संकटकाल में संयुक्त राष्ट्र की जीवन रक्षक सहायता: कुछ तथ्य
पृथ्वी के कुछ सर्वाधिक ख़तरनाक स्थानों में, रिकॉर्ड संख्या में लोगों को भोजन, दवा, आपातकालीन शिक्षा और आश्रय प्रदान करने में किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है? संयुक्त राष्ट्र, दुनिया भर में इन राहत कार्यों को अंजाम देता है, जिसमें अफ़ग़ानिस्तान, हेती, सूडान, यूक्रेन और इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र शामिल हैं.
वर्ष 2022 में, पृथ्वी पर प्रत्येक 33 लोगों में से एक (अर्थात 24 करोड़ 20 लाख लोग) को, मानवीय सहायता की आवश्यकता थी, और उस सहायता का अधिकांश हिस्सा संयुक्त राष्ट्र के ज़रिए समन्वित किया गया था.
आख़िरकार, संयुक्त राष्ट्र यह कार्य किस तरह करता है:
समन्वय: संकटकाल में नेतृत्व
जैसे ही इस सप्ताह, 7 अक्टूबर को इसराइल-फ़लस्तीन संकट शुरू हुआ, न्यूयॉर्क में मानवीय मामलों के समन्वय का यूएन कार्यालय (UNOCHA) तुरन्त सक्रिय हो गया. संयुक्त राष्ट्र की सभी आपातकालीन प्रतिक्रियाओं की तरह, इस एजेंसी का काम भी ज़रूरतमन्द लोगों तक जीवन रक्षक सहायता पहुँचाने के प्रयासों को सुविधाजनक बनाना है.
अफ़ग़ानिस्तान, सूडान और हाल ही में ग़ाज़ा जैसे इलाक़ों में, ज़मीनी स्तर पर राहत प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाली, विश्व में आपात सहायता के लिए पहचाने जाने वाली अनेक यूएन एजेंसियों के नाम प्रमुख हैं, जिनमें संयुक्त राष्ट्र का विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP), शरणार्थियों पर केन्द्रित (UNHCR) और बच्चों पर केन्द्रित ((UNICEF) शामिल हैं.
उधर, न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक संकटकालीन टीम (crisis team) दुनिया भर के संघर्षग्रस्त स्थानों की निगरानी के लिए चौबीसों घंटे काम करती है. इन प्रयासों में मदद के लिए, संयुक्त राष्ट्र का वैश्विक संचार विभाग (DGC) वैश्विक स्तर पर, ऑनलाइन एवं सोशल मीडिया पर, आपातकालीन ज़रूरतों व वित्तपोषण की अपीलें प्रसारित करने में मदद करता है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंतोनियो गुटेरेश और उनके विशेष दूत, प्रत्येक संघर्ष के प्रमुख पक्षों से संवाद करके, शान्तिपूर्ण समाधान खोजने के प्रयास करते हैं. इस दौरान, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख और कर्मचारी, ज़मीनी स्तर पर हालात पर नज़र रखते हैं, मीडिया को इसकी नवीनतम जानकारी देते हैं, और राष्ट्रीय अधिकारियों के साथ मिलकर, संकटग्रस्त समुदायों को राहत प्रदान करने के सर्वोत्कृष्ट एवं सबसे सुरक्षित तरीक़े खोजते हैं.
सहायता केन्द्र: विश्व का सबसे बड़ा मानवीय गोदाम
योजना बनाना आवश्यक है; दुनिया भर में ज़रूरतमन्द लोगों को वितरित की जाने वाली अधिकांश राहत सहायता, डेनमार्क की भंडारण सुविधाओं से आती है, जहाँ कोपेनहेगन में यूनीसेफ़ का वैश्विक आपूर्ति एवं लॉजिस्टिक्स हब स्थित है. यह भंडार, 20 हज़ार वर्ग मीटर से अधिक में फैला, दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय सामग्री गोदाम है.
डेनमार्क द्वारा दान में दिए इस गोदाम में, आपूर्ति के 36 हज़ार बोरे संग्रहीत किए जा सकते हैं, जिन्हें स्वचालित रोबोट क्रेन द्वारा एक जगह से दूसरी जगह स्थानान्तरित किया जाता है.
अतिरिक्त केन्द्र, चीन, इटली, पनामा और संयुक्त अरब अमीरात सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में स्थित हैं.
वादों पर अमल
इन अभियानों के लिए, दुनिया भर के देशों से वित्तपोषण आता है, जोकि साल भर संयुक्त राष्ट्र केन्द्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष (CERF) को भी धनराशि मुहैया कराते हैं. OCHA द्वारा प्रबन्धित, इस कोष के ज़रिए अब तक, 100 से अधिक देशों में, 6 अरब डॉलर से अधिक की जीवन-रक्षक सहायता प्रदान की गई है.
संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यालय, संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रबन्धित देश-आधारित कोष (CBPF) का संचालन भी करता है, जिससे उसकी अपनी संस्थाओं, ग़ैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और रेड क्रॉस/रेड क्रैसेंट समेत, ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले संगठनों को धनराशि उपलब्ध करवाई जाती है.
2022 में, OCHA ने CBPF के ज़रिए, रिकॉर्ड 1.2 अरब डॉलर का आवंटन किया, जिससे भागीदारों ने संकट में फँसे लगभग 4 करोड़ 70 लाख लोगों की मानवीय ज़रूरतें पूरी करने में मदद की.
हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने, ग़ाज़ा और पश्चिमी तट पर शरण लिए हुए लोगों की मदद के लिए, सप्ताह के शुरू में 50 लाख डॉलर की मदद भेजी.
वहाँ तक सहायता किस तरह पहुँचती है
संयुक्त राष्ट्र, नावों, ट्रक, विमान और ड्रोन तक के ज़रिए, ज़रूरतमन्द लोगों तक सहायता पहुँचाता है. अगर आपको कभी यह ख़याल आया है कि उन संकटग्रस्त देशों में सहायता आपूर्ति और स्वयं राहतकर्मी किस तरह वहाँ पहुँच पाते हैं, जहाँ उनकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है!
तो इसका उत्तर है, संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी वायु सेवा, जो अलग-थलग पड़े उन समुदायों तक पहुँचने में मदद करती है, जहाँ पहुँचने का कोई अन्य साधन उपलब्ध नहीं होता है.
संक्षिप्त में UNHAS नाम द्वारा जानी जाने वाली यह सेवा, 2003 में स्थापित की गई थी, और इसका प्रबन्धन WFP करती है. पिछले दो दशकों से, यह संकटग्रस्त क्षेत्रों से व्यापक मानवीय समुदाय के लिए यात्री एवं हल्के सामान की आवाजाही का सुरक्षित, विश्वसनीय, किफ़ायती व प्रभावी साधन रहा है.
UNHAS के पास हेलीकॉप्टरों समेत 90 से अधिक विमानों का बेड़ा है, जो औसतन 33 हज़ार से अधिक यात्रियों व लगभग 300 मीट्रिक टन हल्के माल को प्रति माह 310 नियमित गंतव्यों तक पहुँचाता है.
2016 में अफ़्रीका में पहला मानवीय ड्रोन गलियारा आरम्भ करने वाली एजेंसी यूनीसेफ़ के अनुसार, टीके, दवाएँ, नैदानिक नमूने, रक्त उत्पाद और अन्य वस्तुएँ दुर्गम क्षेत्रों तक पहुँचाने के लिए भी ड्रोन का उपयोग किया जाता है.
वितरण के मार्ग महत्वपूर्ण हैं, इसलिए संयुक्त राष्ट्र, संघर्षों के दौरान राष्ट्रों के साथ परिवहन समझौतों पर भी चर्चा करता है. इसमें सीरिया में सहायता के साथ-साथ रूस, तुर्किये और यूक्रेन द्वारा सहमत काला सागर पहल भी शामिल थी, जिसके तहत एक वर्ष के लिए, तीन महाद्वीपों के 45 देशों में 32 टन से अधिक खाद्य सामग्री पहुँचाई गई.
ज़मीन पर सुरक्षित मार्ग
संयुक्त राष्ट्र और ज़मीनी स्तर पर काम करने वाली उसकी एजेंसियाँ, मानवीय गलियारों की स्थापना करने, या सहायता कर्मियों के लिए सुरक्षित, बाधा रहित पहुँच बनाने और ज़रूरतमन्द लोगों तक सुरक्षित रूप से पहुँचने के लिए, राष्ट्रीय प्रशासन से नियमित रूप से अनुरोध करती हैं.
आपात स्थिति में, राष्ट्रीय स्तर पर यूएन के मानवतावादी और स्थानीय समन्वयक, स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर राहत प्रयासों में मदद करते हैं.
लेकिन, मुख्य रूप से वे संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी ही हैं, जो अपने स्थानीय ज्ञान और सम्पर्कों के ज़रिए, बड़े जोखिमों का सामना करते हुए अधिकांश राहत कार्यों को अंजाम देते हैं. इनमें फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी UNRWA के कर्मचारी भी शामिल हैं.
एक दर्जन संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ और 17 हज़ार कर्मचारी, जिनमें ज़्यादातर फ़लस्तीनी शरणार्थी हैं, ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में काम करते हैं, और वहाँ रहने वाले 20 लाख से अधिक लोगों को राहत सहायता प्रदान करते हैं.
यूएन कर्मियों ने इसराइल में गिरते रॉकेटों और बन्द सीमाओं के बावजूद, संकट शुरू होने के पाँच दिन बाद गुरुवार से ही, ग़ाज़ा में राहत कार्रवाई शुरू कर दी, वो भी संयुक्त राष्ट्र की घोषणा होने के बावजूद कि हवाई हमलों में उसके 12 कर्मचारी मारे गए हैं.
OCHA स्टाफ़ सदस्य, हमादा एल बयारी ने यूएन न्यूज़ को बताया, "मानवतावादी समुदाय, इस तथ्य के बावजूद जवाबी कारर्वाई जारी रखे हुए है कि ग़ाज़ा में पर्याप्त संसाधनों की कमी है."
उन्होंने कहा, "आपूर्ति श्रृंखला लगभग पूरी तरह से बन्द हो गई है और पिछले कुछ दिनों से संसाधनों को ग़ाज़ा में आने की अनुमति नहीं मिली है. मानवीय सहायता कार्यकर्ताओं के लिए, पिछले कुछ दिनों में प्रभावित इलाक़ों तक पहुँचना बेहद चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है."
क्या आप जानते हैं?
संयुक्त राष्ट्र, संकट के दौरान, अपना वैश्विक मानवीय सहायता नेटवर्क संगठित करता है, जिसका अन्तिम लक्ष्य होता है, ज़रूरतमन्द लोगों तक पहुँचना और किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना. इससे जुड़े कुछ तथ्य यहाँ दिए गए हैं:
• संयुक्त राष्ट्र, दुनिया भर के 83 देशों में 9 करोड़ 14 लाख से अधिक लोगों को भोजन और सहायता प्रदान करता है.
• संयुक्त राष्ट्र दुनिया के लगभग आधे – यानि 45 प्रतिशत बच्चों को टीके की आपूर्ति करता है, जिससे हर साल 30 लाख लोगों की जान बचाने में मदद मिलती है.
• संयुक्त राष्ट्र, युद्ध, अकाल और उत्पीड़न से भाग रहे, 7 करोड़ 14 लाख से अधिक लोगों को सहायता एवं सुरक्षा प्रदान करता है.