वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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ग़ाज़ा पट्टी के दक्षिण में स्थित रफ़ाह में, निवासियों और विस्थापितों को पीने का पानी वितरित किया जा रहा है.
© UNICEF/Eyad El Baba

ग़ाज़ा के लिए मानवीय राहत तैयार, अन्तिम समझौते का इन्तज़ार

मध्य पूर्व क्षेत्र में हिंसक टकराव में, अमेरिका की मध्यस्थता के बाद, राहत सामग्री से लदे 20 ट्रक, ग़ाज़ा में सहायता सामग्री पहुँचाने के लिए, गुरूवार को, मिस्र की सीमा पर क़तार में मुस्तैद हैं.

ग़ाज़ा में तेज़ी से भोजन ख़त्म हो रहा है.
© UNICEF/Hassan Islyeh

गाज़ा-इसराइल टकराव: हमलों के बीच आम लोगों के बारे में गहराती चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय – OHCHR ने मंगलवार को फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में अपने स्थानों पर बचे हुए आम लोगों की सुरक्षा पर, इसराइल कै सैन्य अभियानों के बीच फिर से चेतावनी जारी की है. 

पीने के पानी की बोतलों से लदे ट्रक, मिस्र के एल अरिश के पास.
© UNICEF/Mohamed Ragaa

ग़ाज़ा भेजे जा रहे सहायता क़ाफ़िले में क्या होता है?

ग़ाज़ा से लगभग एक किलोमीटर दूरमिस्र की ओर रफ़ाह सीमा चौकी पर खड़े ट्रकों के एक लम्बे क़ाफ़िले में, भोजनईंधनपानी और दवाओं जैसी सैकड़ों टन जीवनरक्षक सहायता सामग्री लदी है. ट्रक के ड्राइवर, इसराइल की हरी झंडी का इन्तजार कर रहे हैं, ताकि वो गोलीबारी के बीच फँसे 23 लाख फ़लस्तीनियों तक मदद पहुँचा सकें.

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में भूकम्प प्रभावित इलाक़ों में अनेक परिवारों ने अपने परिजनों, घरों व सम्पत्तियों को खो दिया है.
© UNICEF/Osman Khayyam

अफ़ग़ानिस्तान: भूकम्प के बाद बचाव व राहत कार्यों में सक्रिय यूएन एजेंसियाँ

अफ़ग़ानिस्तान में 7 अक्टूबर, 2023 को सुबह रिक्टर पैमाने पर 6.3 की तीव्रता वाला भूकम्प आया जिससे 1,300 से अधिक लोगों की मौत हो गई. भूकम्प के सिलसिलेवार झटके बाद में भी महसूस किए गएजिससे हालात बद से बदतर हो गए हैं. यूएन की एजेंसियाँ, पीड़ितों की मदद में जुटी हैं और भोजन, शरण व चिकित्सा प्रदान करने व क्षति के आकलन के लिए अपनी टीमें तैनात कर रही है. एक वीडियो रिपोर्ट.

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में एक लड़का, एक अस्थाई आश्रय स्थल में, कम्बल ले जाते हुए.
UNICEF

इसराइल-फ़लस्तीन टकराव: प्रमुख घटनाओं का झरोखा

मध्य पूर्व में इसराइल और फ़लस्तीन के दरम्यान, अनेक दशकों से हिंसक युद्ध जारी है जिसकी जड़ें 1948 तक पहुँचती हैं, जब इसराइल नामक देश की स्थापना हुई थी और उस समय लाखों फ़लस्तीनियों को उनकी भूमि से बेदख़ल करके अन्य स्थानों (देशों) को विस्थापित कर दिया गया था. 1967 के मध्य पूर्व के बाद, इसराइल ने कुछ फ़लस्तीनी इलाक़ों पर क़ब्ज़ा कर लिया था जिनमें ग़ाज़ा, पश्चिमी तट और येरूशेलम के कुछ हिस्से शामिल हैं. इस विवाद की एक संक्षिप्त समय-रेखा...

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP), ग़ाज़ा में चल रही हिंसा से आश्रय ले रहे परिवारों को ब्रेड वितरित कर रहा है.
© WFP/Ali Jadallah

संकटकाल में संयुक्त राष्ट्र की जीवन रक्षक सहायता: कुछ तथ्य

पृथ्वी के कुछ सर्वाधिक ख़तरनाक स्थानों में, रिकॉर्ड संख्या में लोगों को भोजनदवाआपातकालीन शिक्षा और आश्रय प्रदान करने में किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैसंयुक्त राष्ट्र, दुनिया भर में इन राहत कार्यों को अंजाम देता है, जिसमें अफ़ग़ानिस्तानहेतीसूडानयूक्रेन और इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र शामिल हैं.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश, मध्य पूर्व की स्थिति के बारे में पत्रकारों को ताज़ा जानकारी देते हुए.
UN Photo/Evan Schneider

मध्य पूर्व: 'दुनिया को आम लोगों की सुरक्षा की ख़ातिर एकजुट होने की ज़रूरत'

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि आम लोगों की सुरक्षा के सिद्धान्त पर, दुनिया को एकजुट होना होगा, मृत्यु व विध्वंस के इस अन्तहीन चक्र को रोकने के लिए एक दीर्घकालीन समाधान तलाश करना होगा.

 काराबाख़ छोड़कर गोरिस पहुँचने वाले लोग, स्थानीय प्रशासन से बातचीत की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
© IOM/Joe Lowry

सहायता पहुँचाने की एक लाख वजहें: आर्मीनिया में IOM के सक्रिय राहत प्रयास

दक्षिणी कॉकेसस के काराबाख़ क्षेत्र से पलायन करके आर्मीनिया में शरण लेने एक लाख शरणार्थी अपना जीवन फिर से पटरी पर लाने में जुटे हैं. अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन एजेंसी (IOM) के जो लॉरी ने गोरिस से बताया कि उनका संगठन इन शरणार्थियों को हरसम्भव मदद प्रदान कर रहा है. 

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के कर्मचारी, ग़ाज़ा में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित एक स्कूल में, पनाह लिए हुए लोगों को खाद्य सामग्री वितरित करते हुए.
© WFP/Ali Jadallah

ग़ाज़ा में संयुक्त राष्ट्र (UNRWA) की मुस्तैदी: 5 तथ्य

संयुक्त राष्ट्र, इसराइल-फ़लस्तीन संकट को कम करने के लिए मध्य पूर्व क्षेत्र में चौबीसों घंटे काम कर रहा है. यूएन एजेंसियाँ, सभी पक्षों से संवाद के अलावा, ज़मीन पर राहत सहायता प्रदान करने में जुटी हैं. इन प्रमुख भूमिका, फ़लस्तीनी शरणार्थियों की सहायता के लिए यूएन एजेंसी - UNRWA की है. (वीडियो).

यूएन मुख्यालय में 'वसुधैव कुटुम्बकम' की थीम पर अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन.
UN Photo/Rick Bajornas

'वसुधैव कुटुम्बकम' विषय पर, भारतीय मिशन द्वारा अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन

यूएन महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ विषय पर आयोजित एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा है कि हर परिवार के पास जिस तरह से अपनी समर्थन प्रणाली है, वैसे ही हमें भी एक साथ मिलकर एक वैश्विक समर्थन प्रणाली का निर्माण करने की आवश्यकता है.