वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

के द्वारा छनित:

नवीनतम समाचार

यमन के साआदा में, एक ध्वस्त वाहन के पास खड़े दो लड़के.
© WFP/Jonathan Dumont

यमन: पिछले सप्ताह गठबन्धन के हमले में 91 की मौत और सैकड़ों घायल

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने शुक्रवार को कहा है कि यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबन्धन ने पिछले सप्ताह उत्तरी शहर – साआदा में एक बन्दीगृह पर जो हवाई हमले किये थे, उनमें, आरम्भिक ख़बरों के अनुसार 91 लोग मारे गए और अनेक अन्य घायल हुए हैं. 

इथियोपिया के अफ़ार में एक विस्थापित महिला अपने परिवार के लिये खाना पका रही है.
© WFP/Claire Nevill

इथियोपिया: 90 लाख लोगों को खाद्य सहायता की आवश्यकता

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने शुक्रवार को नए आँकड़े जारी किये हैं जिनके मुताबिक़, इथियोपिया में 15 महीने से चले आ रहे हिंसक संघर्ष के बाद, उत्तरी क्षेत्र टीगरे क्षेत्र में क़रीब 40 फ़ीसदी लोग, भोजन की गम्भीर क़िल्लत से जूझ रहे हैं. 

म्याँमार में सैन्य तख़्तापलट के विरोध में जन प्रदर्शन
Unsplash/Pyae Sone Htun

म्याँमार: नागरिक शासन की बहाली के लिये, संगठित प्रयासों की दरकार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, म्याँमार में सेना से देश के नागरिकों के ख़िलाफ़ हिंसक अभियान रोकने और नागरिक शासन की बहाली पर ज़ोर देने के लिये दबाव बनाने की अपील की है. ये अपील म्याँमार में एक फ़रवरी 2021 को हुए सैन्य तख़्तापलट की पहली वर्षगाँठ के अवसर पर की गई है.

निजेर के तिलाबेरी इलाक़े में विस्थापितों के लिये बनाए गए एक शिविर में एक युवती पानी ले जा रही है.
© UNOCHA/Michele Cattani

20 देशों और क्षेत्रों में बढ़ी खाद्य असुरक्षा, हालात और बिगड़ने का जोखिम

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के एक नए विश्लेषण में, भूख की मार झेल रहे 20 देशों और क्षेत्रों – हॉटस्पॉट्स – में गम्भीर होती खाद्य असुरक्षा और लाखों लोगों की ज़िन्दगियों पर मंडराते जोखिम पर चिन्ता जताई गई है.

पोलैण्ड में ऑशवित्ज़-बर्कनाउ यातना शिविर में सूर्यास्त का एक दृश्य.
UN Photo/Evan Schneider

हॉलोकॉस्ट: मानव इतिहास की अभूतपूर्व भयावहता और सुनियोजित क्रूरता के पीड़ितों का स्मरण

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को हॉलोकॉस्ट स्मरण दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को अपने सम्बोधन के दौरान, यहूदी जनसंहार की अभूतपूर्व भयावहता और क्रूरता के पीड़ितों को श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए, भरोसा दिलाया है कि धार्मिक कट्टरता, भेदभाव और नस्लवाद के सभी रूपों के विरुद्ध लड़ाई में, संयुक्त राष्ट्र अग्रिम मोर्चे पर मौजूद है. 

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में महिलाएँ पौध लगाते हुए.
CIFOR/Axel Fassio

प्रकृति-आधारित समाधानों में निवेश बढ़ाएँ जी20 देश, नई रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और उसके साझीदार संगठनों की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु, जैवविविधता और भूमि-क्षरण संकटों से निपटने के लिये, जी20 समूह के देशों को प्रकृति-आधारित समाधानों में निवेश, 2050 तक प्रतिवर्ष 285 अरब डॉलर तक ले जाना होगा. 

नफ़रत के ख़िलाफ़ एकजुटता दिखाने के लिये, न्यूयॉर्क के एक यहूदी धर्मस्थल - सिनेगॉग में एक अन्तर धार्मिक सभा का आयोजन. (31 अक्तूबर 2018)
UN Photo/ Rick Bajornas

नफ़रत को दूर धकेलना होगा, मिशेल बाशेलेट

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि नस्लभेद और ख़ुद से भिन्न लोगों के लिये नफ़रत का फैलाव (Xenophobia) अपने सिर फिर तेज़ी से उठा रहे हैं. उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान योरोप में यहूदियों के जनसंहार – हॉलोकॉस्ट की याद में, 27 जनवरी को मनाए जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय दिवस के इस सन्दर्भ में कहा है कि यहूदियों के स्थलों पर हिंसक हमले हो रहे हैं और अनेक देशों में यहूदी विरोधवाद की घटनाएँ देखी गई हैं.

कोलम्बिया के एक इलाक़े में कोविड-19 से बचाव के लिये टीकाकरण टीम.
WHO/PAHO/Nadege Mazars

कोविड-19: एक सप्ताह में सर्वाधिक संक्रमण मामलों की पुष्टि, ओमिक्रॉन का जोखिम बरक़रार

पिछले सप्ताह कोविड-19 संक्रमण मामलों की संख्या अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई और विश्व भर में, दो करोड़ 10 लाख से अधिक मामले दर्ज किये गए. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपने साप्ताहिक अपडेट में आगाह किया है कि कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वैरीएण्ट से उपजा जोखिम अभी भी ऊँचे स्तर पर है.

सीरिया के पश्चिमोत्तदर हिस्से में बर्फ़बारी से विस्थापितों के लिये बनाए गए शिविरों में रहने वाले लोग भी प्रभावित हुए हैं.
© UNOCHA/Ali Haj Suleiman

सीरिया: कोई सैन्य समाधान, एक छलावा है, विशेष दूत

संयुक्त राष्ट्र के विशेष सीरिया दूत गेयर पैडरसन ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को आगाह करने वाले शब्दों में कहा है कि दो वर्षों के दौरान अग्रिम मोर्चों में कोई भी तब्दीली नहीं आने के हालात में, एक रणनैतिक गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई लगती है, जबकि देश में युद्ध को लगभग 11 वर्ष हो गए हैं.