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ग़ाज़ा के लिए मानवीय राहत तैयार, अन्तिम समझौते का इन्तज़ार

ग़ाज़ा पट्टी के दक्षिण में स्थित रफ़ाह में, निवासियों और विस्थापितों को पीने का पानी वितरित किया जा रहा है.
© UNICEF/Eyad El Baba
ग़ाज़ा पट्टी के दक्षिण में स्थित रफ़ाह में, निवासियों और विस्थापितों को पीने का पानी वितरित किया जा रहा है.

ग़ाज़ा के लिए मानवीय राहत तैयार, अन्तिम समझौते का इन्तज़ार

मानवीय सहायता

मध्य पूर्व क्षेत्र में हिंसक टकराव में, अमेरिका की मध्यस्थता के बाद, राहत सामग्री से लदे 20 ट्रक, ग़ाज़ा में सहायता सामग्री पहुँचाने के लिए, गुरूवार को, मिस्र की सीमा पर क़तार में मुस्तैद हैं.

लगभग 3 हज़ार टन सहायता सामग्री, शनिवार से मिस्र की ओर की चौकी पर, ग़ाज़ा में प्रवेश की प्रतीक्षा कर रही है. बुधवार को, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पाई, जिसके तहत सहायता वितरण के लिए "मानवीय विराम" का आहवान किया गया था.

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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के काहिरा पहुँचने की उम्मीद

मंगलवार को शहर के ग़ाज़ा सिटी में अल-अहलि अस्पताल पर हुए एक प्रहार के बाद, महासचिव एंतोनियो गुटेरेश द्वारा "तत्काल मानवीय युद्धविराम" के आहवान के बाद माना जा रहा है कि वह, गुरूवार को अपने राजनयिक प्रयास आगे बढ़ाने के लिए काहिरा पहुँचेंगे. ग़ाज़ा के सत्ताधीन अधिकारियों के अनुसार, इस प्रहार में, 471 लोगों की मौत हुई है.

संयुक्त राष्ट्र मानवीय समन्वय कार्यालय OCHA ने बताया है कि संघर्ष बढ़ने के बाद से ग़ाज़ा में यह सबसे घातक घटना थी और अनेक बच्चे, स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी और आन्तरिक रूप से विस्थापित लोग इसका निशाना बने हैं.

जीवन दाँव पर

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी WHO के प्रमुख, डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने रफ़ाह सीमा के ज़रिए घोराबन्दी किए क्षेत्र में "अमेरिका के नेतृत्व और इसराइल के भोजन, पानी एवं चिकित्सा सहायता की अनुमति देने के समझौते" का स्वागत करते हुए कहा कि "इस पर अनगिनत जीवन निर्भर करते हैं."

संयुक्त राष्ट्र के राहत प्रमुख, मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए, ज़ोर दिया कि यह आवश्यक है कि सभी मानवीय सहायता समूह, "समस्त ग़ाज़ा में, ज़रूरतमन्द नागरिकों तक, बिना किसी बाधा, अपनी पसन्द के स्थानों पर, व उन जगहों पर राहत पहुँचा सकें, जहाँ वे ख़ुद को सुरक्षित महसूस करें तथा जहाँ हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें.''

विनाशकारी स्थिति

ग़ाज़ा की आबादी, तेज़ी से विनाशकारी स्थिति की तरफ़ धकेली जा रही है. 11 अक्टूबर से बिजली पूरी तरह ठप है, बढ़ती खाद्य असुरक्षा व स्वास्थ्य प्रणाली ढहने के कगार पर है.

OCHA के अनुसार, ग़ाज़ा में पीने, भोजन पकाने व स्वच्छता जैसी सभी ज़रूरतों के लिए प्रति व्यक्ति औसत पानी की खपत, अनुमानित केवल तीन लीटर प्रति दिन है. संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने यह भी चेतावनी दी कि लोग असुरक्षित स्रोतों से पानी का सेवन करने को मजबूर हैं, जिससे "मृत्यु व आबादी में संक्रामक रोग फैलने का ख़तरा होता है."

दो में से हर एक व्यक्ति विस्थापित

OCHA के अनुसार, टकराव शुरू होने के बाद से लगभग दस लाख लोग यानि ग़ाज़ा की समस्त आबादी का लगभग आधा हिस्सा विस्थापित हुआ है. फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी, UNRWA के आपातकालीन आश्रयों में 5 लाख से अधिक लोग रह रहे हैं, जबकि क्षेत्र में इसराइली बमबारी जारी है.