुनियादी ढाँचे की आवश्यकता बेहद अहम हो जाती है.

चन्दा कहती हैं, “अगर हम सुरक्षित रूप से फ़सल काट भी लें, तब भी हमारे पास फ़सल के भंडारण हेतु कोई सुरक्षित स्थान उपलब्ध नहीं है. सब्ज़ियों जैसी ख़राब होने वाली वस्तुएँ, बहुत जल्दी ख़राब हो जाती हैं, इसलिए हमें अपनी सभी फ़सलें एक-साथ कम क़ीमत पर बेचनी पड़ती हैं.”

सूरज की रौशनी से मिला समाधान

कोल्ड स्टोरेज के भीतर रखीं सब्जियाँ.
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कोल्ड स्टोरेज के भीतर रखीं सब्जियाँ.

यूएनडीपी और बिहार सरकार ने जापान सरकार के सहयोग से, चन्दा जैसे किसानों को जलवायु अनिश्चितताओं के ख़िलाफ़ मज़बूत करने व उनकी फ़सल को सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए, बिहार में 15 सौर ऊर्जा संचालित कोल्ड स्टोरेज इकाइयाँ स्थापित की हैं.

सौर ऊर्जा संचालित कोल्ड स्टोरेज, किसानों की आय और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक अभिनव व टिकाऊ समाधान है. 

ये प्रणालियाँ, सौर पैनलों से नवीकरणीय ऊर्जा का दोहन करके, ग्रिड-आधारित बिजली की तुलना में कोल्ड स्टोरेज इकाइयों के लिए बहुत कम दरों पर बिजली देती हैं. सौर ऊर्जा स्वच्छ व नवीकरणीय है, और यह प्रणाली कार्बन उत्सर्जन की रोकथाम में भी मदद करती है.

इसके अलावा, इन इकाइयों से सीमित ग्रिड बिजली बुनियादी ढाँचे या अनियमित बिजली आपूर्ति वाले क्षेत्रों को ख़ासतौर पर फ़ायदा पहुँचता है. 

इन प्रणालियों से, किसानों का उत्पाद, ख़राब हुए बिना, लम्बे समय तक संग्रहीत करना सम्भव होता है, जिससे वो अधिक बाज़ारों में जाकर अपनी उपज का बेहतर दाम हासिल कर सकते हैं. 

चन्दा कहती हैं, "मैं ज़्यादातर फूलगोभी और लौकी उगाती हूँ. फिर उन्हें भंडार में सुरक्षित रखकर, शादी के मौसम में बेचती हूँ, उस समय सब्ज़ियों की माँग अधिक होती है. इससे 2023 में मेरी आय लगभग 50% बढ़ गई."

चन्दा अपनी आमदनी बढ़ने से अब घरेलू ख़र्चें पूरा करने और अपने बच्चों की शिक्षा के लिए बचत करने, और अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित करने में सक्षम है.

महिला नेतृत्व

इन कोल्ड स्टोरेज के बारे में अनोखी बात यह है कि इनका स्वामित्व और रखरखाव, महिलाओं के नेतृत्व वाले किसान उत्पादक संगठन (एफ़पीओ) और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ही करते हैं. 

ये संगठन, महिलाओं को बाज़ार में चीज़ों की नीलामी में भाग लेने और अपने वित्त पर नियंत्रण रखने के लिए मज़बूत बनाते हैं. ये ऐसे काम हैं, जहाँ कृषि क्षेत्र में पारम्परिक रूप से पुरुषों का वर्चस्व रहा है.

बिहार में अब तक 5,000 महिलाएँ इन समूहों में शामिल हो चुकी हैं, और इन कोल्ड स्टोरेज में 300 टन से अधिक सब्ज़ियाँ एवं फल भंडार किए गए हैं. इससे लगभग 25,000 अमेरिकी डॉलर मूल्य की उपज को ख़राब होने से बचाया जा सका है. 

बिहार में यूएनडीपी के सहयोग से स्थापित सौर ऊर्जा संचालित कोल्ड स्टोरेज में अपनी सब्जियों का भंडारण करतीं महिला किसान.
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इस पहल के तहत, अब अधिकाधिक किसानों को, ख़राब होने वाली फ़सलों को कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित भंडारण के लिए जागरूक किया जा रहा है. साथ ही, छोटे किसानों को जलवायु अनुकूल खेती में उभरती प्रौद्योगिकियों पर जानकारी दी जा रही है.

कृषि पद्धतियों में सौर प्रौद्योगिकियाँ अपनाने से, न केवल कृषक समुदायों में मज़बूती बढ़ती है बल्कि हमारे ग्रह पर जलवायु परिवर्तन के व्यापक प्रभाव को कम करने में भी मदद मिलती है.

चन्दा अपने सामने सब्ज़ियों के ढेर को देखकर मुस्कुराते हुए कहती हैं, “इस छोटे से खेत में, लगाया गया हर बीज एक वादा, और हर फ़सल एक जीत के समान है. भोजन उगाना केवल एक काम भर नहीं है, यह इस भूमि पर अपना भविष्य सुनिश्चित करने का हमारा तरीक़ा है.”